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Ayodhya News: अयोध्या में धूमधाम से मनाया गया रामनवमी, राम लला के सूर्याभिषेक से भावुक हो उठे भक्त
Ayodhya News: पूर्व निर्धारित समय पर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में सूर्य किरणें राम लला के ललाट तक पहुंची। इस दृश्य को देखकर श्रद्धालु बच्चों की तरह किलक उठे।
Ayodhya News: उल्लेखनीय है कि 496 साल के बाद मंदिर का निर्माण केन्द्रीय न्यास श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा चलाया जा रहा है, वहीं प्राण प्रतिष्ठा के बाद जिला प्रशासन द्वारा लगभग 25 लाख श्रद्वालुओं के आगमन के अनुमान को देखकर आवश्यक व्यवस्थायें की गयी थी। चैत्र रामनवमी मेले सेक्टर को 10 सेक्टर में बांटा गया था श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र भी व्यापक सुरक्षा व्यवस्था थी। श्रीरामलला जन्मोत्सव की तैयारियां विगत एक सप्ताह से युद्वस्तर पर चली रही थी, ठीक 12 बजे दोपहर को सम्पन्न हुई।
रामलला के अन्तरिक्ष शोध संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा भगवान सूर्य के किरणों से तिलक/अभिषेक कराया गया यह एक पूर्ण रूप से भौतिक वैज्ञानिक पद्वति है जिससे किरणों को परावर्तित कर किसी भी स्थान पर लेंस के माध्यम से भेजा जा सकता है। इसी की कड़ी में यह एक शुरूआत थी जिसमें रामलला मंदिर के हाईटेक होने की प्रक्रिया का यह पहला चरण कहा जा सकता था।
इसी प्रकार कनक भवन मंदिर एवं हनुमानगढ़ी एवं अन्य प्रमुख मंदिरों के अलावा छोटे बड़े लगभग 121 मंदिर के अलावा शहर मंे एवं नगर निगम क्षेत्र के परिधि के बाहर भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास, प्रसार भारती एवं उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना विभाग द्वारा लगभग 150 एलईडी लगायी गयी थी, जिसमें लोगों ने अपने घर बैठे देखा तथा अपने-अपने घर में लगे केबिल नेटवर्क, निजी एवं सरकारी चैनलों से भी इस प्रसारण को देखा तथा सभी निजी चैनलों में कार्यक्रम को बड़ी सक्रियता से दिखाया। ।
रामलला को 56 प्रकार के भोग भी अर्पित किये गये तथा मौके पर उपस्थित लोगों को चनामृत आदि का प्रसार भी वितरित किया गया। चैत्र रामनवमी मेले के सम्बंध में चिकित्सा विभाग, नगर निगम विभाग, विद्युत विभाग एवं अन्य स्वयंसेवी संगठनों एवं जिला प्रशासन द्वारा आपदा प्रबन्धन द्वारा आदि व्यापक व्यवस्था की गयी है और शहर में आगामी 3 दिनों तक भीड़ रहने की सम्भावना है। इसमें मंदिर भी लगभग 20 घंटे के आसपास खुला रहेगा जिससे श्रद्वालु दर्शन करते रहेंगे। जन्मोत्सव के समय भयो प्रकट कृपाला का दर्शन हुआ तथा अधिक हवन एवं सुगंधित धूप के कारण पूरा मंदिर सुगंधित हो गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, ट्रस्ट के अन्य वरिष्ठ सदस्यगण, महासचिव चम्पत राय, दिनेन्द्र दास, अनिल मिश्रा सहित विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता दिनेश , राजेन्द्र सिंह पंकज सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति के अलावा एडीजी जोन अमरेन्द्र सिंह सेंगर, मण्डलायुक्त गौरव दयाल, आईजी जोन प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी नितीश कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर सहित ट्रस्ट के सैकड़ों पदाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज, अपर जिलाधिकारी नगर/मेलाधिकारी सलिल कुमार पटेल, पुलिस अधीक्षक नगर मधुबन कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अतुल सोनकर, एलएनटी के विनोद मेहता, टीसीएस के अन्य अभियन्तागण विशेष रूप से आमंत्रित वरिष्ठ पदाधिकारीगण, संत महात्मागण, मुख्य अर्चक सत्येन्द्र दास सहित अन्य अर्चकगण उपस्थित थे।
जन्मते ही श्री राम लला का सूर्याभिषेक
दिव्य-भव्य मंदिर में ऊपरी तल से भूतल तक दर्पण दर्पण घूमती टहलती दृश्यमान देवता दिवाकर की प्रतिनिधि किरणें आज मध्य दिवस में जैसे ही रामलला के ललाट पर सुशोभित हुईं टकटकी लगाए हजारों हजार आंखें खुशी से छलछला उठीं।रोम रोम पुलकित हो उठा। मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं की अपरंपार भीड़ इस अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय पल को सहेजने में लगी थी। यही हाल बड़ी बड़ी एलईडी स्क्रीन और अपने घरों में टीवी के सामने बैठे लोगों का भी था।
आज श्रीराम नवमी पर केवल जन्मभूमि मंदिर ही नहीं अपितु पूरी अयोध्या को बहुत ही सुरुचिपूर्ण ढंग से सजाया गया है। ऐसा हो भी क्यों नहीं आखिर पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद श्रीराम लला के अपने मूल स्थान पर बिराजमान होने के बाद यह पहला जन्मोत्सव है। पहले तय हुआ था कि मंदिर की पूर्णता के उपरांत सूर्य किरणों से महामस्तकाभिषेक की व्यवस्था की जाय किंतु साधु-संतों का तर्क था कि जब श्रीराम लला विधि-विधान पूर्वक प्रतिष्ठित हो गये हैं तो सब कुछ विधिवत होना चाहिए।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की हरी झंडी मिलने के बाद रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान का वैज्ञानिक दल सूर्य तिलक को मूर्त रूप देने में जुट गया।यह बहुत आसान नहीं था क्योंकि पृथ्वी की गति के हिसाब से सूरज की दिशा और कोण को समन्वित करके किरणों को उपकरणों के माध्यम से ऊपरी तल से राम लला के ललाट तक पहुंचाना था। अंततोगत्वा वैज्ञानिक सफल हुए और पूर्व निर्धारित समय पर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में सूर्य किरणें राम लला के ललाट तक पहुंची। इस दृश्य को देखकर श्रद्धालु बच्चों की तरह किलक उठे। बाल वृद्ध नारी सब एक ही भाव में थे। वैसे आज प्रातः मंगला आरती से ही उत्सव का वातावरण था।