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Ayodhya News: रसोई घर में प्रयोग होने वाले मसाले घर का वैद्य: महासचिव चम्पत राय
Ayodhya News: सामाजिक समरसता पर जोर देते हुए कहा कि आज के समय ऊंच-नीच, छुआछूत, जाति पंथ के विषय बेमानीहो गए हैं। उन्होंने कहा कि केवल स्वयं को भेदभाव से दूर कर लेना ही पर्याप्त नहीं है, बच्चों को भी भेदभाव से दूरी बनाने की प्रेरणा देनी चाहिए।
Ayodhya News: विवेकानंद केंद्र से सम्बद्ध मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं से भेंट के दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि सामान्य रसोई घर में प्रयोग होने वाले मसाले घर का वैद्य है। आज के समय में इसके प्रति जागरूकता और जानकारी का अभाव हो गया है। विवेकानंद केंद्र मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 48 पूर्णकालिक कार्यकर्ताओ का दल शुक्रवार को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन के लिए अयोध्या आया।
प्रातः काल सरयू स्नान के बाद दल ने नागेश्वर नाथ मंदिर, दशरथ महल, कनक भवन व श्री राम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन किए। इस दौरान दल के सदस्यों ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से अनौपचारिक भेट वार्ता की विवेकानंद केंद्र के ये कार्यकर्ता खान-पान में नित्य शामिल सामग्री को ही दवा का स्वरूप देकर स्वस्थ रहने की दिशा में काम कर रहे हैं। केंद्र की गतिविधियों की चर्चा करते हुए चम्पत राय ने कहा कि घरेलू बातों की अनदेखी, जल्दबाजी और जानकारी का अभाव हमें डॉक्टर के पास जाने को विवश करता है। यदि जागरूकता के साथ सही जानकारी हो जाए तो हम डॉक्टर इंजेक्शन और रसायन के प्रयोग से पूरी तरह बच सकते हैं।
सामाजिक समरसता पर जोर देते हुए कहा कि आज के समय ऊंच-नीच, छुआछूत, जाति पंथ के विषय बेमानीहो गए हैं। उन्होंने कहा कि केवल स्वयं को भेदभाव से दूर कर लेना ही पर्याप्त नहीं है, बच्चों को भी भेदभाव से दूरी बनाने की प्रेरणा देनी चाहिए। बच्चों को जानकारी देने से धीरे-धीरे समाज में बदलाव आएगा, कोई भी काम एक दिन में नहीं होता है। उन्होंने रामेश्वरम और समुद्र में स्थित विवेकानंद शिला के विषय में भी कार्यकर्ताओं से चर्चा की। अतीत को स्मरण करते हुए बताया कि किस तरीके से 1960-67 के बीच शिला पर मंदिर का निर्माण किया गया जिसके लिए कार्यकर्ताओं ने प्रत्येक व्यक्ति से एक-एक रुपए का धन संग्रह किया था।
सायंकाल कार्यकर्ताओं के दल ने सरयू आरती में शामिल होने के बाद प्रस्थान किया। कार्यकर्ताओं के दल का नेतृत्व रचना उषाकांत जैन व कार्यक्रम का समन्वय डॉक्टर रासबिहारी शरण पाण्डेय ने किया। प्रमुख रूप से जनार्दन, योगेंद्र, संदीप, शिवम, माया पराडकर, धर्मदास आदि मौजूद रहे।