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Ramlala Pran Pratishtha Day 4: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का चौथा दिन, जानें आज का कार्यक्रम
Ramlala Pran Pratishtha Day 4: आज रामलला वैदिक मंत्रों के साथ औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास करेंगे। वहीं, शाम को धान्याधिवास अनुष्ठान होगा।
Pran Pratishtha fourth Day (photo: social media )
Ramlala Pran Pratishtha Day 4: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आगाज हो चुका है। 16 जनवरी से जारी इस अनुष्ठान का आज यानी शुक्रवार 19 जनवरी को चौथा दिन है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। आज रामलला वैदिक मंत्रों के साथ औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास करेंगे। वहीं, शाम को धान्याधिवास अनुष्ठान होगा।
इससे पहले कल यानी गुरूवार 18 जनवरी को रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में बने आसन पर रख दिया गया। कारीगरों ने मूर्ति को आसन पर खड़ा किया। इस प्रक्रिया में 4 घंटे लगे। बताया गया है कि अब मूर्ति को गंध वास के लिए सुगंधित जल में रखा जाएगा। फिर अनाज, फल और घी में भी रखा जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ट्वीट कर बताया कि आज सुबह 9 बजे अरणिमन्थन से अग्नि प्रकट होगी। उसके पूर्व गणपति आदि स्थापित देवताओं का पूजन, द्वारपालों द्वारा सभी शाखाओं का वेदपारायण, देवप्रबोधन, औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, कुण्डपूजन, पञ्चभूसंस्कार होगा।
इन अनुष्ठानों के बाद ही अरणिमन्थन द्वारा प्रगट हुई अग्नि की कुण्ड में स्थापना, ग्रहस्थापन, असंख्यात रुद्रपीठस्थापन, प्रधानदेवतास्थापन, राजाराम - भद्र - श्रीरामयन्त्र - बीठदेवता - अङ्गदेवता - आवरणदेवता - महापूजा, वारुणमण्डल, योगिनीमण्डलस्थापन, क्षेत्रपालमण्डलस्थापन, ग्रहहोम, स्थाप्यदेवहोम, प्रासाद वास्तुश्शान्ति, धान्याधिवास सायंकालिक पूजन एवं आरती होगी।
गुरूवार को रामलला की पहली तस्वीर आई सामने
18 जनवरी को रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में बने आसन पर रखा गया। रामलला की मूर्ति की पहली तस्वीर सामने आई है, जो पर्दे से ढ़की हुई है। 22 जनवरी को ये पर्दा हटाया जाएगा। 51 इंच की यह मूर्ति रामलला के पांच वर्ष के बालरूप में है। यह मूर्ति मैसूर स्थित मूर्तिकार अरूण योगीराज ने बनाई है। अरूण वह मूर्तिकार हैं, जिनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराहना कर चुके हैं। अरूण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं। उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर राजघराने का संरक्षण हासिल था।