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Azam Khan Case: लखनऊ सीबीआई कोर्ट में आजम खान की हुई पेशी, जल निगम भर्ती घोटाला मामले में सुनवाई शुरू
Azam Khan Latest News: जल निगम भर्ती घोटाला मामले में समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान (Azam Khan) की लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष कोर्ट में पेशी हुई।
Azam Khan News Today: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के दिग्गज नेता और रामपुर से सपा विधायक आजम खान (SP MLA Azam Khan) की पेशी आज गुरुवार को लखनऊ के सीबीआई कोर्ट में है। पुलिस की एक विशेष टीम सीतापुर जेल में बंद आजम खान (Azam Khan) को भारी सुरक्षा के बीच लखनऊ लेकर गयी। जहां जल निगम भर्ती घोटाले (Jal Nigam Recruitment Scam) से जुड़े मामले में कैसरबाग स्थित सीबीआई कोर्ट (CBI Court) में आज़म की पेशी हुई। बता दें जिस पुलिस टीम के जरिए सीतापुर से आजम खान को सड़क मार्ग के जरिए लखनऊ लेकर आयी है उस पुलिस टीम की अगुवाई सीतापुर के सीओ सिटी पीयूष कुमार कर रहे हैं।
जानिए क्या है आजम खान का मामला ?
आजम खान (Azam Khan Case) से जुड़े इस मामले में आज लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई होनी है वह जल निगम भर्ती में घोटाले से जुड़ा हुआ है। आजम खान का आरोप है कि समाजवादी पार्टी की शासन काल में जब वे जल निगम के अध्यक्ष पद पर तैनात थे तब उन्होंने कई अनियमितताओं के होने के बावजूद भी कुल 1300 पदों पर भर्ती पूरी करवा दी थी।
आज़म पर आरोप है कि समाजवादी पार्टी की शासनकाल में जब जल निगम से जुड़े 1300 पदों पर सहायक अभियंता, अवर अभियंता, आशुलिपिक और क्लर्क के पदों पर भर्ती निकली थी। उस समय आजम खान ने भर्ती से जुड़े तमाम नियमों का उल्लंघन कर कर अपने जान पहचान के लोगों को लाभ पहुंचाया था।
आज़म खान के मामले की हुई जांच
जब जल निगम के 300 पदों पर निकली भर्ती में घोटाले का आरोप सामने आए तब इस मामले की जांच जांच के लिए सरकार ने एसआईटी गठित किया। मामले की जांच पूरा कर जब एसआईटी ने अपना रिपोर्ट दायर किया। तब आजम खान समेत जल निगम के तत्कालीन एमडी, नगर विकास सचिव तथा मुख्य अभियंता समेत जल निगम की भर्ती प्रक्रिया में शामिल कई अन्य बड़े अधिकारियों के ऊपर 25 अप्रैल 2018 को केस दर्ज किया गया।
आज़म खान मामले में चार्जशीट में क्या कहा गया ?
एसआईटी द्वारा जांच पूरी होने पर मामले को लेकर दायर चार्जशीट में भर्ती के बाद जल निगम के इंजीनियर रहे गिरीश चंद्र श्रीवास्तव तथा जल निगम के अध्यक्ष आजम खान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 201 और 204 समेत कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं इस मामले में कई अन्य आरोपियों पर आईटी एक्ट के तहत भी केस दर्ज की गई थी।