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Ram Mandir : "नवकंज लोचन कंजमुख कर कंज पद कंजारुणं" बहुत खास है रामलला की मूर्ति, जानिए क्या है इसकी विशेषताएं
Ram Mandir : गर्भगृह में, रामलला कमल के फूल पर विराजमान हुए है। मूर्तिकार अरुण योगीराज ने रामलला की इस खड़ी मुद्रा वाली मूर्ति को बहुत ही सुंदर स्वरूप में बनाया है।
Ram Mandir : अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का क्षण बहुत नजदीक आ गया है। प्रतीक्षा के क्षण समाप्त होने वाले हैं। मंदिर में विभिन्न विधियों और अनुष्ठानों का कार्यक्रम पहले ही शुरू हो गया है। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के चौथे दिन, शुक्रवार को सुबह नौ बजे, अरणी मंथन से अग्नि प्रज्वलित की गयी। अग्नि के प्रज्वलित होने के साथ ही चौथे दिन का अनुष्ठान शुरू हो गया। इस दौरान, भगवान राम की मूर्ति की एक विशेष छवि सामने आई। इस छवि में, भगवान राम के माथे पर तिलक लगा हुआ, इनकी प्रतिमा को एक सौम्य भाव में देखा जा सकता है। हालांकि, आपको बता दे कि यह छवि मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किए जाने से पहले की है। वर्तमान में, देवता की आंखों में एक पट्टी बंधी हुई है। तो आइए इस छवि में भगवान राम की मूर्ति की सभी विशेषताओं को जानते हैं।
200 किग्रा है वजन तो ऊंचाई 4.24 फीट
भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया गया है। मूर्ति पर भगवान राम की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है। 22 जनवरी को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मूर्ति की पट्टी हटाकर प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। यह वायरल तस्वीर भगवान राम के पूरे स्वरूप को दिखाती है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए हुए, बहुत सौम्य मुद्रा में प्रतिष्ठित हैं। रामलला के चेहरे पर उनकी भक्तों को मोहित करने वाली मुस्कान दिखाई देती है। अगर हम मूर्ति की विशेषताओं को देखें, तो इसमें कई प्रकार की खूबियां हैं। यह मूर्ति श्याम शिला से बनाई गई है, जिसकी आयु हजारों साल होती है। इस मूर्ति को जल से कोई नुकसान नहीं होगा और इसे चंदन, रोली, आदि से सजाने से भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कुल मिलाकर इस मूर्ति को किसी भी रंग या द्रव से कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।मूर्ति का वजन लगभग 200 किलोग्राम है, और इसकी कुल ऊंचाई 4.24 फीट है, जबकि चौड़ाई तीन फीट है। यह मूर्ति कृष्ण शैली में बनाई गई है। यह प्रतिमा कमल दल पर खड़ी मुद्रा में है, हाथ में बाण और धनुष है।
क्या है मूर्ति की खासियत
रामलला की मूर्ति पर स्वास्तिक, ॐ, चक्र, गदा, और सूर्य भगवान की प्रतिष्ठा विराजमान हैं। मूर्ति की आभा देखते ही बनती है। रामलला की मूर्ति के चारों ओर बने विग्रह में भगवान राम के 10 अवतारों के दर्शन एक साथ होते हैं। इसमें पहले मत्स, दूसरे पर कूर्म, तीसरे पर वराह, चौथे पर नरसिंह, पांचवें पर वामन, छठे पर परशुराम, सातवें पर राम, आठवें पर कृष्ण, नौवें पर बुद्ध, और 10वें स्थान पर कल्कि के दर्शन होते हैं। इसके साथ ही मूर्ति के नीचे की ओर एक तरफ हनुमान और दूसरी ओर गरुड़ विराजमान हैं। इस प्रतिमा में रामलला को धनुष-बाण लिए हुए दिखाया गया है। इस प्रतिमा को देखकर, आपको श्रीराम में भगवान विष्णु का अवतार की झलक भी नज़र आएगी। भगवान राम सूर्यवंशी थे, इसलिए इस मूर्ति में एक राजा के पुत्र की छवि भी दिखाई देगी। गर्भगृह में रामलला कमल के फूल पर विराजमान हुए है। मूर्तिकार अरुण योगीराज ने रामलला की इस खड़ी मुद्रा वाली मूर्ति को बहुत ही सुंदर स्वरूप में बनाया है।