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Ram Mandir : राम मंदिर से जुड़ी ये बड़ी खास बातें, जिन्हे जानकार आप हो जायेंगे हैरान

Ram Mandir: राम मंदिर अयोध्या उत्तर प्रदेश में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है।

Aakanksha Dixit
Written By Aakanksha Dixit
Published on: 15 Jan 2024 11:11 AM GMT
Ayodhya News
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Ram mandir 

Ram Mandir: 22 जनवरी को दुनियाभर के करोड़ों भारतीयों का सपना पूरा होने जा रहा है। बरसों के बाद प्रभु श्री राम आखिरकार अपनी नगरी अयोध्या लौटने वाले है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का उद्घाटन करेंगे। अयोध्या नगरी प्राचीन भारत के सबसे प्रतिष्ठित शहरों में से एक है। एक प्राचीन मान्यता है कि इस शहर का निर्माण स्वयं देवताओं ने किया था। यह पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित है। आज हम आपको इस प्रतिष्ठित मंदिर की विविध विशेषताओं के साथ-साथ इसके वास्तुशिल्प कला और निर्माण संबंधी पहलुओं के विषय से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे।

राम मंदिर से जुड़ी कुछ जानकारियां

राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत बी. सोमपुरा हैं, जबकि निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) है और परियोजना प्रबंधन कंपनी टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड (टीसीईएल) है। डिज़ाइन की सलाह विभिन्न संस्थानों से आई है, जैसे कि आईआईटी चेन्नई, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी गुवाहाटी, सीबीआरआई रुड़की, एसवीएनआईटी सूरत, और एनजीआरआई हैदराबाद से। मूर्तिकला का कार्य अरुण योगीराज (मैसूर), गणेश भट्ट, और सत्यनारायण पांडे की देखभाल में हो रहा हैं। परियोजना का कुल क्षेत्रफल 70 एकड़ है, जिसमें 70% हरित क्षेत्र है। मंदिर का क्षेत्रफल 2.77 एकड़ है। मंदिर की निर्माण शैली भारतीय नगर शैली है, जिससे इस परियोजना को सांस्कृतिक विशेषता मिलती है।

प्रयोग की जाने वाली समाग्री

राम मंदिर के निर्माण में कहीं पर भी लोहे की सरियों प्रयोग नहीं किया गया है। उसके स्थान पर स्टील के बने उच्च ग्रेड “रोल्ड कॉम्पैक्टेड कंक्रीट” का प्रयोग किया गया है। उसके आलावा गुलाबी बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट पत्थर, शालिग्राम शिला, सोना और अष्टधातु तथा सागौन की लकड़ी का प्रयोग किया गए हैं।

राम मंदिर से जुड़े कुछ ख़ास बातें

  • एक टाइम कैप्सूल मंदिर से कुछ दूर ज़मीन में दबाई जा रही, ताकि यदि सालों बाद मंदिर के बारे में जानकारी चाहिए, तो उसे प्राप्त किया जा सके।
  • मंदिर की ईंटों पर विशेष रूप से श्री राम का नाम अंकित है, इन्हें "राम शिला" कहा जाता है।
  • मंदिर का निर्माण प्राचीन पद्धति से किया गया है, जिसमें स्टील या लोहे का कोई उपयोग नहीं हुआ है।
  • सोमपुरा आर्किटेक्ट ने मंदिर का डिजाइन बनाया है। इस परिवार की विशेषता है, हजारों सालों से मंदिर और भवन निर्माण में पारंगत है।
  • 2500 से अधिक पवित्र स्थानों से मिट्टी एकत्रित करके मंदिर में लाई गयी है।
  • भगवान हनुमान के जन्मस्थान के रूप में जानी जाने वाली कर्नाटक की अंजनी पहाड़ी से पत्थर लाकर मंदिर निर्माण में सहयोग किया गया है।
  • देश के अलग-अलग पवित्र नदियों का जल भी प्रयोग किया गया तथा कुछ स्वच्छ कुंडों का जल प्रयोग किया गया है।
  • पूरे मंदिर को वास्तु शास्त्र को ध्यान रखते हुए बनाया गया है।
  • एक बार में मंदिर भवन में 10 हजार से अधिक श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे।
  • मंदिर के परिसर में सीता कुंड नामक एक पवित्र कुंड भी होगा।
  • मंदिर परिधि के चारों कोनों पर सूर्यदेव, माँ भगवती, भगवान गणेश, और भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण किया जाएगा।
  • राम मंदिर दो मंजिला बनेगा, जिसकी ऊंचाई 128 फीट, लंबाई 268 फीट और चौड़ाई 140 फीट है। मंदिर के भूतल पर, आसपास के डिजाइन में भगवान राम की कहानी, उनके जन्म और उनके बचपन को दर्शाया जा रहा।
  • उत्तरी दिशा में देवी अन्नपूर्णा का मंदिर होगा और दक्षिणी दिशा में भगवान हनुमान का मंदिर होगा।
  • उत्तर प्रदेश के संवेदनशील जोन-4 में आने वाले भूकंप के परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, मंदिर को इस तरह बनाया गया है कि वह आठ से दस तक के भूकंप को सहने के योग्य है।
  • दक्षिण-पश्चिम दिशा में नवरत्न कुबेर पहाड़ी पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा और जटायु की एक प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी

श्री राम मंदिर, धार्मिक आस्था के प्रतीक के रूप में, एक अद्भुत वास्तुशिल्प कृति है। यह मंदिर भारत की आध्यात्मिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है और भगवान राम की अमर प्रसिद्धि ka जीवंत प्रमाण है, जिससे यह अयोध्या को भारत की आध्यात्मिक राजधानी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Aakanksha Dixit

Aakanksha Dixit

Content Writer

नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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