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Azam Khan Case: जन्म प्रमाण पत्र संबंधी मामले पर अगली सुनवाई 5 जनवरी को, आजम ने जमा किए 15 हजार रुपए हर्जाना
Azam Khan Case: सपा नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। जन्म प्रमाण पत्र संबंधी मुकदमे की सुनवाई रामपुर MP-MLA कोर्ट में चल रही है। अदालत में जिरह जारी है।
Azam Khan Case: समाजवादी पार्टी नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। जन्म प्रमाण पत्र संबंधी मुकदमे की सुनवाई सोमवार (02 जनवरी) को रामपुर MP-MLA कोर्ट में हुई। अदालत में जिरह हुई। इस दौरान तत्कालीन कोतवाल नरेंद्र त्यागी से भी जिरह हुई। साथ ही, अन्य दारोगा भी कोर्ट में मौजूद रहे।
आज इस मसले पर अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया, कि एमपी एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल हुआ। रामपुर की कोर्ट में क्राइम नंबर 4/19 धारा- 420, 467, 468, 471 आईपीसी जो थाना गंज पर पंजीकृत हुई थी, जिसमें अब्दुल्ला आजम खान के दो जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित मामला था, उसकी फाइल लगी थी। जिसमें बचाव पक्ष के वकील ने जिरह की। जिरह के लिए अगली तारीख 5 जनवरी 2023 की निश्चित की गई है। पिछली तारीखों पर ₹10000 और ₹5000 का हर्जाना लगाया गया था, आज उसे बचाव पक्ष ने जमा कर दिया।
इससे पहले, इस मामले में 22 दिसंबर 2022 को भी सुनवाई हुई थी। सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान, उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला और पत्नी पूर्व सांसद डॉ. तजीन फात्मा (Former MP Dr. Tazeen Fatma) पर अदालत ने तब 10 हजार रुपए का हर्जाना लगाया था। अदालत ने ये कार्रवाई दो जन्म प्रमाण पत्र संबंधी मुकदमे की सुनवाई के दौरान की। दरअसल, पिछली सुनवाई में आजम परिवार से कोई भी सदस्य कोर्ट में पेश नहीं हुआ था। उनके वकील भी उपस्थित नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने हर्जाना लगाया था।
कोर्ट ने बार-बार लगाया हर्जाना
आपको बता दें, कोर्ट ने इसी मामले में 15 दिसंबर को भी 5 हजार रुपए का हर्जाना लगाया था। आजम खान के खिलाफ बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना (BJP MLA Akash Saxena) ने गंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें बीजेपी एमएलए ने अब्दुल्ला आज़म की अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण बनवाने का आरोप लगाया है। इसमें आजम खान के अलावा उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आज़म और पत्नी भी नामजद हैं। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है।
क्या है फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामला?
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला (Fake Birth Certificate Case) साल 2017 में सामने आया था। उस वक्त सपा के कद्दावर नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम पहली बार यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे। अब्दुल्ला यूपी के स्वार विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी थे। उनके मुकाबले चुनाव में कांग्रेस नेता और रामपुर नवाब काजिम अली खान (Kazim Ali Khan) उर्फ नवेद मियां थे। काजिम अली खान ने अब्दुल्ला आज़म के नामांकन पर आपत्ति दर्ज कराई थी। जिसमें अब्दुल्ला की उम्र कम होने का दावा किया गया था। उन्हें चुनाव लड़ने योग्य नहीं होने की बात कही गई थी। लेकिन, तब वह कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सके थे। इस पर निर्वाचन अधिकारी ने काजिम अली खान की आपत्ति को खारिज कर दिया था। अब्दुल्ला आज़म ये चुनाव जीत गए थे।
आकाश सक्सेना ने भी दर्ज कराया था केस
इसके बाद बीजेपी नेता और वर्तमान रामपुर विधायक आकाश सक्सेना ने आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आज़म के खिलाफ फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप में धोखाधड़ी की धारा में मुकदमा गंज कोतवाली में दर्ज करवाया था। पुलिस ने धोखाधड़ी की धारा में चार्जशीट लगाई थी।