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Ram Mandir: राममंदिर की नींव हैं मंदिर आंदोलन के नायक परमहंस रामचंद्र दास, उनके निधन पर बंदर भी रोये थे

Ram Mandir: परमहंस रामचंद्र महाराज ने अंतिम समय में अपनी तीन अभिलाषाएं बताई थीं, उनमें से एक राम मंदिर का निर्माण भी है...

Hariom Dwivedi
Published on: 20 Jan 2024 1:48 PM IST
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Ram Mandir: अयोध्या में आज जो भव्य व दिव्य राम मंदिर बन रहा है। स्वर्गीय परमहंस रामचंद्र दास उसकी नींव के पत्थर हैं। वह परमहंस दास महाराज ही थे, जिनके प्रार्थना पत्र पर 1950 में जिला न्यायालय ने रामलला के पूजन की अनुमति दी थी। इसी आदेश के कारण आज तक श्रीराम जन्मभूमि पर पूजा-अर्चना होती चली आ रही है। 1949 से राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले दिगंबर अखाड़े के महंत रामचंद्र परमहंस दास राम मंदिर निर्माण के लिए आजीवन संघर्षरत रहे। उनके ही आह्वान पर कारसेवकों ने 1986 में राम जन्मभूमि का ताला खोला था।

दिगंबर अखाड़ा के महंत और संत शिरोमणि रामचंद्र परमहंस दास जी का आशीर्वाद लेकर ही कारसेवकों ने विवादित ढांचा ढहाया था। 1912 में जन्मे परमहंस रामचंद्र ने 31 जुलाई 2003 में अंतिम सांस ली। उनकी अंतिम यात्रा में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और महंत अवैद्यनाथ जैसी हस्तियां शामिल हुई थीं। कहा जाता है कि उनके स्वर्गवास के दिन अयोध्या के बंदर भी रोये थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब भी अयोध्या जाते हैं, वह यहां जरूर आते हैं।

परमहंस के जीवन की तीन अभिलाषाएं

परमहंस रामचंद्र महाराज का कहना था कि मुझे मोक्ष नहीं, मंदिर की कामना है। अपने जीवन के अंतिम काल में उन्होंने तीन अभिलाषाएं बताईं थीं। उनकी पहली अभिलाषा थी कि अयोध्या में राम मंदिर, मथुरा में कृष्ण मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण हो। दूसरी अभिलाषा थी कि देश में पूर्णरूप से गोहत्या पर प्रतिबंध लगे और उनकी तीसरी अभिलाषा थी कि अखंड भारत का निर्माण।

दिगंबर अखाड़े का हो रहा पुनर्निमाण

दिगंबर अखाड़ा हनुमानगढ़ी से करीब 500 मीटर की दूरी पर है। इन दिनों यहां पुनर्निमाण का काम चल रहा है। पीछे एक नई बिल्डिंग है, जिसमें महंत रहते हैं। यहां एक बड़ा सा हॉल है, जहां बड़े से फोटो फ्रेम में परमहंस रामचंद्र की तस्वीर लगी है। आगंतुकों के लिए सोफे और कुर्सियां पड़ी हैं। वर्तमान महंत सुरेशदास अस्वस्थ चल रहे हैं, इसलिए वह न्यूजट्रैक से बात नहीं कर सके। एक अन्य संत अखिलेश दास से चर्चा हुई थी, जिसे आप भी सुनिए।



Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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