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Prasad Controversy : तिरुपति के प्रसाद पर छिड़े विवाद के बीच अयोध्या के संतों ने रखी ये बड़ी मांग, हिल जाएंगी सरकारें

Prasad Controversy : आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी के प्रसाद को लेकर छिड़े विवाद के बीच अयोध्या के संतों ने बुधवार को एक बड़ी बैठक की।

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Newstrack Network
Published on: 25 Sept 2024 9:37 PM IST (Updated on: 25 Sept 2024 11:16 PM IST)
Prasad Controversy : तिरुपति के प्रसाद पर छिड़े विवाद के बीच अयोध्या के संतों ने रखी ये बड़ी मांग, हिल जाएंगी सरकारें
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सांकेतिक तस्वीर (Pic - Social Media)

Prasad Controversy : आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी के प्रसाद को लेकर छिड़े विवाद के बीच अयोध्या के संतों ने बुधवार को एक बड़ी बैठक की। इस बैठक में मंदिरों की पवित्रतों को बचाने के लिए कई प्रस्ताव रखे गए है। बैठक में संतों ने कहा कि सनातन धर्म की पवित्रता को भंग करने का प्रयास किया गया तो इसका अंजाम सरकारों को भुगतना पड़ेगा।

रामनगरी अयोध्या के संतों ने बड़ा भक्तमाल मंदिर में बैठक की। संतों और महंतों ने देश के सभी हिन्दू मंदिरों से सरकारी नियंत्रण से दूर रखने की मांग की है। बैठक में महंतों ने कहा कि काशी विश्वनाथ हो या महाकाल, तिरुपति बालाजी हो या बांकेबिहारी मंदिर, सभी को सरकाराी नियंत्रण से तत्काल मुक्त किया जाए। इस दौरान संतों ने सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि जब मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त होंगे तो वहां पर बनने वाले प्रसाद की शुद्धता का ध्यान रखा जा सकेगा।

सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों मंदिर

भक्तमाल मंदिर के महंत अवधेश कुमार दास ने कहा कि मंदिरों पर जब तक सरकारी नियंत्रण रहेगा, तब तक शुद्धता का ध्यान रखा जाना असंभव है। उन्होंने जैसे अन्य धर्मों को स्वतंत्रता दी गई है, उसी प्रकार हम भी स्वतंत्रता की मांग करते हैं। इसके लिए हमें बोर्ड बनाने की जरूरत पड़ेगी तो हम बनाएंगे। बैठक में कहा गया कि मंदिरों का संचालन वेद और पुराण के आधार पर शास्त्रीय तरीके से किया जाना चाहिए।

सरकारों को परिणाम भुगतना होगा

बैठक के दौरान संतों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सनातन धर्म की पवित्रता को भंग करने और बदनाम करने का प्रयास किया जाएगा, तो हिन्दू सोता नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकारों को भी इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। महंतों ने इस दौरान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र किया और कहा कि इस दौरान प्रतिष्ठा होने तक लाखों लोगों ने अन्न और जल का त्याग कर रखा था। प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद ही प्रसाद को ग्रहण किया था, अब उसी प्रसाद की पवित्रता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इससे हम सभी काफी दुखी हैं। बैठक में कहा गया कि मंदिर की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने और धर्म भ्रष्ट करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

दुकानदारों को भी दी चेतावनी

वहीं, संकट मोचन सेना के अध्यक्ष एवं हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास ने कहा कि हनुमानगढ़ी में प्रसाद के लिए ब्रांडेड घी (पराग, अमूल और पातिराम) ही प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम लोग प्रसाद की भी जांच करते हैं, यदि कोई भी दुकानदार गलत काम करते हुए पाया गया जो उसकी दुकान सील करने के साथ ही दंड भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन को भी ठीक से जांच करनी चाहिए और दुकानदारों से मिलीभगत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठक में प्रसाद विक्रेताओं को भी बुलाया गया था। बैठक में महंत अवधेश कुमार दास, महंत संजय दास, महंत जनमेजय शरण, जगदगुरू रामानुजाचार्य, पुजारी हेमंत दास और नागा रामलखन सहित कई संत मौजूद रहे।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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