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Ram Mandir: रामलला को भेंट किया जाएगा स्वर्ण मंडित कोदंड, 16 जनवरी से शुरू होगा प्रायश्चित विधान

22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान बन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। देश के सभी नागरिकों के लिए प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण भी किया जाएगा।

Shishumanjali kharwar
Published on: 24 Dec 2023 12:20 PM IST (Updated on: 24 Dec 2023 12:44 PM IST)
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रामलला को भेंट किया जाएगा स्वर्ण मंडित कोदंड (सोशल मीडिया)

Ram Mandir: अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। अगले साल 22 जनवरी को मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन की तैयारियां भी चरम पर पहुंच गयी हैं। सरकार इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान बन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। देश के सभी नागरिकों के लिए प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण भी किया जाएगा।

वहीं श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने वाले रामलला को स्वर्ण का कोदंड भेंट किया जाएगा। भगवान श्रीराम के धनुष कोदंड के सोने के इस स्वरूप को चेन्नई की एक कंपनी बना रही है। बिहार की राजधानी पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्रभु श्रीराम के धनुष कोदंड का स्वर्ण स्वरूप समर्पित किया जाएगा। 10 जनवरी को यह स्वर्ण मंडित धनुष तैयार होकर अयोध्या पहुंच जाएगा। जहां 15 जनवरी को अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर से सटे अमावां राममंदिर व महावीर ट्रस्ट के ट्रस्टी किशोर कुणाल इसे श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को समर्पित करेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व काशी के वैदिक करायेंगे प्रायश्चित विधान

अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर में आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले काषी के वैदिक विद्वान प्रायश्चित का भी विधान करेंगे। इस अनुष्ठान की शुरूआत 16 जनवरी 2024 से हो जाएगी। इस अनुष्ठान करने के लिए प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के पुत्र पं. अरूण दीक्षित 13 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना हो जायेंगे। उनके साथ 21 वैदिक ब्राह्मणों का दल भी पहुंचेगा।

किसी भी निर्माण कार्य के दौरान अनजाने में बहुत से सूक्ष्म या अति सूक्ष्म जीवों की हत्या हो जाती है। इसके बारे में कार्य करने वालों को अंदाजा नहीं होता है। ऐसे में मुख्य विग्रह में प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व प्रायश्चित विधान किया जाएगा। सनातन धर्म में प्रायश्चित वह कर्म है। जिसे करने से मनुष्य के पाप खत्म हो जाते हैं।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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