Ayodhya Ram Mandir: किसने डिज़ाइन किया है राम मंदिर, जानिए इस टेक्नोलॉजी से बनकर तैयार हुआ है ये

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर को बेहद ख़ूबसूरती से डिज़ाइन किया गया है। आइये जानते हैं कि इसे किसने डिज़ाइन किया है। साथ ही इसे किस टेक्नोलॉजी से बनाया गया है।

Shweta Srivastava
Published on: 22 Jan 2024 3:15 AM GMT (Updated on: 22 Jan 2024 4:25 AM GMT)
Ayodhya Ram Mandir
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Ayodhya Ram Mandir (Image Credit-Social Media)

Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर बनकर तैयार हो चुका है साथ ही हर तरफ जहाँ इसकी भव्यता और सुंदरता को लेकर चर्चा हो रही यही वहीँ क्या आप जानते हैं कि इसे बनाने में किस टेक्‍नोलॉजी का हुआ इस्तेमाल हुआ है साथ ही क्यों इसे इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर का नायाब उदाहरण कहा जा रहा है। आइये जानते हैं ऐसा क्यों है।

राम मंदिर में किस टेक्नोलॉजी का किया गया है प्रयोग

जहाँ सभी रामलला के भव्य मंदिर को देखकर उसके उत्कृष्ट निर्माण की तारीफ करते नहीं थक रहे वहीँ आपको बता दें कि इसमें बेहद अलग टेक्‍नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है। आज रामलला इस मंदिर में स्थापित हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लगभग 7,000 मेहमान अयोध्या में मौजूद हैं।

गौरतलब है कि अयोध्या के इस भव्य राम मंदिर का डिजाइन देश के प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत बी सोमपुरा द्वारा किया गया है। इतना ही नहीं इसे डिज़ाइन करने में उनके साथ दोनों बेटे निखिल और आशीष सोमपुरा ने भी उनका पूरा सहयोग किया। आपको बता दें कि चंद्रकांत बी सोमपुरा से पहली बार साल 1989 में विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंघल ने संपर्क किया था और राम मंदिर को डिज़ाइन करने की बात कही थी।

वहीँ आपको बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक राम मंदिर में कुछ चीज़ें ऐसी भी हैं जो पहली बार मंदिर में हो रहीं हैं। मंदिर का डिज़ाइन इसमें अपनी विशेष जगह रखता है। दरअसल अयोध्या का राम मंदिर पहला ऐसा मंदिर है जिसका पहले 3डी स्ट्रक्चरल एनालिसिस किया गया था। आपको बता दें कि प्राचीन समय में मंदिरों की स्थिर संरचना होती थी। जिसे ऐसे डिज़ाइन किया जाता था कि ये लम्बे समय तक टिके रहे। लेकिन वहीँ राम मंदिर की स्थिरता को पुख्ता करने के लिए पूरी जांच की गई है। इसका विश्लेषण CSIR के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया है। जिनका मानना है कि राम मंदिर 25,00 साल तक सुरक्षित ऐसे ही खड़ा रहेगा।

आपको बता दें कि रामलला का भव्य मंदिर एक ठोस पत्थर की नींव पर खड़ा है। इसकी सबसे ख़ास बात ये भी है कि ये 30 सालों में इकट्ठा की गई अलग-अलग भाषाओं में भगवान राम का नाम लिखी हुई लगभग दो लाख ईंटों से बनकर तैयार हुआ है।

मंदिर को डिज़ाइन करने वाले चंद्रकांत सोमपुरा ने कहा कि राम मंदिर को और भव्य बनाने के लिए इसमें कई फेर बदल भी किये गए हैं। डिज़ाइन के अनुसार मूल रूप से मंदिर में दो मंडप थे लेकिन बाद में इसे पांच कर दिया गया।

रामलला का भव्य मंदिर 12 फ़ीट की जगत और एक ऊपरी चबूतरे पर खड़ा है। जिसमे ढ़ीदार पांच मंडप बनाए गए हैं। गर्भ गृह के ऊपर का शिखर सबसे ऊंचा है जिसकी लम्बाई 161 फ़ीट है। मंदिर में 300 स्तंभ और 44 द्वार हैं। जिसकी वजह से ये मंदिर इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर का नायब उदाहरण कहा जा रहा है।

मंदिर डिज़ाइन करने वाले आशीष सोमपुरा का कहना है कि राम मंदिर की निर्माण तकनीक और इंजीनियरिंग बेहद सटीक है। साथ ही यहाँ बाहरी तापमान के प्रभाव को कम करने के लिए इसकी नींव में सेल्फ-कॉम्पैक्ट कंकरीट का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा राम मंदिर ऐसे देशन किया गया है कि ये 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी सहन कर सकता है।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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