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Ayodhya : पीएम मोदी के कार्यक्रम वाले रास्तों पर SPG कमांडों का नियंत्रण : 30 हजार जवानों के साथ अयोध्या छावनी में तब्दील
Ayodhya : प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम मोदी व अतिथियों की मौजूदगी को देखते हुए अयोध्या को पूरी तरह से छावनी में बदल दिया गया है। 30,000 से अधिक जवानों ने विभिन्न स्थानों पर मोर्चा स्थापित कर दिया है।
SPG commandos in ayodhya source : social media
Ayodhya : राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होने जा रही है। इस भव्य एवं विशाल समारोह की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। कार्यक्रम में पीएम मोदी व अतिथियों की मौजूदगी को देखते हुए अयोध्या को पूरी तरह से छावनी में बदल दिया गया है। समारोह के संदर्भ में एसपीजी ने सख्ती से कदम उठाया है। सभी प्रमुख मार्गों और प्रधानमंत्री के आगमन के स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था उनके नियंत्रण में है। साथ ही, प्रदेश भर से आए 30,000 से अधिक जवानों ने विभिन्न स्थानों पर मोर्चा स्थापित कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने इन्हें जिम्मेदारियों के साथ सभी दिशा-निर्देश प्रदान किए हैं।
विभिन्न जिलों के पुलिसकर्मी भी तैनात
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 7,000 से अधिक अतिथियों के शामिल होने की उम्मीद है। इस अवसर पर जिले को अभेद्य सुरक्षा कवच से सुरक्षित किया जा रहा है। येलो जोन और रेड जोन के अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में 10,000 से अधिक CCTV कैमरे स्थापित किए गए हैं। लैंडमाइन डिटेक्शन, फेस रिकॉग्निशन, और अन्य आधुनिक उपकरणों का भी सक्रिय रूप से उपयोग होगा। 30 हजार जवानों के अलावा इनमें अन्य जिलों के 100 से अधिक डीएसपी, 325 इंस्पेक्टर, 800 उपनिरीक्षक, वीआईपी सुरक्षा के लिए तीन डीआईजी, 17 एसपी, 40 एएसपी, 82 डीएसपी, 90 निरीक्षक, आदि शामिल हैं। इसके अलावा, अर्द्धसैनिक बलों में चार कंपनी आरआरएफ, दो कंपनी एसएसबी, एक कंपनी आईटीबीपी, और 26 कंपनी पीएसी के जवान भी मौजूद हैं।
चेकिंग के बाद आने -जाने की छूट
जिले की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है। एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड की टीम लगातार विभिन्न इलाकों में निगरानी कर रही है। हाईवे पर हर 200 मीटर पर एक पुलिसकर्मी को तैनात किया गया है। तीव्र जाँच के बाद ही लोगों को आगंतुक स्वीकृति दी जा रही है। जवानों के ठहराने के लिए, जिले के 103 स्कूलों के साथ-साथ होटल और धर्मशालाओं का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। 12 स्थानों पर अंतिम ड्रोन सिस्टम का उपयोग करके ड्रोन से निगरानी की जा रही हैं। नयाघाट पर एक फ्लोटिंग कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। जलमार्ग पर जिओ फेंसिंग के जरिये निगरानी में विशेष ध्यान दिया जा रहा है।