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Milkipur By Election Result: CM योगी की सक्रियता से मिल्कीपुर में खिला ‘कमल’, जानें भाजपा की जीत की बड़ी वजह
Milkipur By Election Result: भाजपा की मिल्कीपुर सीट प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई थी। इस सीट पर काफी लंबे अरसे से सूखा खत्म करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने रणनीति तैयार की थी।
Milkipur By Election Result: अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे लगभग साफ हो गये हैं। भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान लगातार काफी बड़े अंतराल से आगे चल रहा है। जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि सपा प्रत्याशी अजित प्रसाद की हार लगभग तय हो गयी है। भाजपा की मिल्कीपुर सीट प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई थी।
इस सीट पर काफी लंबे अरसे से सूखा खत्म करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने रणनीति तैयार की थी। खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार मिल्कीपुर क्षेत्र का दौरा कर रहे थे और जनता के मन को टटोल रहे थे। साथ ही उन्होंने अपने कई कैबिनेट मंत्रियों को भी मिल्कीपुर जीत का टास्क दे रखा था। पहले 2022 का यूपी विधानसभा और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में लगातार भाजपा को यहां मिली हार का बदला लेने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अकेले ही कमान संभाल रखी थी।
मिल्कीपुर उपचुनाव के दौरान क्षेत्र में भाजपा को कोई भी बड़ा राजनेता नहीं पहुंचा। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार क्षेत्र का दौरा किया और जनसभाएं भी की। जिसका परिणाम मिल्कीपुर में भाजपा की बढ़त के रूप में दिख रहा है। मिल्कीपुर में भाजपा की ऐतिहासित जीत के पीछे सीएम योगी आदित्यनाथ की सक्रियता के साथ ही यह बड़ी भी हो सकती हैं।
भाजपा ने सजातीय उम्मीदवार पर लगाया दांव
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में पासी और दलित समाज की अधिकता के चलते ही सपा इस सीट पर कब्जा करती आयी है। ऐसे में भाजपा ने इस सीट के लिए हुए उपचुनाव में सजातीय उम्मीदवार का दांव खेला। सपा उम्मीदवार अजित प्रसाद भी पासी समाज से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में भाजपा ने भी पासी समाज के ही चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतार दिया।
लोकसभा चुनाव में मिली हार से सबक
बीते साल लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को फैजाबाद सीट पर करारी शिकस्त मिली थी। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, क्षेत्र के विकास के बावजूद भी भाजपा इस सीट को बचा नहीं सकी थी। भाजपा के लिए यह हार किसी झटके से कम नहीं थी। लोकसभा चुनाव में मिली इस हार से भाजपा ने सबक लिया और रणनीति बनाकर जनता की नाराजगी को दूर करने में जुट गयी।
सीएम योगी आदित्यनाथ की सक्रियता
लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला लेने के लिए मिल्कीपुर उपचुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एक अवसर की तरह था। मिल्कीपुर उपचुनाव के ऐलान से पहले ही सीएम योगी ने यहां अपनी सक्रियता बढ़ा दी। वह लगातार यहां जनता के बीच पहुंचे और कई नई योजनाओं की भी शुरूआत की। लोकसभा चुनाव होने के बाद लगभग सात बार सीएम योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर पहुंचे। क्षेत्र में बार-बार पहुंचकर सीएम योगी ने जनता को संदेश देने की कोशिश की कि उनके लिए यहां की जनता का हित भी उनके लिए काफी मायने रखता है।
बूथ मैनजमेंट पर किया फोकस
भाजपा मिल्कीपुर विधानसभा पर कब्जा करने के लिए रणनीति बनाकर मैदान में उतरी। चुनाव फतह करने के लिए बूथ मैनेजमेंट पर फोकस किया गया। हर बूथ पर होमवर्क किया गया। सीएम योगी के निर्देश पर प्रभारी मंत्रियों और विधायकों ने हर बूथ को ऑर्ब्जव किया।
मंत्रियों और विधायकों को दिया प्रभार
सीएम योगी आदित्यनाथ ने रणनीति के तहत एक सीट के लिए छह मंत्रियों को प्रभार सौंपा। सभी मंत्रियों को क्षेत्रवार काम सौंपे गये। प्रभारी मंत्री के साथ ही 40 विधायकों को इस सीट का टास्क दिया गया था। सभी मंत्री और विधायक स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर हर बूथ की जनता के बीच पहुंचे। जिसका सकारात्मक परिणाम भाजपा को मिला।