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Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 35 मिनट तक बोले पीएम मोदी, जानिए स्पीच की 10 बड़ी बातें
Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी ने करीब 35 मिनट तक संबोधन दिया।आइये आपको बता हैं कि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 क्या बड़ी बता दें कहीं, जो हम सबको जाननी चाहिए।
PM Modi speech at Ram mandir ceremony: अयोध्या में निर्मित हो रहे नव, भव्य, दिव्य श्रीराम मंदिर में श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का कार्यक्रम सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से संपन्न हो गया। मंदिर प्रांगण में बतौर मुख्य यजमान के रूप में पीएम मोदी एक साख परिधान में नजर आए और समारोह में भाग लिया। वह धोती कुर्ता पहनकर मंदिर परिसर 12 बजे दाखिल हुए। इसके बाद वे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पूजा विधि में भाग लिया। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सोमवार दोपहर 12.05 बजे शुरू हुआ और 1 घंटे से अधिक समय तक चला। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद PM ने लोगों को संबोधित किया। 4 बजे वह दिल्ली लौट गए।
राम-राम से शुरू जय सियाराम पर खत्म किया संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत राम-राम से शुरू की और जय सियाराम पर खत्म किया। इस दौरान पीएम मोदी ने करीब 35 मिनट तक संबोधन दिया। आइये आपको बता हैं कि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 क्या बड़ी बता दें कहीं, जो हम सबको जाननी चाहिए। तो चलिए डालते हैं एक नजर।
पीएम मोदी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की 10 बड़ी बातें
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "सदियों के इंतजार के बाद आखिरकार भगवान राम (अपने धाम में) आ गए हैं। सदियों तक हमने जो धैर्य दिखाया और जो बलिदान दिया, उसके बाद आखिरकार हमारे भगवान राम आ गए हैं। इस शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई। सदियों के अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत त्याग, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आए हैं।
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अपने भाषण में उन्होंने मंदिर निर्माण में देरी के लिए भगवान राम से माफी मांगी। मोदी ने कहा, मैं भगवान राम से क्षमा चाहता हूं। हमारी तपस्या में कुछ कमियां रही होंगी कि हम इस काम को इतने लंबे समय तक पूरा नहीं कर सके। वह कमी दूर हो गई है। मुझे विश्वास है कि भगवान राम हमें माफ कर देंगे।
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पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर का निर्माण विधि सम्मत तरीके से हुआ है उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय को भी धन्यवाद दिया जिसने 9 नवंबर, 2019 को फैसला सुनाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। भगवान राम के अस्तित्व पर कानूनी लड़ाई दशकों तक चली...राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए गए। मैं न्यायपालिका को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसने न्याय दिया और भगवान राम का मंदिर कानूनी तरीके से बनाया गया।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदिर का उद्घाटन भारत के लिए एक "नए युग" की शुरुआत है। उन्होंने घोषणा की 22 जनवरी, 2024 केवल एक तारीख नहीं है बल्कि एक नए युग के आगमन का प्रतीक है। गुलामी की जंजीरों को तोड़कर, अतीत से सबक लेकर देश को आगे बढ़ना चाहिए। कोई देश ऐसे ही नया इतिहास रचता है।
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पीएम मोदी ने उन लोगों पर कटाक्ष किया, जिन्होंने कहा था कि अगर राम मंदिर बनाया गया, तो आग लग जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि देवता अग्नि नहीं बल्कि "ऊर्जा" हैं। उन्होंने कहा, कि वह हैं समस्या नहीं समाधान है। राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, वे सबके हैं। उन्होंने राम मंदिर का विरोध करने वालों से आग्रह किया कि वे अयोध्या आएं और ''ऊर्जा महसूस करें, अपने विचारों पर पुनर्विचार करें।
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उन्होंने आगे कहा कि यह राम के रूप में राष्ट्रीय चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, राम भारत की नींव हैं। राम भारत का विचार हैं, राम भारत का कानून हैं...राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत की महिमा हैं...राम नेता हैं और राम नीति हैं। राम शाश्वत हैं...जब राम का सम्मान किया जाता है, तो उसका प्रभाव वर्षों या सदियों तक नहीं रहता, उसका प्रभाव हजारों वर्षों तक रहता है।
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पीएम मोदी ने कहा, "राम मंदिर का निर्माण भारतीय समाज की परिपक्वता का प्रतिबिंब है। यह न केवल विजय का बल्कि विनम्रता का भी अवसर है।
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पीएम मोदी ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास और अपार विश्वास है कि आज प्रभु राम के भक्त इस ऐतिहासिक क्षण में पूरी तरह से डूबे हुए हैं। देश और दुनिया के हर कोने में प्रभु राम के भक्त इसे गहराई से महसूस कर रहे हैं...यह क्षण दिव्य है, यह क्षण सबसे पवित्र है।
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त्रेता युग' में भगवान राम के आने के बाद 'राम राज्य' की स्थापना हुई। वह हजारों वर्षों तक हमें रास्ता दिखाते रहे। अब, अयोध्या की भूमि हमसे सवाल पूछ रही है, सदियों का इंतजार खत्म हो गया है।" लेकिन आगे क्या? मैं आज महसूस कर सकता हूं कि 'काल चक्र' अब बदल रहा है, और हमारी पीढ़ी यह अवसर पाकर धन्य है।
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पीएम मोदी ने कहा कि हमें अब अगले 1,000 वर्षों के भारत की नींव रखनी है। हम इसी क्षण से एक समर्थ, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण का संकल्प लेते हैं।