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Hardoi: राम मंदिर आंदोलन में निभाई थी कारसेवक की भूमिका, अब हो गए वृद्ध, प्राण प्रतिष्ठा के लिए उत्साह आज भी बरकरार

Ramlala Pran Pratishtha: हरदोई जिले में कई ऐसे लोग हैं, जो इस लम्हे के साक्षी बनने से पहले सिधार गए। उनके परिजनों में अपने पूर्वजों के त्याग का परिणाम निकट होने से खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।

Pulkit Sharma
Published on: 9 Jan 2024 6:34 PM IST
Ramlala Pran Pratishtha
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राम मंदिर आंदोलन में निभाई थी कारसेवक की भूमिका (Social Media)

Ayodhya Ram Mandir: रामभक्तों का लंबे इंतजार के बाद मनोकामना पूरी होने जा रही है। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। ये लम्हा जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है रामभक्तों का उत्साह सातवें आसमान पर जा रहा है। तीन दशक पहले भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण की खातिर जेलों की हवा खा चुके युवा रहे कारसेवक अब बुजुर्ग हो चुके हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी उनमें ख़ुशी अपार है। आज भी खुशी की लहर दिखाई देती है।

हरदोई जिले में कई ऐसे लोग हैं, जो इस लम्हे के साक्षी बनने से पहले सिधार गए। उनके परिजनों में अपने पूर्वजों के त्याग का परिणाम निकट होने से खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।

तब की मेहनत, अब साकार हो रहा सपना

राम जन्मभूमि आंदोलन के समय विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नगर अध्यक्ष रहे गांधी इंटर कॉलेज, बेनीगंज में प्रवक्ता के पद से सेवानिवृत्त हुए आनन्द प्रकाश बाजपेयी अब 85 साल के हो चुके हैं। वह नगर में सबसे पहले गिरफ्तार होने वाले शख्स थे। हरदोई व सीतापुर की जेल से लेकर महमूदाबाद की अस्थायी जेल में रहे। वह अब भगवान राम के जन्मस्थान पर प्राण प्रतिष्ठा की तिथि नजदीक आने से खासे उत्साहित हैं। उनका कहना है कि, 'सारी मेहनत साकार हो गई। उनके साथ जेल जाने वालों में नगर के व्यवसायी लाला श्रीकृष्ण वैश्य भी अब 70 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं। कहते हैं कि उस समय मंदिर निर्माण को लेकर कुछ कर गुजरने का जज्बा था। कार सेवा की तो पुलिस ने पीस कमेटी की बैठक के नाम पर बुलाकर लोगों को हिरासत में लेकर हरदोई जेल भेज दिया था। नगर से लगभग 50 लोग धीरे-धीरे जेल भेजे गये। मगर, आंदोलन थमा नहीं।'

युवाओं में कार सेवा के लिए जान फूंकने का किया काम

नगर के वरिष्ठ संघ और भाजपा नेता दिवंगत देवकी नंदन वैश्य समर्पित और कर्मठ व्यक्ति थे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर चल रहे आंदोलन में नगर के युवाओं में जान फूंकने का काम किया था। उन्हीं के निर्देश पर नगर के प्रतिष्ठित उर्वरक व्यवसायी आदि नारायण वैश्य ने पुलिस की सतर्कता के बीच चल रही रामलीला में रावण दहन के दिन 'जयश्री राम' का नारा लगाया। तब पुलिस ने देवकी नंदन वैश्य के साथ गिरफ्तार कर हरदोई जेल भेज दिया। धीरे धीरे पुलिस की धरपकड़ बढ़ती गई।

भव्य-दिव्य राम मंदिर निर्माण ने सारे कष्ट दूर किए

नगर के दर्जनों राम भक्त राम काज के लिए जेल गये। राम मंदिर आंदोलन के दौरान 'बाल बजरंग दल' के संस्थापक रहे नगर के मनोज कुमार वैश्य हिन्दू ने बताया उस समय उनकी उम्र महज 12 वर्ष थी। आंदोलन में पुलिस ने उन्हें भी जेल भेज दिया था। बाल बजरंग दल के नगर से 56 सदस्य जेल भेजे गए थे। आज जब रामलला के भव्य दिव्य मंदिर निर्माण ने सारे कष्ट दूर हो गए हैं। कहते हैं उनकी जेल यात्रा लंबे इंतजार के बात सफल हुई। बुजुर्ग हो चुके इन लोगों में एक बार रामलला के दरबार में मत्था टेकने की तमन्ना है।



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aman

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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