×

Ayodhya News: दो दिवसीय जिला स्तरीय संगोष्ठी का हुआ समापन, प्राकृतिक खेती के बताए गए फायदे

Ayodhya News: कुलपति डा.बिजेंद्र सिंह ने कहा कि किसान 90 दिनों में तैयार होने वाले मेंथा की खेती कर कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। खेती करने के लिए किसानों में आत्मविश्वास बहुत जरूरी है।

NathBux Singh
Published on: 29 March 2025 7:54 PM IST
Two-day district level seminar concludes on benefits of natural farming
X

 दो दिवसीय जिला स्तरीय संगोष्ठी का हुआ समापन, प्राकृतिक खेती करने के बताए गए फायदे (Photo- Social Media)

Ayodhya News: आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पशुपालन महाविद्यालय के प्रेक्षागृह में दो दिवसीय जिला स्तरीय संगोष्ठी का समापन हुआ। “आजीविका सुरक्षा एवं सतत विकास के लिए सुगंधित एवं बीजीय मसालों की खेती” विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई। कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह व अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ किया। अयोध्या, सुल्तानपुर एवं बाराबंकी जिले से 157 किसानों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।


संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कुलपति डा.बिजेंद्र सिंह ने कहा कि किसान 90 दिनों में तैयार होने वाले मेंथा की खेती कर कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। खेती करने के लिए किसानों में आत्मविश्वास बहुत जरूरी है। किसान मसाले एवं सगंध की खेती को प्राकृतिक तरीके से करें। प्राकृतिक खेती करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है और उत्पन्न पैदावार उच्च गुणवत्ता की होती है। मसाले की खेती करने में भारत विश्वभर में पहले स्थान पर है। कुलपति ने कहा कि लेमनग्रास के पौधों को खेत की मेड़ के चारों तरफ लगाएं इससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी। मसाले की खेती के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाईं जा रही जिसका लाभ किसानों को उठाना चाहिए।

केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान लखनऊ की वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रियंका सूर्यवंशी ने कहा कि किसान सगंध एवं मसालों की जैविक विधि से खेती करें तो अधिक लाभ कमा सकते हैं। मेंथा की खेती हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके तेल का प्रयोग दवा तथा सुगंधा बनाने में भी किया जाता है। इस खेती में बस नमी का ध्यान रखना होता है और कई बार पानी लगाने की जरूरत होती है। बताया कि इसकी बुआई के लिए उपयुक्त समय 15 जनवरी से 15 फरवरी तक होता है। नर्सरी से पौधों की रोपाई मार्च से अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक अवश्य कर देनी चाहिए नहीं तो किसानों को कम उपज प्राप्त होगी।


सभी अतिथियों को पुष्पगुच्छ एवं मोमेंटो भेंटकर सम्मानित किया गया। अधिष्ठाता डा. संजय पाठक के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ आशीष सिंह ने किया। इस मौके पर विवि के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story