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Ayodhya Deepotsav 2023: योगी के दीपोत्सव के लिए तैयार हो रहे हैं, वॉलंटियर्स, छात्रों के खूबसूरत कलाकृतियाँ से सजा अवध विश्वविद्यालय

Ayodhya Deepotsav 2023: 11 नवम्बर को दीपोत्सव के दिन 21 लाख दीपों को जलाने के लिए राम की पैड़ी व चौधरी चरण सिंह घाट पर भी दीप जलाने को लिए विश्वविद्यालय पर्सन सम्बद्ध महाविद्यालयों, स्वयंसेवी संस्थाओं के 25 हजार से अधिक वालंटियर्स तैयार किये जा रहे हैं।

NathBux Singh
Published on: 29 Oct 2023 2:15 PM IST
Ayodhya Deepotsav 2023 Preparation Avadh University
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Ayodhya Deepotsav 2023 Preparation Avadh University 

Ayodhya Deepotsav 2023: मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के महत्वाकांक्षी दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए अयोध्या में जहां प्रशासनिक स्तर पर तैयारियाँ ज़ोरों पर है, वहीं वॉलंटियर्सों को प्रशिक्षित करने के काम को भी अंजाम देने की गति बढ़ा दी गयी है। राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रतिभा गोयल की देख रेख में जहां वालंटियर्स के लिए बार कोड वाला आई कार्ड तैयार किया जा रहा है, वहीं आई कार्ड को फूल प्रूफ बनाने के लिए कई नये फीचर्स भी शामिल किए गये हैं। क्यूआर कोड से लैस आईकार्ड में वालंटियर्स का नाम फोटों, मोबाइल नम्बर, घाट की तैनाती स्थल, एवं क्रमांक अंकित रहेगा। इन वालंटियर्स के आईकार्ड में डुप्लीकेसी नहीं हो पायेगी आईकार्ड में जिला प्रशासन के प्राधिकृत अधिकारी, दीपोत्सव नोडल अधिकारी के साथ प्राधिकृत संस्था या इकाई के हस्ताक्षर भी रहेंगे।

11 नवम्बर को दीपोत्सव के दिन 21 लाख दीपों को जलाने के लिए राम की पैड़ी व चौधरी चरण सिंह घाट पर भी दीप जलाने को लिए विश्वविद्यालय पर्सन सम्बद्ध महाविद्यालयों, स्वयंसेवी संस्थाओं के 25 हजार से अधिक वालंटियर्स तैयार किये जा रहे हैं। दीपोत्सव के नोडल अधिकारी प्रो एस एस मिश्र ने बताया कि वालंटियर्स के आईकार्ड को फूल प्रूफ़ बनाया गया है। इसे स्कैन करने पर छात्र का पूरा विवरण स्क्रीन पर आ जायेगा। इससे डुप्लीकेसी नही हो पायेगी।


अवध विवि के छात्र- छात्राओं ने अवध की विभिन्न ऐतिहासिक धरोहरों को किया चित्रित

डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के ललित कला (फाईन आर्ट्स) विभाग तथा अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चल रही नौ दिवसीय पेन्टिग कार्यशाला के अंतर्गत प्रतिभागी छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक धरोहर आधारित तैल चित्रण कार्य किया गया । जिसमे अवध की विभिन्न एतिहासिक धरोहर को चित्रित करते हुए अन्तिम स्वरूप प्रदान किया। कैनवास आधारित इस पेन्टिग कार्यशाला में फाईन आर्ट्स के सभी छात्र-छात्राओं ने अपनी कलाकृतियों को विभागीय शिक्षकों की देख रेख में अन्तिम स्वरूप प्रदान किया। बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड आर्थिक संघ की क्षेत्रीय समन्वयक प्रो. मृदुला मिश्रा ने सभी प्रतिभागी छात्र-छात्राओं के कलात्मक कार्यो की सराहना की। ललित कला के समन्वयक प्रो.विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कौटिल्य आर्ट गैलरी को सामान्य जनमानस के अवलोकनार्थ लोकार्पित कर दिया जायेगा।


पेन्टिग कार्यशाला की संयोजिका डॉ सरिता द्विवेदी ने बताया कि पिछले नौ दिनो से चल रही कार्यशाला में छात्र छात्राओं द्वारा ’’ग्राफिंटग पद्धति’’ लीनो पद्धति, वाश पेन्टिग के साथ स्थापत्य कला शैली में आकर्षक एवं रमणीक कलाकृतियों को विशेषज्ञ कलाकारो के निर्देशन में पूरा किया जा चुका है। जिसके अंतर्गत लगभग विभिन्न कला विधाओं की 90 मनमोहक एवं आकर्षक कलाकृतियाँ कौटिल्य आर्ट गैलरी में प्रदर्शन के लिए तैयार हैं कार्यशाला की आयोजन सचिव श्रीमती रीमा सिंह ने बताया कि वुड पर निर्मित होने वाली कलाकृतियाँ कलात्मक उभार के स्वरूप में होगी जिसमें परम्परागत अवध की शैली को विश्लेषित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर श्रीमती सरिता सिंह, डॉ रचना श्रीवास्तव, दिलीप कुमार पाल, विजय कुमार शुक्ला, हीरा लाल यादव, शिव शंकर यादव के साथ विभागीय छात्र-छात्राएं मौजूद रही।

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