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Ram Mandir Pran Pratistha: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में 55 देशों के नेताओं को निमंत्रण, राजदूत भी बनेंगे समारोह का हिस्सा
Ram Mandir Pran Pratistha: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। राम नगरी को सजाया जा रहा है। देश ही नहीं दुनिया में भी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर उत्साह है।
Ram Mandir Pran Pratistha: 22 जनवरी 2024 को राम नगरी अयोध्या में होने वाली रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी ऐतिहासिक दिन को नवनिर्मित मंदिर में रामलला विराजेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा, राजनीति से लेकर खेल और अध्यात्म जगत से जुड़ी तमाम हस्तियों को भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया गया है। वहीं, 55 देशों के करीब 100 प्रमुख लोगों को इस समारोह में आमंत्रित किया गया है।
विश्व हिंदू फाउंडेशन के संस्थापक एवं वैश्विक अध्यक्ष स्वामी विज्ञानानंद का कहना है कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए राजदूतों और सांसदों सहित 55 देशों के लगभग 100 प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है। इनके अलावा कोरियाई रानी को भी आमंत्रित किया गया है, जो प्रभु राम के वंशज होने का दावा करती हैं।
इन देशों को दिया निमंत्रण
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जिन देशों को आमंत्रित किया गया है उनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेलारूस, बोत्सवाना, कनाडा, कोलंबिया, डेनमार्क, डोमिनिका, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी), मिस्र, इथियोपिया, फिजी, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, घाना, गुयाना, हॉन्गकॉन्ग, हंगरी, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इटली, जमैका, जापान, केन्या, कोरिया, मलेशिया, मलावी, मॉरीशस, मैक्सिको, म्यांमार, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, नॉर्वे, सिएरा लियोन, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इनके अलावा, स्पेन, श्रीलंका, सूरीनाम, स्वीडन, ताइवान, तंजानिया, थाईलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो, वेस्ट इंडीज, युगांडा, यूके, यूएसए, वियतनाम और जाम्बिया को भी निमंत्रण भेजा गया है।
विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव स्वामी विज्ञानानंद के अनुसार, 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कई देशों के प्रमुख भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि सभी वीवीआईपी विदेशी प्रतिनिधि 20 जनवरी को लखनऊ पहुंचेंगे। उसके बाद 21 जनवरी को शाम तक अयोध्या पहुंच जाएंगे।
उन्होंने कहा, 'कोहरे को देखते हुए प्रतिनिधियों से कार्यक्रम से पहले भारत आने का अनुरोध किया गया है।' स्वामी विज्ञानानंद ने पहले कहा था कि उन्होंने अधिक विदेशी मेहमानों को आमंत्रित करने की योजना बनाई थी, लेकिन छोटी जगह के कारण, उन्हें अतिथि सूची को छोटा करना पड़ा।
और भारत में इन लोगों को दिया गया है आमंत्रण
आइए यहां जानते हैं कि अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए देश के कितने नेताओं को निमंत्रण दिया गया है? वो लोग कौन हैं, जिन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के न्योते को अस्वीकार कर दिया है?
किन नेताओं को मिला है निमंत्रण?
राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। दूसरी ओर राष्ट्रीय और अन्य प्रमुख दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों को भी निमंत्रण भेजा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चैधरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण भेजा गया था।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी निमंत्रण भेजा गया है। वीएचपी ने राजद में लालू प्रसाद यादव से समय मांगा है। आने वाले दिनों में अन्य विपक्षी नेताओं को भी निमंत्रण भेजे जाने की संभावना है।
किन नेताओं ने न्योते को नकारा?
'इंडिया' गठबंधन के कई नेताओं ने घोषणा की है कि वो रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे। बुधवार को ही कांग्रेस ने घोषणा कि वह इस समारोह का हिस्सा नहीं होगी। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने एक बयान जारी कर कहा कि यह कार्यक्रम भाजपा और संघ का है। यहां आधे-अधूरे मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है।
इससे पहले सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया था। पार्टी ने कहा है कि वे धार्मिक कार्यक्रम के राजनीतिकरण के विरोध में समारोह में शामिल नहीं होंगे।
इसके अलावा पूर्व कांग्रेस नेता और राज्यसभा संसद कपिल सिब्बल ने भी कहा है कि वह इसमें शामिल नहीं होंगे। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगी।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना भी समारोह में शिरकत नहीं करेगी। पार्टी के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा, 'यह भाजपा के वर्चस्व वाला कार्यक्रम है। हमारा कोई भी कार्यकर्ता इसमें हिस्सा नहीं लेगा।'