Ayodhya Ram Mandir: जानिए क्यों अल्लामा इकबाल भगवान राम को कहते थे ‘इमाम ए हिंद’, नज़्म में लिखा "है राम के वजूद पे हिन्दोस्ताँ को नाज़"

Ayodhya Ram Mandir: भगवान् राम की महिमा को आज हर किसी ने समझा है साथ ही अल्लामा इकबाल की ये नज़्म ने प्रभु राम के महत्त्व को अपनी नज़्म के रूप में समझाया।

Shweta Srivastava
Published on: 22 Jan 2024 3:45 AM GMT (Updated on: 22 Jan 2024 3:46 AM GMT)
Ayodhya Ram Mandir
X

Ayodhya Ram Mandir (Image Credit-Social Media)

Ayodhya Ram Mandir: भगवान् राम की महिमा को हिन्दू ही नहीं बल्कि कई अन्य समुदायों के लोगों ने भी समझा है साथ ही दूसरों को समझाने का भी प्रयास किया है। ऐसे ही एक शायर हुए अल्लामा इकबाल जिन्होंने प्रभु राम के महत्त्व को अपनी नज़्म के रूप में समझाया। .आइये जानते हैं क्या कहा उन्होंने अपनी इस नज़्म में।

अल्लामा इकबाल ने लिखी भगवान राम पर ये नज़्म

मशहूर शायर अल्लामा इकबाल की कई शायरियां आज भी लोगों के ज़हन में हैं। इतना ही नहीं उन्हें उर्दू शायरी में मीर तकी और मिर्जा गालिब की तरह ही शायर समझा जाता रहा है। आपको बता दें कि इकबाल के दादा परदादा कश्मीरी ब्राह्मण थे जिन्होंने इस्लाम धर्म को कबूला और स्यालकोट में जाकर बस गए। लेकिन वहीँ आपको इनकी नज़्मों में गंगा-जमुनी तहजीब की अच्छी खासी झलक नज़र आएगी। साथ ही इन्होने ही लिखा था,"सारे जहां से अच्छा, हिन्दोंसां हमारा, हम बुलबुले हैं इसकी, यह गुलिस्तां हमारा।" वहीँ उन्होंने भगवान् राम पर भी एक नज़्म लिखी। उन्होंने लिखा," ‘है राम के वजूद पे हिन्दोस्ताँ को नाज।'

अल्लामा इकबाल ने राम नाम पर लिखी अपनी नज़्म में भगवान् राम के महत्व को सभी को समझाया। आपको बता दें कि उन्होंने अपनी नज़्म में अहले नजर और इमाम जैसे शब्दों का प्रयोग भगवान् राम के व्यक्तित्व को बताने के लिए किया। गौरतलब है कि अहले नजर का अर्थ इकबाल के अनुसार रूहानी नजर से है, वहीँ वो अपनी नज़्म में राम को इमाम (नेतृत्वकर्ता) के रूप में कहते हैं। अल्लामा इकबाल ने अपनी नज़्म में कहा है कि भगवान् राम एक ऐसे नेतृत्वकर्ता हैं जो लोगों को सही मार्ग दिखाते हैं और उन्होंने अंधेरे से रोशनी की ओर ले जाते हैं। आइये अल्लामा इकबाल की इस नज़्म पर एक नज़र डालते हैं।

लबरेज़ है शराब-ए-हक़ीक़त से जाम-ए-हिंद

सब फ़लसफ़ी हैं ख़ित्ता-ए-मग़रिब के राम-ए-हिंद

ये हिन्दियों की फ़िक्र-ए-फ़लक-रस का है असर

रिफ़अत में आसमाँ से भी ऊँचा है बाम-ए-हिंद

इस देस में हुए हैं हज़ारों मलक-सरिश्त

मशहूर जिन के दम से है दुनिया में नाम-ए-हिंद

है राम के वजूद पे हिन्दोस्ताँ को नाज़

अहल-ए-नज़र समझते हैं इस को इमाम-ए-हिंद

एजाज़ इस चराग़-ए-हिदायत का है यही

रौशन-तर-अज़-सहर है ज़माने में शाम-ए-हिंद

तलवार का धनी था शुजाअ'त में फ़र्द था

पाकीज़गी में जोश-ए-मोहब्बत में फ़र्द था

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

Next Story