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Vishwa Hindu Parishad: सामाजिक समरसता व सेवा के कार्यों पर फोकस करेगी विहिपः मिलिंद परांडे

Vishwa Hindu Parishad: विहिप ने संगठनात्मक दृष्टि से 1100 जिले बनाये हैं। अभी सेवा कार्य 400 जिलों तक पहुंचे हैं। हम 800 जिलों तक पहुंचने का लक्ष्य है। आगामी वर्षों में मंदिरों की सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए भी प्रयास भी होगा। क्योंकि यह हिन्दुओं के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार है।

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Newstrack Network
Published on: 14 Jan 2024 9:52 PM IST
VHP will focus on social harmony and service work
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विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे: Photo- Social Media

Vishwa Hindu Parishad: विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की स्थापना के 60 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसलिए राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद संगठन विस्तार के साथ-साथ सामाजिक समरसता और सेवा के कार्यों पर विहिप फोकस करेगी। संगठन का प्रयास है कि हम अपने काम को अगले जन्माष्टमी तक एक लाख स्थानों तक लेकर जायें। यह बातें विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि बजरंग दल की शौर्य जागरण यात्रा और राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त जो ब्यापक जनजागरण और संपर्क हुआ है, उससे संगठन विस्तार में मद्द मिलेगी।

विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने बताया कि हमने संगठनात्मक दृष्टि से 1100 जिले बनाये हैं। अभी हमारे सेवा कार्य 400 जिलों तक पहुंचे हैं। हम यह चाह रहे हैं कि यह कार्य दुगना हो जाय। हम 800 जिलों तक पहुंच जायें। इसके अलावा हम आगामी वर्षों में मंदिरों की सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए भी प्रयास करेंगे क्योंकि यह हिन्दुओं के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार है। कोई मस्जिद और चर्च सरकारी नियंत्रण में नहीं हैं। हम यह चाहते हैं कि हिन्दू मंदिरों का संचालन हिन्दू समाज को करना चाहिए। मंदिर संचालन में हर जाति बिरादरी की सहभागिता हो और हिन्दू का धन हिन्दू के लिए उपयोग में आये। मंदिरों में जो धन है वह हिन्दुओं के लिए हिन्दुओं के धर्म प्रचार के लिए सेवा के लिए हिन्दू धर्म के उत्थान के लिए इसका उपयोग हो यह हमारा लक्ष्य रहेगा।

धर्मान्तरण विरोधी कानून

विहिप के महामंत्री ने कहा कि धर्मान्तरण का बहुत बड़ा षड़यंत्र चल रहा है। आज कुछ ही राज्यों में धर्मान्तरण विरोधी कानून है। यह सारे राज्यों में कैसे आयेगा और केन्द्र में भी यह कानून कैसे आयेगा इसके लिए विहिप काम करेगी। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज में अनेक सामाजिक कुरीतियां आयी हैं उनसे हिन्दू समाज मुक्त कैसे होगा। उच्च वर्ग में उसका पालन होता है। राम मंदिर तो बन रहा है लेकिन हमारे हृदय में भी राम जी का प्राकट्य होना चाहिए। वह रामराज्य की दिशा में जाना चाहिए। क्योंकि वह सर्वकल्याणकारी है।

राम जी के जीवन में अन्याय के खिलाफ लड़ने का विषय रहा उसके लिए उन्होंने लोक संगठन किया, लोक जागरण किया । हर एक को अन्याय के विरूद्ध खड़े होने का साहस रखना चाहिए और प्रयास भी करना चाहिए। राम जी के जीवन में सामाजिक समरसता बहुत बड़े पैमाने पर दिखाई देती है। जनजातीय क्षेत्रों और वनवासी समाज के बीच वह गये। हर जाति बिरादरी के लोगों को उन्होंने अपने हृदय के निकट लगाया। यही हिन्दू की दृष्टि है।

समाज के प्रति मेरा क्या कर्तव्य

कर्तव्य को उन्होंने प्राथमिकता दी। इसलिए हर हिन्दू के हर नागरिक के ह्दय में देश के प्रति समाज के प्रति मेरा क्या कर्तव्य है यह दृढ़ता से आना चाहिए। राम जी का कर्तव्य कठोर जीवन रहा। उनके जीवन में चमत्कार नहीं था। एक मनुष्य को जीवन कैसा जीना चाहिए यह आदर्श हमारे सामने है।



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Shashi kant gautam

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