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Milkipur By Election: भाजपा का पहली नहीं पासी समाज पर प्रयोग, पर अवधेश के आगे सब विफल

Milkipur By Election: सांसद अवधेश प्रसाद के सियासी करियर पर नजर डाले तो उन्होंने पहली बार साल 1974 में चुनाव मैदान में कदम रखा। लेकिन वह कांग्रेस उम्मीदवार हुबराज कोरी से हार गये।

Shishumanjali kharwar
Published on: 19 Jan 2025 1:09 PM IST (Updated on: 19 Jan 2025 2:26 PM IST)
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Milkipur By Election: अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव ने रफ्तार पकड़ ली है। मिल्कीपुर सीट के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा और आठ फरवरी को नतीजे घोषित किये जायेंगे। मिल्कीपुर विधानसभा सीट हथियाने के लिए राजनीतिक दल एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के लिए यह सीट नाक से जुड़ी हुई है। इस सीट के जरिए वह अपनी खोई प्रतिष्ठा को वापस पाना चाह रही है।

वहीं समाजवादी पार्टी के पाले की यह सीट उसके लिए भी मायने रखती है। इस सीट पर अपना दबदबा बरकरार रख वह खुद के बल को साबित करना चाहती है। वहीं मिल्कीपुर उपचुनाव में बसपा और कांग्रेस शामिल नहीं हैं। हालांकि आजाद समाज पार्टी ने अपना उम्मीदवार खड़ा कर सपा के लिए थोड़ी मुसीबत जरूर बढ़ायी है। क्योंकि आजाद समाज पार्टी का कैंडिडेट सपा का बागी है।

मिल्कीपुर विधानसभा सीट को लेकर कहा जाता है कि पासी समाज का नेता ही इस सीट पर काबिज होता है। क्योंकि इस इलाके में पासी समाज की जनसंख्या अधिक है। ऐसे में सभी दल पासी समाज पर ही फोकस कर रहे हैं। भाजपा ने भी पासी समाज के चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है। पासी कार्ड से भाजपा भले ही उत्साहित हो लेकिन अवधेश प्रसाद के सियासी करियर को देखते हुए इस अति उत्साह ही कहा जाएगा। क्योंकि साल 1985 से सोहावल व मिल्कीपुर में हुए विधानसभा चुनावों में आठ बार भाजपा समेत अन्य विपक्षी दलों ने अवधेश प्रसाद के खिलाफ पासी कार्ड खेला लेकिन किसी को भी सफलता नहीं मिल सकी।

अवधेश प्रसाद के आगे सभी के चाल नाकामयाब

समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद साल 1974 से अब तक 13 विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इनमें से नौ बार उन्हें फतह हासिल किया है। सात बार अवधेश प्रसाद सोहावल सीट से जीत कर विधानसभा पहुंच चुके हैं। वहीं तीन बार वह मिल्कीपुर विधानसभा सीट से मैदान में उतरे। जिसमें दो बार वह जीत दर्ज कर चुके हैं। पिछले चुनावों पर निगाह डाले तो करीब-करीब हर बार प्रमुख राजनीतिक दलों ने अवधेश प्रसाद के सामने पासी समाज का ही उम्मीदवार खड़ा किया। इनमें आठ बार अवधेश प्रसाद ने राजनीतिक दलों के सियासी चाल को नाकामयाब कर दिया।

1977 में पहली बार बने विधायक

सांसद अवधेश प्रसाद के सियासी करियर पर नजर डाले तो उन्होंने पहली बार साल 1974 में चुनाव मैदान में कदम रखा। लेकिन वह कांग्रेस उम्मीदवार हुबराज कोरी से हार गये। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और साल 1977 में फिर जनता पार्टी से चुनाव मैदान में डट गये और हुबराज को परास्त कर पहली बार विधायक बन गये। हालांकि 1980 के चुनाव में पासी समाज के माधव प्रसाद ने उनके शिकस्त दी। फिर भी वह अड़े रहे।

1985 और 1989 में उन्होंने माधव प्रसाद समेत कई अन्य को हराया और विधानसभा पहुंच गये। 1991 में राम लहर के चलते अवधेश प्रसाद को भाजपा के पासी समाज के उम्मीदवार रामू प्रियदर्शी ने झटका दे दिया। इसके बाद भी अवधेश प्रसाद 1993, 1996, 2002 और 2007 में लगातार विधायक बनते रहे। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने 1993 और 2002 में पासी समाज के रामू प्रियदर्शी को ही मैदान में उतारा लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़।

2007 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद के खिलाफ भाजपा ने जहां पासी समाज की ऊषा रावत पर दावं खेला। तब रामू प्रियदर्शी बसपा के टिकट पर चुनावी जंग में उतरे। लेकिन अवधेश प्रसाद ने सभी के प्रयासों को चारों खाने चित कर दिया। साल 2012 में मिल्कीपुर सीट सुरक्षित घोषित की गयी। अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर सीट से चुनाव लड़े। तब भाजपा ने उन्हें शिकस्त देने के लिए फिर पासी समाज के रामू प्रियदर्शी को उतारा। लेकिन वह फिर हार गये।

इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद के सामने भाजपा ने हमेशा की तरह फिर से पासी समाज के गोरखनाथ बाबा पर दांव खेला। इस बार भाजपा को जीत मिली और गोरखनाथ बाबा विधायक बन गये। लेकिन अवधेश प्रसाद ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव में हार का बदला ले लिया और फिर मिल्कीपुर सीट से जीत दर्ज की। अवधेश प्रसाद के इन्हीं रिकॉर्ड के चलते समाजवादी पार्टी मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर काफी उत्साहित है। वहीं इस सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने फिर पासी कार्ड खेला है। अब देखना यह है कि मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को जीत मिलेगी या फिर हमेशा की तरह उसका दांव उल्टा ही पड़ जाएगा।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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