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झांसी जिला कारागार में लगाया गया आयुर्वेदिक कैंप, 80 निरुद्ध बंदियों को बांटी गई दवाइयां
झांसी में मंगलवार को क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी द्वारा जिला कारागार में आयुर्वेदिक कैंप का आयोजन किया गया।
झांसी: कोरोना के विरुद्ध इस जंग में अब आयुर्वेद के सिद्धांत और मंत्रों का विश्वास भी शामिल होता जा रहा है। संक्रमण से बचाव के लिए रिग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना बेहद जरुरी है और इसके साथ ही आवश्यक है कि कफ संबंधित समस्याओं का भी वक्त पर निराकरण किया जाए। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी द्वारा जिला कारागार में आयुर्वेदिक कैंप का आयोजन किया गया।
कैंप में डॉक्टरों ने आयुर्वेद में वर्णित जिन औषधियों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कफ नाश करने के लिए कारगर बताया गया। उनकी गोलियां बनाकर जेल में निरुद्ध बंदियों को वितरित की गई। खास बात यह है कि इस औषधि का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है, फिर चाहे उसका सेवन करने वाला कोई जरुरतमंद हो या आर्थिक रुप से सक्षम व्यक्ति। कैंप में डॉ प्रतिभा, सत्य प्रकाश फार्मसिस्ट आदि लोग उपस्थित रहे। बाद में वरिष्ठ जिला कारागार अधीक्षक रंगबहादुर पटेल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कोविड के लिए यह बांटी गई दवाएं
कोरोना की दूसरी लहर से ऐन पहले आवंटित की दवाओं में कोविड के लिए दवाइयां उपलब्ध कराई। इसमें आयुष-64, संशमनी वटी, आयुष काढ़ा, अणुतैल व त्रिभुवन कीर्ति रस है। चिकित्सकों के अनुसार कोविड पूर्ण लक्षणों के उपचार के लिए रोगी को सामान्य तौर पर दवाओं में आयुष-64 कैप्शूल (2-2 सुबह-शाम) देने के साथ संशमनी वटी व अन्य दवाएं दी जाती है। कैंप में 80 निरुद्ध बंदियों को दवा वितरित की गई है।
पिला रहे औषधीय काढ़ा
आयुर्वेदिक औषधालय के चिकित्सक डॉ राजेश ने बताया कि कोविड के लिए निर्दिष्ट दवाओं की उपलब्धता कम होने से गोजिव्हादि, क्वाथ, वातश्लेषमिक क्वाथ, दशमूल क्वाथ व फलत्रिकादि क्वाथ का मिश्रित काढ़ा तैयार कर पिलाया जा सकता है। काढ़ा लाक्षणिक तौर पर खांसी, जुकाम, बुखार के उपचार के साथ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।