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Ayodhya: भारत की वैदिक सभ्यता को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करेगा अयोध्या में प्रस्तावित श्री राम अनुभव केंद्र

Ayodhya News: पंचवटी द्वीप पर राम अनुभव केंद्र के निर्माण का उद्देश्य भारतीय जन मानस को अपनी वैदिक सभ्यता पर गौरव करने को प्रोत्साहित करना है, ताकि वो इसे अपने दैनिक जीवन में भी आत्मसात करके एक स्वस्थ व सुखी जीवनयापन कर सकें।

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Newstrack Network
Published on: 7 Dec 2023 11:55 AM IST
Guptar Ghat of Saryu River
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Guptar Ghat of Saryu River  (photo: social media )

Ayodhya News: सरयू नदी के गुप्तार घाट पर पंचवटी द्वीप और श्री राम अनुभव केंद्र की स्थापना होगी। वर्षा ऋतु में बाढ़ से सुरक्षा के लिए श्री राम अनुभव केंद्र का नहीं संचालन किया जाएगा।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ ही योगी सरकार रामनगरी को विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में भी विकसित कर रही है। इसी क्रम में सरयू नदी के पास गुप्तार घाट पर 75 एकड़ में श्री राम अनुभव केंद्र और पंचवटी द्वीप का निर्माण किया जाना भी प्रस्तावित है। पंचवटी द्वीप पर राम अनुभव केंद्र के निर्माण का उद्देश्य भारतीय जन मानस को अपनी वैदिक सभ्यता पर गौरव करने को प्रोत्साहित करना है, ताकि वो इसे अपने दैनिक जीवन में भी आत्मसात करके एक स्वस्थ व सुखी जीवनयापन कर सकें। प्रस्ताव के अनुसार राम अनुभव केंद्र के निर्माण के लिए अस्थाई स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया जाएगा। वर्षा ऋतु में इन टेंपरेरी स्ट्रक्चर को डिसमैंटल कर दिया जाएगा एवं इस दौरान श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन नहीं किया जाएगा। सरयू नदी के निकट होने के कारण योगी सरकार ने बाढ़ सुरक्षा और प्रबंधन के तहत प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया है। उल्लेखनीय है कि एक हजार एकड़ में फैले पंचवटी द्वीप में 75 एकड़ पर राम अनुभव केंद्र के निर्माण का प्रस्ताव है। वर्षा ऋतु के अलावा पंचवटी द्वीप के आसपास नदी का जल स्तर भूमि के लेवल से लगभग 12 फीट नीचे रहता है। इसी वजह से वर्षा ऋतु में बाढ़ की आशंका के चलते श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन नहीं किया जाएगा, जिससे बाढ़ का प्रभाव केंद्र पर नहीं होगा। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में निर्माण से जुड़ी एनओसी के लिए अपनी संस्तुति प्रदान कर दी है।

वर्षा ऋतु के बाद पुनः होगा स्ट्रक्चर की असेंबलिंग

प्रस्ताव के अनुसार पंचवटी द्वीप पर बाढ़ सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली पर फोकस रहेगा। इसके तहत वर्षा ऋतु में न श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन नहीं होगा, जबकि वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद अक्टूबर माह में इन स्ट्रक्चर को पुनः असेंबल कर श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन प्रारंभ किया जाएगा। यही नहीं, स्ट्रक्चर को नदी से पर्याप्त दूरी पर एक 100 फीट का बफर जोन बनाते हुए स्थापित किया जाएगा, ताकि दुर्घटना की कोई संभावना न रहे। राम अनुभव केंद्र के निर्माण एवं संचालन के पूर्व सभी रेगुलेटरी डिपार्टमेंट्स (नगर निगम, फायर सर्विस, विद्युत सुरक्षा व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी प्राप्त करने के बाद ही संचालित किया जाएगा। समस्त नियमों के अनुपालन के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए एक समिति बनाई जाएगी, जो प्रत्येक 15 दिन के अंतराल पर श्री राम अनुभव केंद्र का आकस्मिक एवं नियमित निरीक्षण करेगी, ताकि किसी भी स्तर पर कोई कमी न रहने पाए।


नो प्लास्टिक जोन होगा पंचवटी द्वीप

संपूर्ण प्रोजेक्ट की डिजाइन सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल के आधार पर की गई है, जिसका प्रारूप 'अर्थ गंगा परियोजना' के गाइडलाइंस पर तैयार किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत पंचवटी द्वीप नो प्लास्टिक जोन होगा। किसी भी निर्माण के लिए आरसीसी एवं पीसीसी का उपयोग नहीं होगा। निर्माण विधि एवं सीवरेज, स्लज व कूड़े का निस्तारण पर्ण कुटीर का निर्माण बांस व कुश द्वारा किया जाएगा। मल निस्तारण के लिए बायो डाइजेस्टिव सेप्टिक टैंक का उपयोग किया जाएगा, जबकि जल एसटीपी द्वारा मानकों के अनुसार ट्रीट करके बागवानी एवं कृषि में प्रयोग लाया जाएगा।


ऐसा होगा श्री राम अनुभव केंद्र का प्रारूप

इस परियोजना में श्री अन्न (मिलेट्स ग्रेन) की प्रधानता होगी। योग ग्राम साधकों हेतु ध्यान, प्राणायाम , यज्ञ, हवन आदि के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। नेचुरोपैथी, आयुर्वेद की विधियों के केंद्र स्थापित होंगे। साथ ही कला ग्राम में प्रदेश के सभी जिलों के उत्पादों का प्रदर्शन होगा। पंचवटी द्वीप पर जैविक, कॉस्मिक कृषि से फसल उगाई जाएगी। विलुप्त लोक गायकी एवं संस्कृति कार्यक्रमों द्वारा स्थानीय लोक कलाकारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसके अतिरिक्त श्रद्धालुओं के द्वारा अपने पूर्वजों की स्मृति में एक पौधा, अयोध्या की पावन भूमि पर रोपित करने का अवसर दिया जाएगा, जिससे उनमें पर्यावरण के प्रति जागरुकता उत्पन्न हो सके। तरु तल वैदिक विद्यालय की स्थापना होगी, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए होगा। यहां बंबू स्किल डेवलपमेंट एवं साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। स्थानीय किसानों एवं श्रमिकों को पंचवटी द्वीप पर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तो कलाग्राम में हस्तशिल्पियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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