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Ayodhya Ram Mandir: 500 प्रीफैब टॉयलेट्स के जरिए अयोध्या के सरयू घाटों पर प्रसाधन सुविधा का होगा विकास

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के सरयू घाटों पर जिन 500 प्रीफैब टॉयलेट्स की स्थापना, संचालन व रखरखाव की प्रक्रिया शुरू की गई है, उसे एजेंसी निर्धारण द्वारा पूरा किया जाएगा जिसकी प्रक्रिया जारी है। एजेंसी निर्धारण के लिए क्वॉलिटी कॉस्ट बेस्ड सिलेक्शन प्रक्रिया को प्रयोग में लाया जा रहा है।

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Newstrack Network
Published on: 7 Jan 2024 6:16 PM IST
Toilet facilities will be developed at Saryu Ghats of Ayodhya through 500 prefab toilets
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500 प्रीफैब टॉयलेट्स के जरिए अयोध्या के सरयू घाटों पर प्रसाधन सुविधा का होगा विकास: Photo- Social Media

Ayodhya Ram Mandir: आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर अयोध्या के विकास के विजन को साकार कर रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अवधपुरी में धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है। यहां लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो तथा उन्हें समुचित नागरिक सुविधाओं का लाभ मिले, इस पर फोकस करते हुए सीएम योगी के दिशा-निर्देशन में विजन डॉक्यूमेंट 2047 के अंतर्गत परियोजनाओं पर कार्य निरंतर जारी है। इसी क्रम में अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने पवित्र सरयू नदी के किनारे सभी दर्शनीय घाटों को प्रीफैब टॉयलेट्स की परियोजना से आच्छादित करना शुरू कर दिया है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को प्रसाधन सुविधा के दृष्टिगत किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उल्लेखनीय है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपरांत श्रीराम जन्मभूमि मंदिर समेत सरयू घाटों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दर्ज की जाएगी। वहीं 15 जनवरी को मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर यहां माघ स्नान के अंतर्गत साधु-संन्यासी, श्रद्धालु व अयोध्या की जनमानस पवित्र सरयू में विभिन्न घाटों पर डुबकी लगाएगी। ऐसे में प्रीफैब टॉयलेट्स की स्थापना व संचालन के जरिए उन्हें प्रसाधन सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के दृष्टिगत भी योगी सरकार व अयोध्या जिला प्रशासन कार्य कर रही है।

क्वॉलिटी कॉस्ट बेस्ड सिलेक्शन से होगा निर्धारण

अयोध्या के सरयू घाटों पर जिन 500 प्रीफैब टॉयलेट्स की स्थापना, संचालन व रखरखाव की प्रक्रिया शुरू की गई है, उसे एजेंसी निर्धारण द्वारा पूरा किया जाएगा जिसकी प्रक्रिया जारी है। एजेंसी निर्धारण के लिए क्वॉलिटी कॉस्ट बेस्ड सिलेक्शन प्रक्रिया को प्रयोग में लाया जा रहा है। इसके अंतर्गत कार्य करने की इच्छुक एजेंसियों द्वारा एडीए के समक्ष इन टॉयलेट्स के वर्किंग प्रोटोटाइप को संचालित करके दिखाने तथा कम कीमत में उच्चतम सुविधा उपलब्ध कराने जैसी प्रक्रियाओं को अमल में लाना होगा।

आम जनता मुफ्त में कर सकेगी इन टॉयलेट्स का उपयोग

इन टॉयलेट्स को एजेंसी के माध्यम से न्यूनतम 12 महीने के लिए संचालन व उपयोग में लाया जाएगा। निर्धारित एजेंसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि संपूर्ण ब्लॉक स्वच्छता और परिचालन स्थितियों में हैं। सभी आवश्यक सैनिटरी फिटमेंट के साथ आपूर्ति किए गए टॉयलेट सीट ब्लॉक की गारंटी भी उच्चतम क्वॉलिटी की होनी चाहिए। सेप्टिक वेस्ट, निर्बाध जल आपूर्ति और सफाई उपकरणों, पर्यावरण अनुकूल रसायनों की प्रभावी सफाई सुनिश्चित करना, गैंग-चार्ट, सफाई

कार्यक्रम/सफाई-रजिस्टर/उपस्थिति पत्रक/देखभाल करने वालों/प्रबंधन की निगरानी और पर्यवेक्षण जैसे कार्यों को भी करना होगा। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करने के लिए कि टॉयलेट सीट ब्लॉक उचित वेंटिलेशन, प्रकाश और सहायक उपकरण के साथ 24x7 दिन चालू रहें, जो उक्त उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में भी एजेंसी द्वारा कार्य किया जाएगा। सभी आवश्यक जानकारी/ संकेत और सार्वजनिक जागरूकता उपकरण प्रदान किया जाएगा, जो न केवल स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के उद्देश्य को पूरा करता है, बल्कि लोगों को उत्तम नागरिक प्रथाओं को अपनाने और दूसरों को इसके बारे में शिक्षित करेगा।

हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु गुजराती व मराठी भाषा का टॉयलेट साइनेज में होगा उपयोग

कलर कोडिंग को ध्यान में रखकर पुरुष व स्त्री प्रसाधन गृहों को संचालित किया जाएगा। इसमें पुरुषों के लिए नीला व महिलाओं के लिए पिंक रंग का प्रयोग किया जाएगा। इसके अतिरिक्त इन टॉयलेट्स को दर्शाने वाले संकेतक साइनेज बोर्ड्स को हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, गुजराती व मराठी जैसी भाषाओं में दर्शाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, आम लोगों को आवश्यक सहायता प्राप्त करने में सहायता के लिए प्रत्येक बूथ पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हेल्पलाइन नंबर को भी प्रदर्शित किया जाएगा। शौचालयों के संचालन में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016, माननीय एनजीटी के निर्देशों और एसबीएम 2.0 के दिशानिर्देशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए घाट की सफाई और जन जागरूकता अभियान में लगी अन्य टीम का समर्थन को भी समय-समय पर सुनिश्चित किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि यहां स्थापित होने वाले 500 टॉयलेट ब्लॉक्स में से 450 नग आईडब्ल्यूसी/उड़ीसा पैन (इंडियन वॉटर क्लोजेट) होना चाहिए, जिसमें से 10 में विशेष रूप से सक्षम लोगों के लिए प्रावधान होना चाहिए, जबकि शेष 40 में ईडब्ल्यूसी (यूरोपीय वॉटर क्लोजेट) होना चाहिए, जिसमें आसानी से समझने के लिए दरवाजे के साइनेज हों। इन टॉयलेट्स को यूज करने वाले यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसलिए बाकायदा नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाएगी। यहां कॉल को अटेंड करने और रिकॉर्ड तरीके से मुद्दों के निवारण के लिए जवाब देने के लिए एक टोल-फ्री/मोबाइल नंबर (24/7) की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।

-सीएम योगी के विजन अनुसार अयोध्या को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने पर किया जा रहा सबसे ज्यादा फोकस

-सरयू घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसलिए सभी प्रमुख घाटों को प्रीफैब टॉयलेट्स योजना के अंतर्गत किया जाएगा आच्छादित

-अयोध्या विकास प्राधिकरण ने शुरू की प्रक्रिया, मकर संक्राति पर होने वाले स्नान के दृष्टिगत की जा रही है व्यवस्था



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Shashi kant gautam

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