आजम फिर बरसे- राज्यपाल ने डेढ़ साल से रोक रखा है महापौर संबंधी बिल

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Published on: 8 March 2016 1:37 PM GMT
आजम फिर बरसे- राज्यपाल ने डेढ़ साल से रोक रखा है महापौर संबंधी बिल
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लखनऊ: विधानसभा में मंगलवार को संसदीय कार्य मंत्री आजम खां एक बार फिर राज्यपाल राम नाईक पर बरसे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने महापौर संबंधी बिल पिछले डेढ़ साल से रोक रखा है। बिल रोक कर वह महापौरों को भ्रष्टाचार के लिए उकसा रहे हैं।

आजम ने और क्या कहा?

-यदि उन्हें बिल में कोई संशय है तो मुझे या मेरे विभाग के अफसरों को बुलाकर पूछ लें।

-जब कुछ गलत नहीं है तो विधेयक को क्यों रोके रखा गया है।

-पूछा-सबकी जवाबदेही है तो फिर महापौरों की जवाबदेही नियत क्यों न हो?

-इस संबंध में उन्होंने भाजपा के नेता से भी बात की थी।

राज्यपाल के काम पर सदन में चर्चा नहीं

-सुरेश खन्ना ने इस पर एतराज जताया, कहा कि राज्यपाल के किसी काम पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती।

-उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आजम खां को अपने बात वापस लेने का निर्देश देने को कहा।

आजम की भावनाओं को राज्यपाल तक पहुंचाएंगे माता प्रसाद

-विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे ने किया बीच-बचाव।

-कहा, बिल को पास करने संबंधी संवैधानिक अधिकार राज्यपाल के पास है।

-वह इस संबंध में व्यक्तिगत रूप से राज्यपाल को संसदीय कार्यमंत्री की भावनाओं से अवगत कराएंगे।

इसके पहले भी इसी विधेयक को लेकर नाराजगी जता चुके हैं आजम

-यह पहली बार नहीं है जब आजम खां ने उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) विधेयक को लेकर राज्यपाल पर निशाना साधा है।

-इसके पहले सितंबर 2015 में इस विधेयक को रोके जाने से नाराज आजम ने राज्यपाल राम नाईक पर निशाना साधा था।

-उस वक्त आजम ने कहा था, गबन करने वाले महापौरों को राजभवन से संरक्षण मिले, यह ठीक नहीं है।

-उन्होंने सवाल उठाया था कि प्रदेश में ज्यादातर महापौर भाजपा के हैं, शायद इसीलिए इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी जा रही।

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