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एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का 25 वॉ दीक्षांत समारोह: राज्यपाल ने 26 मेधावियों को दिए मेडल
Ayodhya News: 25 वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि डिजीलॉकर पर डिग्रियां अपलोड होने से कोई धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी। कहा की पहले के समय में लोग पैसा देकर डिग्री बनवा लेते थे लेकिन आज के आधुनिक समय में ऐसा संभव नहीं है।
Ayodhya News: आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्ववविद्यालय 25वां दीक्षांत समारोह समारोह के साथ मनाया गया। राज्यपाल के कार्यक्रम स्थल पर पहुंते ही एनसीसी कैडेटों ने उन्हें सलामी दी। उसके बाद शैक्षणिक परियात्रा एग्री बिजनेस मैनेजमेंट के प्रेक्षागृह पहुंची जल भरो कार्यक्रम के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ। छात्राओं ने विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत कर सभी का स्वागत किया। 25 वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि डिजीलॉकर पर डिग्रियां अपलोड होने से कोई धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी। कहा की पहले के समय में लोग पैसा देकर डिग्री बनवा लेते थे लेकिन आज के आधुनिक समय में ऐसा संभव नहीं है। छात्र-छात्राओं अब कभी भी अपनी डिग्री डिजी लॉकर से हासिल कर सकते हैं।
उन्होंने पदक व उपाधि पाने वाले छात्रों को बधाई दी। विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन में प्रतिभाग पर उन्होंने कहा कि A++ ग्रेड आने से विश्वविद्यालय को जो सहायता मिलती है उसकी कल्पना किसी ने नहीं किया होगा। उन्होंने कहा की नैक मूल्यांकन के दौरान पूरे विवि परिवार को मिलकर अपने कार्यों को सामने रखना होगा। कुलाधिपति ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में नंबर एक का दर्जा पाने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। स्वर्ण पदक पाने वालों में से 46 प्रतिशत महिलाएं हैं जो महिला सशक्तीकरण का उदाहरण हैं। पुरुषों को भी महिलाओं की तरह सशक्त बनना होगा।
मिलावटी चीजों पर दुःख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बीज, घी, आटा में मिलावट और फल और सब्जियों में इंजेक्शन दिया जा रहा है जिससे मनुष्यों का कई प्रकार की बीमारियां फैल रही है। अधिकतर इंसान को समय से पहले हार्टअटैक से मौत हो रही है lite Win उन्होंने पदक व उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को शपथ दिलाई कि वे कभी किसी वस्तु में मिलावट नहीं करेंगे और न ही करने देंगे यही उनके लिए सच्चा गोल्ड मेडल होगा। उन्होंने कहा कि आज की टेक्नोलॉजी इतनी तेजी के साथ काम कर रही है जिसके साथ हमारे युवा आगे चल सकते हैं। कुपोषण को दूर भगाने का सबसे सही तरीका श्रीअन्न है। स्कूली बच्चों को श्री अन्न दिए जाने पर कुलाधिपति ने प्रसन्नता जाहिर की।
उन्होंने कहा की आज के समय में थारू जनजाति के लोग आधुनिक समाज से जड़ना चाहते हैं इसके लिए उन्हे कड़ी मेहनत करनी होगी। इस समाज के छात्र-छात्राओं को 12वीं तक की पढ़ाई साइंस और मैथ साइड से करनी होगी जिससे कि वे आगे चलकर मेडिकल लाइन में जाएं और डॉक्टर बनें। कुलाधिपति ने कहा कि सरकार किसानों के साथ 24 घंटे खड़ी है और सरकार की नीतियों के कारण गेहूं, चावल का रिकार्ड तोड़ उत्पादन हुआ है। कम पानी में तैयार होने वाली फसल पर काम करने की जरूरत है।
समारोह के मुख्यअतिथि कृषि सहकारिता एवं कृषक कल्याण भारत सरकार के पूर्व सचिव के. सी पटनायक ने कहा कि स्थापना के बाद से कृषि विश्वविद्यालय ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में कृषि विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा बहुत तीव्र गति से बढ़ रही है। पटनायक ने कहा कि छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने की जरूरत है। नई शैक्षिक नीति गुणवत्ता, समानता और सामर्थ्य पर केंद्रित है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में पर्याप्त संभावनाएं हैं। सरकार किसानों के उत्थान के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। कृषि के विकास में रणनीति बनाकर सभी को एक साथ कार्य करना होगा। सरकार किसानों एवं पशुपालकों को कम लागत पर गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध करा रही है। औलख ने कहा कि विश्वविद्यालय ने इतने बड़े पैमाने पर मोटे अनाज की खेती कर रहा है जो सराहनीय कार्य है।
किसानों को बड़े पैमाने पर श्रीअन्न की खेती करनी चाहिए। श्रीअन्न का प्रयोग करने से इंसान के अंदर कई बीमारियां अपने आप खत्म हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि कृषि जगत को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास एवं कड़ी मेहनत की जरूरत है। राज्यमंत्री ने मेडल व उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी।
597 को उपाधि व 26 मेधावियों को मिला स्वर्ण पदक
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने 597 छात्र-छात्राओं को उपाधियां व 26 मेधावियों को अपने हाथों स्वर्ण पदक प्रदान किया। कुलाधिपति स्वर्ण पदक सात, कुलपति स्वर्ण पदक 11 तथा विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक आठ मेधावियों को दिया गया। कुलाधिपति ने स्नातक के पांच मेधावियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक व स्नातकोत्तर एवं पीएचडी के एक- एक मेधावियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक दिया। 11 मेधावियों को कुलपति स्वर्ण पदक दिया गया जिसमें स्नातक के सात, स्नातकोत्तर के तीन व पीएचडी के एक मेधावी छात्र शामिल हैं। इसी क्रम में स्नातक के सात व पीएचडी के एक मेधावी को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक दिया गया।
कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न महाविद्यालयों एवं मुख्य परिसर को मिलाकर स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी के कुल 597 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई। जिसमें स्नातक के कुल 343, परास्नातक के 209 तथा पीएचडी के कुल 45 छात्र-छात्राओं को उपाधियां दी गईं। कुलाधिपति की मौजूदगी में 597 उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के प्रमाण पत्रों को को भारत सरकार के डिजी लॉकर में अपलोड कर दिया गया।