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Ayodhya News: अंगद टीला पर राम नवमी से पहले श्रीराम कथा का शुभारंभ, चंपत राय ने किया उद्घाटन

Ayodhya News: श्रीराम जन्मभूमि परिसर स्थित अंगद टीला पर शनिवार को श्रीराम कथा का शुभारंभ हुआ। इस पवित्र अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कथा का उद्घाटन किया।

NathBux Singh
Published on: 29 March 2025 9:25 PM IST
Ayodhya News: अंगद टीला पर राम नवमी से पहले श्रीराम कथा का शुभारंभ, चंपत राय ने किया उद्घाटन
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Ayodhya News: श्रीराम जन्मभूमि परिसर स्थित अंगद टीला पर शनिवार को श्रीराम कथा का शुभारंभ हुआ। इस पवित्र अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कथा का उद्घाटन किया।

इस दौरान कथा व्यास पूज्य अतुलकृष्ण भारद्वाज ने श्रीराम लला के पावन सानिध्य में कथा श्रवण के महत्व को साझा करते हुए कहा, "भगवान श्रीराम लला के संग इस कथा को सुनकर हमारा जीवन धन्य हो गया है। जब संकल्प की सिद्धि होती है, तो जीवन आनंद से भर जाता है। जिस संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे पूर्वजों ने अपने प्राणों की आहुति दी, वही संकल्प अब हमारे समक्ष पूरा हो रहा है।"

अंगद टीला का ऐतिहासिक महत्व

महासचिव चंपत राय ने इस अवसर पर अंगद टीला को ऐतिहासिक स्थल बताया और कहा कि यह टीला भगवान श्रीराम के लीलाओं का साक्षी रहा है। इस पवित्र स्थान पर आज भगवान श्रीराम के जीवन चरित के माध्यम से उनकी महिमा का वर्णन हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा।

कथा के पहले दिन में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, प्रचारक गोपाल, शरद शर्मा समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।


प्रथम दिवस की कथा: गुरु और नाम की महिमा

प्रथम दिन की कथा के दौरान एक भव्य कलश यात्रा आयोजित की गई, जिसमें नगर की माताओं और बहनों ने भाग लिया। इस यात्रा के साथ गाजे-बाजे में नगर के प्रमुख व्यक्ति भी शामिल हुए, जो कथा पंडाल तक पहुंचे।

कथा व्यास पूज्य अतुलकृष्ण भारद्वाज ने कथा की शुरुआत करते हुए गुरु और नाम की महिमा पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "गुरु वह होते हैं, जो अपने शिष्य को अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर मार्गदर्शन करते हैं। भगवान शिव सम्पूर्ण विश्व के गुरु हैं। उन्होंने मां पार्वती के आग्रह पर ज्ञान रूपी गंगा की कथा सुनाई, जो सम्पूर्ण मानवता का कल्याण करती है।" उन्होंने रामचरितमानस को इस ज्ञान रूपी गंगा के समान बताया, जो खुद ही हर एक व्यक्ति तक पहुंचती है।

पूज्य महाराज ने बताया कि संत तुलसीदास जी का जीवन भी गुरु की कृपा का परिणाम था। बाल्यकाल में जिन्हें लोगों ने नकारा, वही बाद में रामचरितमानस के रचयिता बने। "यह गुरु की कृपा है, जो व्यक्ति को अपने भीतर छिपी महानता का एहसास कराता है," उन्होंने कहा।

राम-नाम की महिमा

कथा व्यास ने आगे राम-नाम की महिमा पर चर्चा करते हुए कहा कि आज के समय में राम-नाम ही मानवता का उद्धार करने का एकमात्र साधन है। राम-नाम के जाप से प्रहलाद, ध्रुव, मीराबाई, संत कबीर जैसे भक्तों ने परमात्मा को प्राप्त किया। "राम-नाम के जाप से लोग जीवन के दुखों से उबरकर आनंद की प्राप्ति करते हैं," उन्होंने कहा।

पूज्य महाराज ने यह भी बताया कि कई मशहूर व्यक्तित्व जैसे फिल्म निर्माता स्टीवन स्पीलबर्ग और अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स भी राम-नाम की महिमा से प्रभावित होकर वैष्णव बने हैं। उन्होंने यह बताया कि आज दुनिया भर के लोग राम-नाम का जप करते हुए वृन्दावन और भारत के अन्य धार्मिक स्थलों पर भगवान की भक्ति में लीन हो रहे हैं।

सद्गुण और परमहंस का मार्ग

कथा के अंत में, कथा व्यास ने 'परमहंस' के बारे में भी चर्चा की। "गुरु वह होते हैं जो अपने शिष्य को केवल आत्म-सुधार ही नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन को भी सुधारने की प्रेरणा देते हैं। स्वामी रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद के उदाहरण से यह सिद्ध होता है कि गुरु की कृपा से जीवन में महान परिवर्तन संभव है," उन्होंने कहा। उन्होंने कहा कि इस कलियुग में राम-नाम ही जीवन का एकमात्र आधार है। "कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिरि सुनि नर उत्राहिं पारा," इस श्लोक के माध्यम से उन्होंने राम-नाम की शक्ति को बताया।

Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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