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Ayodhya News: विश्व मौसम दिवस 2025: "प्रारम्भिक चेतावनी अन्तर को एक साथ पाटना" विषय पर पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया

Ayodhya News: आज के वैज्ञानिक युग में देश का मौसम विज्ञान विभाग वर्ष 1875 में अपनी स्थापना के उपरान्त निरन्तर शोध कार्यों व अन्यान्य प्रयोगों की बदौलत आने वाले कुछ घण्टों से लेकर अगले कुछ दिनों तक के मौसम की भविष्यवाणी करने में सक्षम है।

NathBux Singh
Published on: 25 March 2025 6:03 PM IST
Farmers need weather forecast information for farming
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विश्व मौसम दिवस 2025: "प्रारम्भिक चेतावनी अन्तर को एक साथ पाटना" विषय पर पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया (Photo- Social Media)

Ayodhya News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या के कृषि मौसम विज्ञान विभाग एवं एसोसिएशन ऑफ एग्रोमेट्रोलॉजी अयोध्या चैप्टर द्वारा कृषि महाविद्यालय, मुख्य परिसर के सभागार कक्ष में 75वें विश्व मौसम दिवस 2025 "प्रारम्भिक चेतावनी अन्तर को एक साथ पाटना" विषय पर पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया।

खेती के लिए किसानों को मौसम पूर्वानुमान की जानकारी आवश्यक

समारोह के मुख्य अतिथि डा० बिजेन्द्र सिंह कुलपति ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को विश्व मौसम दिवस मनाया जाता है। जिसके अन्तर्गत मौसम पूर्वानुमान द्वारा किसानों को खेत की तैयारी, फसल की किस्म का चयन, वुवाई का समय, सिंचाई, उर्वरक व कीटनाशकों का प्रयोग, फसल की कटाई व मड़ाई, फसल का भण्डारण इत्यादि सभी कुछ मौसम पर निर्भर करता है।


किसान को पूर्व में मौसम की जानकारी होने से उसे अपनी खेती किसानी की गतिविधियों पशुपालन, मुर्गीपालन, मछलीपालन, बागवानी, वानिकी फसलों के प्रबन्धन में काफी मदद मिलती है। इससे जहां एक ओर उसके समय, श्रम व पूंजी में बचत करके उसकी आमदनी में इजाफा किया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ उत्पादन में वृद्धि से देश में खाद्यान्न सुरक्षा की चुनौतियों से भी आसानी से निपट जा सकता है।

डा० सीताराम मिश्र, विभागाध्यक्ष, कृषि मौसम विभाग ने बताया कि आज के वैज्ञानिक युग में देश का मौसम विज्ञान विभाग वर्ष 1875 में अपनी स्थापना के उपरान्त निरन्तर शोध कार्यों व अन्यान्य प्रयोगों की बदौलत आने वाले कुछ घण्टों से लेकर अगले कुछ दिनों तक के मौसम की भविष्यवाणी करने में सक्षम है। यहां तक की भारत मौसम विभाग मानसून के आगमन की भविष्यवाणी तथा वर्षा की अनुमानित स्थिति का आकलन मई माह के अन्तिम सप्ताह में ही कर देता है।

कार्यक्रम में पूर्व एग्रोमेट हेड, भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली डा० के०के० सिंह ने मौसम पूर्वानुमान की आधुनिक तकनीकियों, सुदृढ़ संचालन एवं उससे होने वाले लाभों की चर्चा विस्तार से की। इसके साथ ही साथ आपदा प्रबन्धन में भी मौसम विज्ञान विभाग के योगदान पर प्रकाश डाला। डा० सुधीर कुमार मिश्र, एग्रोमेट्रोलॉजिस्ट, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने मौसम आंकडों के संकलन एवं उसके अच्छे जनरल्स में शोध पत्रों के प्रकाशन व शोध प्रोजेक्टों को तैयार करने की तकनीकियों पर प्रकाश डाला।


मौसम पूर्वानुमान से फसलों पर पड़ने वाले अनुकूल प्रभाव पर विस्तृत से चर्चा

डा० अतुल कुमार सिंह, हेड, स्टेट मेट्रोलॉजिकल सेन्टर, लखनऊ में मौसम पूर्वानुमान के विशेष श्रेणियों तथा अल्पकालिक, मध्यम अवधि एवं दीर्घ अवधि मौसम पूर्वानुमान, तात्कालिक पूर्वानुमान से होने वाले लाभों पर विस्तार से चर्चा की। डा० अरविन्द कुमार, साइंटिस्ट डी, क्षेत्रीय मौसम केन्द्र, चेन्नई, तमिलनाडु ने बताया कि मौसम पूर्वानुमान से फसलों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम करके और अनुकूल मौसम का लाभ उठाते हुए कृषि उत्पादन में वृद्धि करने एवं लागत में कमी के उपाय पर विस्तृत से चर्चा की।

कार्यक्रम में अधिष्ठाता कृषि, डा० प्रतिभा सिंह, डा० एस०के० सिंह, निदेशक शोध, डा० उमेश कुमार, उपनिदेशक शोध, डा० ए०के० सिंह, डा० ए०एन० मिश्र, डा० आलोक कुमार सिंह, डा० नीरज कुमार, डा० आर०के० यादव, डा० समीर कुमार सिंह आदि तथा कृषि महाविद्यालय के विभागों के शोध छात्र-छात्राओं ने भाग लिया ।

Shashi kant gautam

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