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Ayodhya : माथे पर तिलक, मधुर मुस्कान, हाथों में धनुष-बाण, सामने आई रामलला के अचल विग्रह की पूर्ण तस्वीर
Ayodhya : अयोध्या के नवर्मित राम मंदिर के गर्भगृह से रामलला के अचल विग्रह की नई तस्वीर सामने आई है। तस्वीर में प्रभु राम का चेहरा भी दिख रहा है।
Lord Rama source: social media
Ayodhya : अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भगृह से रामलला की नई तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में प्रभु राम के पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं। उनके चेहरे पर भक्तों का मन मोह लेने वाली मुस्कान दिख रही है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। प्रभु श्रीराम के नयनाभिराम दर्शन के लिए भक्तों को बेसब्री से इंतजार है, लेकिन अब प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की पहली भव्य तस्वीर सामने आ गई है। हालांकि ये तस्वीर गर्भगृह में रामलला के विराजमान होने से पहले की है। तस्वीर में श्रीराम के चेहरे पर मधुर मुस्कान, माथे पर तिलक और हाथों में धनुष-बाण दिखाई दे रहे हैं।
पहली तस्वीर में ढका था चेहरा
पहली बार जब रामलला की मूर्ति की तस्वीरें सामने आई थीं, तो वह सफेद कपड़े से ढकी हुई थी। मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गई 51 इंच की रामलला की मूर्ति को गुरुवार को तड़के मंदिर में लाया गया था। अरुण कर्नाटक के रहने वाले हैं। मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक डिमांड वाले मूर्तिकार हैं। अरुण वह मूर्तिकार हैं, जिनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराहना कर चुके हैं। अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं। उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था।
इससे पहले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के चौथे दिन शुक्रवार को सुबह नौ बजे अरणी मंथन से अग्नि प्रकट की गई। अग्नि प्रकट के साथ चैथे दिन का अनुष्ठान शुरू हो गया। शुक्रवार से यज्ञ मंडप में हवन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। वेद मंत्रों से आहुतियां डाली गईं। इसके पहले गणपति आदि स्थापित देवताओं का पूजन किया गया।
इससे पहले रामलला के अचल विग्रह की दो तस्वीरें सामने आईं थीं। पहली तस्वीर में रामलला को ढक कर रखा गया था। इसकी तस्वीर गुरुवार को ही सामने आई थी। शुक्रवार को रामलला का पूरा आवरण सामने आया है। इससे पहले गुरुवार को ढकी मूर्ति का ही पूजन किया गया था। रामलला के अचल विग्रह, गर्भगृह स्थल और यज्ञमंडप का पवित्र नदियों के जल से अभिषेक किया गया। पूजन के क्रम में ही राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला का जलाधिवास व गंधाधिवास हुआ।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
रामलला के नवनिर्मित मंदिर में अचल विग्रह की स्थापना के साथ विराजमान रामलला को भी पूजित-प्रतिष्ठित किया जाएगा। राममंदिर के गर्भगृह में सोने के सिंहासन पर रामलला की इस 51 इंच की अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। उनके सिंहासन के ठीक आगे विराजमान रामलला स्थापित होंगे। वे मंदिर में चल मूर्ति यानी उत्सव मूर्ति के रूप में पूजित होंगे।
वेदों का पारायण 21 को
मंडपपूजा के क्रम में मंदिर के तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपाल की पूजा की गई। वहीं, पांच वैदिक आचार्यों ने अनुष्ठान की कड़ी में ही चारों वेदों का पारायण भी शुरू कर दिया है, जिनका पारायण 21 जनवरी को होगा।