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Ayodhya Dairy: टाट से निकले तो राम लला

Ayodhya Dairy: जल्दबाजी इतनी की अयोध्या में दौड़ा दीं दुबग्गा डिपो की बसें, अभी बहुत काम बाकी, सुबह का वक्त था, इसलिए रामलला के दर्शन थोड़ी ही देर बाद हो गये। पहली बार रामलला के दर्शन करने पर आत्मीय सुख का अनुभव हो रहा था। मैं उन्हें एकटक निहारता रहा। पीछे से पुलिस के जवान कह रहे थे बढ़ते जाइए, बढ़ते जाइए।

Hariom Dwivedi
Published on: 16 Jan 2024 6:20 PM GMT
When Ram Lala came out of the sack
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टाट से निकले तो राम लला: Photo- Social Media

Ayodhya Dairy: रविवार की रात में सोने से पहले मैंने तय किया था कि मंगला आरती में शामिल हो जाऊंगा पर सुबह 5 बजे आंख ही नहीं खुली, क्योंकि एक तो 12 बजे सोया था और दूसरे पूरा दिन इधर-उधर कवरेज में भागते हुए में बीता था। इसके अलावा सोमवार की सुबह कड़ाके की ठंड थी। आज भले ही उतना कोहरा नहीं था पर सर्दी हांड कंपाने वाली थी। आठ बजे सोकर उठा। आज नहाते समय में वो दिन याद आ गये जब कार्तिक की मौनी अमावस्या में नहाने तीर्थ में जाते थे, जहां पानी मानो काटता हो। आज भी पानी बस जमा नहीं था। जैसे-तैसे नहाया, क्योंकि राम मंदिर के दर्शन जो करने थे।

राम जन्मभूमि से पहले लॉकर है, जहां आपको अपना सामान सुरक्षित रखना होता है। फिलहाल यह सुविधा फ्री है। आमजन को निर्माणाधीन परिसर में मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान ले जाने की मनाही है। मुझे लॉकर नंबर 51 मिला था। उसमें मैंने बैग और मोबाइल रखा। आज मन बल्लियों उछल रहा था । क्योंकि थोड़ी ही देर में रामलला के दर्शन जो होने थे। वैसे तो रामलला कण-कण में विराजमान हैं। लेकिन अयोध्या की बात ही निराली है। जगह-जगह पुलिस का सख्त पहरा था। हथियारों से लैस महिला व पुलिस के जवान मुस्तैद थे। पुलिसवालों की नजर हर किसी पर थी। दो जगह सघन चेकिंग हुई। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से भी गुजरना पड़ा। मैं ही नहीं सैकड़ों श्रद्धालु पैनी नजरों से चारों तरफ मंदिर निर्माण की प्रगति को देख रहे थे। देखने में ऐसा लग रहा था कि जैसे आपके घर में बेसमेंट की छत पड़ गई है, लेकिन अब दीवारें उठ रही हैं। ऐसा ही कुछ हाल शहर का है ।

Photo- Social Media

अभी काफ़ी काम बाकी है

सुबह का वक्त था, इसलिए रामलला के दर्शन थोड़ी ही देर बाद हो गये। पहली बार रामलला के दर्शन करने पर आत्मीय सुख का अनुभव हो रहा था। मैं उन्हें एकटक निहारता रहा। पीछे से पुलिस के जवान कह रहे थे बढ़ते जाइए, बढ़ते जाइए। प्रसाद लेकर आगे बढ़ा। दूर-दूर तक निर्माण कार्य चल रहा था। देखने में लग रहा था कि अभी सिर्फ 30 फीसदी ही काम हुआ है। लाइन में जो मेरे आगे चल रहे थे वो साउथ इंडियन थे जो तेलगू में बोले जा रहे थे। मैंने पूछा अन्ना कैसा लगा? प्रतिउत्तर में वह मुस्करा दिये। पीछे वाले पति-पत्नी बोल पड़े जो बिहार से थे। कहा कि बाबा योगी ने जल्दी कर दी। अभी बहुत काम बाकी है। दूसरे ने कहा कि सभी जानते हैं कि प्राण-प्रतिष्ठा इतनी जल्दबाजी में हो रही है? उन्हें और टटोला तो वह खुलने लगे।2024 का लोकसभा चुनाव है।व अभी कम से पांच साल और लगेगा राम मंदिर निर्माण पूरा होने में। वैसे भी तय समय के अनुसार मंदिर क पूरी तरह 2025 में तैयार होना है। एक अधेड़ से व्यक्ति जो साउथ इंडियन से आगे चल रहे थे, पलटकर कहा कि अरे देखना भव्य मंदिर का उद्घाटन। भले ही सभी को लग रहा था कि 2024 के चुनाव की वजह से राम मंदिर का उद्घाटन जल्दबाजी में हो रहा है, लेकिन सब खुश थे कि कम से कम रामलला अपने घर में ही तो रहेंगे।

मकर संक्रांति पर सरयू स्नान

दिन चढ़ा तो सरयू नदी के तट पर पहुंचा, जहां मकर संक्रांति पर लोग दूर-दूर से स्नान करने आये थे। घाटों पर आज रोजाना से ज्यादा भीड़ थी। पुरोहित दान-दक्षिणा करवा रहे थे। गोदान भी हो रहे थे। यहां वह ही लोग थे । जिन्हें सरयू में स्नान के बाद ही भगवान के दर्शन को जाना था। बाकी सेल्फी और फोटो लेने वाले लता मंगेश्कर चौक पर जमा थे। फिलहाल मैं दशरथ समाधि स्थल पर भ्रमण के उद्देश्य से निकल चुका था। बाईपास तक इलेक्ट्रिक बस से गया जो अयोध्या में एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

Photo- Social Media

अयोध्या में दौड़ रहीं दुबग्गा डिपो की बसें

हैरत तो तब हुई जब बसों पर दुबग्गा डिपो लिखा देखा। बस में बैठा तो ड्राइवर से पूछ ही लिया कि इस पर दुबग्गा डिपो क्यों लिखा है? उसने बताया कि लखनऊ के दुबग्गा डिपो से 50 बसें ड्राईवर और कंडक्टरों के साथ आई हैं। वह भी ये लोग ऐसे हैं जो रूट से रूबरू नहीं हैं। कहा कि अभ्यस्त हो जाएंगे। सरकार की तरफ से रोडवेज बस अड्डे पर इनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। कंडक्टर ने कहा कि जब तक नई बसें नहीं आ जातीं उन्हें यहीं अयोध्या में रहने के निर्देश मिले हैं।

कांग्रेस ने बताया आधी-अधूरी तैयारी का राज

यूपी अध्यक्ष अजय राय सहित कई कांग्रेस के कई नेता व पार्टी पदाधिकारी भी रामलला के दर्शन को पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि रामलला का भव्य मंदिर बन जाये तब वह उसमें निवास करें। ऐसी जल्दबाजी किसी काम की नहीं।

Shashi kant gautam

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