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Ramotsav 2024: वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को भी चरितार्थ करेगी योगी सरकार, देश के अनेक प्रांतों के साथ विदेशी कलाकार भी रामलीला का करेंगे मंचन

Ramotsav 2024: राम कण-कण में हैं। राम जन-जन में हैं। इस भावना को अंगीकृत करने वाली योगी सरकार वर्तमान के साथ भावी पीढ़ी को भी श्रीराम के आदर्शों व मूल्यों से अवगत करा रही है।

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Published on: 13 Dec 2023 6:31 PM GMT
Yogi government will also implement the spirit of Vasudhaiva Kutumbakam, foreign artists along with many provinces of the country will also stage Ramlila
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 वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को भी चरितार्थ करेगी योगी सरकार, देश के अनेक प्रांतों के साथ विदेशी कलाकार भी रामलीला का करेंगे मंचन : Photo- Social Media

Ramotsav 2024: राम कण-कण में हैं। राम जन-जन में हैं। इस भावना को अंगीकृत करने वाली योगी सरकार वर्तमान के साथ भावी पीढ़ी को भी श्रीराम के आदर्शों व मूल्यों से अवगत करा रही है। 500 वर्षों के पश्चात नव्य अयोध्या सांस्कृतिक व आध्यात्मिक रूप से और समृद्ध दिखेगी, जब 22 जनवरी 2024 को पीएम नरेंद्र मोदी के करकमलों से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विरामजान होंगे। इस अवसर को योगी सरकार अद्वितीय, अविस्मरणीय व अलौकिक बनाएगी। एक तरफ जहां देश-विदेश के कलाकार रामायण आधारित रामलीला की प्रस्तुति देंगे तो वहीं लोकपरंपराओं पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे, मानना है कि लोक परंपराओं में प्रभु श्रीराम विद्यमान हैं।

-'तुलसी मंच' पर देश-विदेश की रामलीलाओं के जरिए आध्यात्मिक ऊर्जा का होगा संचार

-वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को भी चरितार्थ करेगी योगी सरकार

-देश के अनेक प्रांतों के साथ विदेशी कलाकार भी रामलीला का करेंगे मंचन

-'कण-कण में राम, जन-जन में राम' के आदर्शों को प्रस्तुतियों के माध्यम से भावी पीढ़ी तक पहुंचाना ध्येय

Photo- Social Media

संपूर्ण देश को एक सूत्र में बांधने का प्रयास

रामोत्सव के लिए नेपाल, कंबोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया आदि देशों के रामलीला मंडलियों के कलाकारों को आमंत्रित किये जा रहे है। साथ ही महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ की मंडली भी श्रीराम के जीवन पर आधारित विभिन्न प्रसंगों की प्रस्तुतियां देंगी। तुलसी भवन स्मारक स्थित तुलसी मंच पर देश व विदेश की विभिन्न रामलीलाओं का मंचन प्रस्तावित है। रामलीला मंचन के लिए सरकार की तरफ से दो करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी।

जनवरी से शुरू होगी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक यात्रा

लोकपरंपराएं समाज में प्रभु श्रीराम के आदर्शों को अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से जीवंत बनाए हुए हैं। उनके आदर्श वर्तमान के साथ भावी पीढ़ी को भी प्रेरणा देती रहेगी। जनवरी में पूरे विश्व से लाखों श्रद्धालु अयोध्या और प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक, सांस्कृतिक शहरों की यात्रा करेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अन्य प्रांतों के श्रद्धालुओं को अयोध्या दर्शन का आमंत्रण दे चुके हैं।

Photo- Social Media

कार्यक्रम स्थलों के जरिये भी आस्था का सम्मान योगी सरकार की प्राथमिकता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठाधीश्वर भी हैं। आध्यात्मिक रूप से उन्होंने उत्तर प्रदेश को नई पहचान दी है। अयोध्या में होने वाले सांस्कृतिक व आध्यात्मिक कार्यक्रमों को भी आस्था के सम्मान से जोड़कर रखा गया है। कार्यक्रमों के लिए राम कथा पार्क के पुरुषोत्तम मंच, भजन संध्या स्थल के सरयू मंच, तुलसी उद्यान के काकभुसुंडि मंच और तुलसी स्मारक भवन के तुलसी मंच पर विविध आयोजन होंगे।

Shashi kant gautam

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