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Ayodhya: भगवान राम की ससुराल से अयोध्या पहुंचा सनेश’, 3 हजार उपहार, 'कल तक हमारी बेटी टेंट में थी, अब अपने घर आ रही...'

Ayodhya Ram Mandir: नेपाल से आए लोगों का कहना है, 'यह हमारा सौभाग्य है कि आज हमारे दामाद राजा की जन्मभूमि का निर्माण हो रहा है। 22 जनवरी को वह अपने सिंहासन पर विराजमान होंगे।

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Written By amanReport NathBux Singh
Published on: 6 Jan 2024 7:05 PM IST (Updated on: 6 Jan 2024 7:07 PM IST)
Ayodhya Ram Mandir
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श्री राम के ससुराल जनकपुर धाम नेपाल से कारसेवकपुरम पहुंचा तीन हजार से ऊपर सनेश (Social Media)

Ayodhya Ram Mandir: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में इन दिनों माहौल भक्तिपूर्ण हो गया है। राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, नित नई जानकारी राम भक्तों को रोमांचित कर जाती है। गौरतलब है कि, 22 जनवरी को मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। ऐसे में अयोध्या में तरह-तरह की तैयारियां चल रही हैं। इसी बीच भगवान राम के ससुराल यानी जनकपुर से कई तरह के उपहार अयोध्या भेजे गए हैं।

'कल तक हमारी बेटी टेंट में थी, अब अपने घर आ रही'

नेपाल के जनकपुर से आई महिलाओं बताया कि, 'कल तक हमारी बेटी टेंट में थी। अब अपने घर में आ रही है। मेरी बेटी का गृह प्रवेश है। मेरे पास जो कुछ भी है, मैं उससे अपनी बेटी का घर भरना चाहती हूं। मीडिया से बात करते हुए जनकपुर से आईं रामा पांडेय का गला रुंध गया।'

जनकपुर से आई 3 दर्जन गाड़ियां, 3000 से अधिक उपहार

श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व भारत ही नहीं विश्व के अनेक देशों से उपहार भेजे जा रहे हैं। लेकिन, जब उपहार भगवान राम के ससुराल से पहुंचे तो यह और भी रोचक हो जाता है। जनकपुर धाम राम जानकी मंदिर नेपाल से निकली 'भार' (सनेश) शनिवार (06 जनवरी) को अयोध्या पहुंचा। सनेश तीन दर्जन वाहनों से रात्रि कारसेवकपुरम पहुंची। जिसमें 500 से ऊपर रामलला के ससुराल पक्ष के भक्त गण सम्मिलित हैं। ये अपने साथ 3000 से ऊपर उपहार भी लेकर आये हैं। इनमें फल, मिष्ठान, सोना, चांदी आदि सम्मिलित हैं।

क्या होता है सनेश?

अमूमन वधू पक्ष की ओर से वर पक्ष को जो भी उपहार भेजा जाता है, उसे सनेश या भार कहते हैं। इसमें जरूरत के सभी सामान शामिल होते हैं। जनकपुर से आए सनेश में खाने का सभी सामान और ड्राई फ्रूट शामिल है। साथ ही, भगवान के भार में चांदी के बर्तन, सोने के आभूषण और तरह-तरह के गहने जेवर भेजे गए हैं।

चंपत राय- यह त्रेता युग का चला आ रहा संबंध

नेपाल से आए लोगों का कहना है, 'यह हमारा सौभाग्य है कि आज हमारे दामाद राजा की जन्मभूमि का निर्माण हो रहा है। 22 जनवरी को वह अपने सिंहासन पर विराजमान होंगे। आज कारसेवकपुरम में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) ने उपहार को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, 'नेपाल और भारत का संबंध आत्मा से है। यह त्रेता युग का चला आ रहा संबंध प्राचीनता के साथ ऐतिहासिकता को प्रदर्शित करने वाला है।'

यह भेंट प्राप्त करना अति सौभाग्य की बात

इस दौरान पूर्व राष्ट्रीय संयोजक प्रकाश शर्मा विहिप नेता राजेंद्र सिंह,शरद शर्मा, धनंजय पाठक, नेपाल से आये महंत रामरोशन दास वैष्णव, नगर निगम के प्रमुख मनोज शाह,विश्व हिंदू परिषद अध्यक्ष संतोष शाह, परमेश्वर शाह,अजय गुप्ता, मनीष रमन शाह लक्ष्मण शाह, मधु शाह ,रेखा गुप्ता आदि सम्मिलित हुए।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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