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Ayodhya News: 'सतत मात्सियकी नवीनतम तकनीकियां एवं प्रबंधन' विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

Ayodhya News: मुख्य वक्ता मत्स्य देवी पाटन एवं अयोध्या मंडल के उप निदेशक राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि "सजावटी मात्सियकी में निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। यह 125 से अधिक देशों में फैला एक बहु-अरब डॉलर का उद्योग है।

NathBux Singh
Published on: 4 March 2025 7:50 PM IST
Three-day training program on Latest Technologies and Management of Sustainable Fisheries inaugurated
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'सतत मात्सियकी नवीनतम तकनीकियां एवं प्रबंधन' विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ (Photo- Social Media)

Ayodhya News: उत्तर प्रदेश के जनपद अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के प्रेक्षागृह में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। “सतत मात्सियकी नवीनतम तकनीकियां एवं प्रबंधन” विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक प्रशासन एवं परिवीक्षण डा. सुशांत श्रीवास्तव, अधिष्ठाता डा. संजय पाठक, निदेशक प्रसार डा. रामबटुक सिंह, निदेशक शोध डा. ए.के गंगवार, डीएसडब्ल्यू डा. डी. नियोगी अधिष्ठाता डा. सी.पी सिंह ने दीप प्रज्वलन कर किया।

मुख्य वक्ता मत्स्य देवी पाटन एवं अयोध्या मंडल के उप निदेशक राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि "सजावटी मात्सियकी में निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। यह 125 से अधिक देशों में फैला एक बहु-अरब डॉलर का उद्योग है। जिसका खुदरा व्यापार 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 2.36 मिलियन हेक्टेयर टैंक और पॉण्ड क्षेत्र है जहां कल्चर बेस्ड मात्सियकी प्रमुख हैं जो कुल मत्स्य उत्पादन में अधिकतम हिस्सेदारी का योगदान देता है।

मछली पालन से किसान अपनी आय को दोगुणी कर सकते हैं

अधिष्ठाता डा. संजय पाठक ने कहा कि सतत मात्स्यिकी नवीनतम तकनीकियों और प्रबंधन के माध्यम से मत्स्य पालन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है और मत्स्य उत्पादों की गुणवत्ता एवं उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से समुद्री संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ उनके दोहन को नियंत्रित किया जा सकता है। अधिष्ठाता डा. सी.पी सिंह ने कहा कि मछली पालन से किसान आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर अपनी आय को दोगुणी कर सकते हैं। सतत मात्स्यिकी नवीनतम तकनीकियों और प्रबंधन में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना एक महत्वपूर्ण विशेषता है।

मात्सियकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. सी.पी सिंह के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। डा. शशांक सिंह ने सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया एवं संचालन डा. एस. के. वर्मा ने किया। इस मौके पर विवि के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

Shashi kant gautam

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