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Ayodhya News: रामायण विश्वविद्यालय में 'अपने-अपने राम' कथा की शुरूआत, उमड़ी भारी भीड़

Ayodhya News: कुमार विश्वास ने भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "भगवान राम अयोध्या से प्रयागराज गए थे, और आज हम भी इसी पवित्र भूमि पर आए हैं। यह मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य का क्षण है।"

NathBux Singh
Published on: 10 Jan 2025 8:12 PM IST
Three-day Apne-Apne Ram Katha inaugurated at Maharishi Mahesh Yogi Ramayana University, Ayodhya
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अयोध्या के महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय 'अपने-अपने राम' कथा का शुभारंभ- (Photo- Social Media)

Ayodhya News: अयोध्या के महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय 'अपने-अपने राम' कथा का शुभारंभ राष्ट्रीय कवि डॉ. कुमार विश्वास ने किया। इस अवसर पर उन्होंने महर्षि महेश योगी जी की दूरदर्शिता और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि महर्षि महेश योगी जी भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रचारक थे, जिनकी सोच ने न केवल देश, बल्कि विदेशों में भी भारतीय ज्ञान और परंपराओं का प्रसार किया। कुमार विश्वास ने महर्षि जी की स्थापनाओं की सराहना करते हुए कहा कि उनका योगदान अनमोल है, और उनके जैसे संत आजकल बहुत कम देखने को मिलते हैं।

इस कथा के शुभारंभ में भावुक होते हुए, कुमार विश्वास ने भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "भगवान राम अयोध्या से प्रयागराज गए थे, और आज हम भी इसी पवित्र भूमि पर आए हैं। यह मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य का क्षण है।" उन्होंने रामलला के दर्शन को लेकर अपनी भावनाओं का इज़हार किया और बताया कि दर्शन के बाद उनकी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। वह कहते हैं, "रामलला के दर्शन तो 15 सेकंड के थे, लेकिन मेरी आंखों से आंसू 15 मिनट तक बहते रहे।"

राम के अस्तित्व को कोई नहीं नकार सकता- कुमार विश्वास

कुमार विश्वास ने राम जन्मभूमि विवाद का भी उल्लेख किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट में यह मामला चल रहा था, तब कुछ लोग भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे थे। लेकिन उनका कहना था कि जब रामनवमी के दिन सुप्रीम कोर्ट ने अदालत बंद कर दी, तो यह खुद में एक संकेत था कि राम के अस्तित्व को कोई नहीं नकार सकता।

कार्यक्रम के पहले दिन, करीब 10,000 से अधिक लोग इस कथा में शामिल हुए। इस तीन दिवसीय कथा में भगवान राम के जीवन, उनके संघर्ष, और उनके आदर्शों को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया जाएगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भगवान राम के आदर्शों को हर व्यक्ति तक पहुँचाने का एक प्रयास है।



Shashi kant gautam

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