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Ram Mandir: जिस जगह पूजा करते थे प्रभु श्रीराम, उस स्थान को रोशन करेगा ‘दशरथ दीप’

Ram Mandir: त्रेतायुग में जिस जगह पर प्रभु श्रीराम सरयू तट पर स्थित तुलसीबाड़ी में ही पूरे परिवार के साथ पूजन करते थे। इस स्थान को आज भी रामघाट के नाम से जाना जाता है।

Shishumanjali kharwar
Published on: 4 Jan 2024 1:41 PM IST
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अयोध्या में 22 जनवरी को जगमग होगा ‘दशरथ दीप’ (सोशल मीडिया)

Ram Mandir: रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भव्य और ऐतिहासिक बनाने में सरकार कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रही है। अयोध्या को नव्य, भव्य और दिव्य बनाने के साथ ही प्राण प्रतिष्ठा समारोह को यादगार बनाने की सभी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। श्रद्धालु भी रामलला के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। त्रेतायुग में जिस जगह पर प्रभु श्रीराम सरयू तट पर स्थित तुलसीबाड़ी में ही पूरे परिवार के साथ पूजन करते थे। इस स्थान को आज भी रामघाट के नाम से जाना जाता है। उस स्थान पर 22 जनवरी को दुनिया का सबसे बड़ा दीपक जलाया जाएगा। 28 मीटर व्यास वाला यह 21 क्विंटल तेल से जगमग होगा। इसे गिनीज बुक आफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी है।

तीर्थ स्थलों के मिट्टी से बन रहा दीपक

अयोध्या के तुलसीबाड़ी में जलाये जाने वाले दीपक का नाम दशरथ दीप होगा। यह दीपक चारधाम के साथ ही तीर्थ स्थानों की मिट्टी, नदियों व समुद्र के जल से तैयार किया जा रहा है। तपस्वी छावनी के संत स्वामी परमहंस ने बताया कि शास्त्रों व पुराणों के अध्ययन के आधार पर दीपक का आकार त्रेतायुग के मनुष्यों के आकार के अनुसार बनाया जा रहा है। दीपक को बनाने में 108 लोगों की टीम लगी हुई है। इसे तैयार करने में लगभग साढ़े सात करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसकी बाती सवा क्विंटल रूई से तैयार की जाएगी।

दीपक को पकाने कोलकाता से आई मशीन

28 मीटर व्यास वाले इस दीपक की पथाई का काम कुम्हार करेंगे। इसे दीपक का आकार देने के बाद पकाने के लिए कोलकाता से मशीन मंगाई जा रही है। तीन से चार घंटे में यह मशीन से इस दीपक को पकाकर तैयार किया जाएगा।

त्रेतायुग में 21 फुट थी मनुष्यों की लंबाई

संत स्वामी परमहंस के मुताबिक शास्त्रों व पुराणों में इसका वर्णन है कि त्रेतायुग में मनुष्य की लंबाई 21 फुट यानी 14 हाथ हुआ करती थी। सतयुग में 32 फुट यानी 21 हाथ और द्वापर में मनुष्य की लंबाई 11 फुट यानी सात हाथ होती थी। कलयुग में मनुष्य की लंबाई पांच से छह फीट के बीच रह गयी है।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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