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Azam Khan Case Update: आजम खान मामले को लेकर आक्रमक हुई सपा, मुरादाबाद के लिए निकला 21 नेताओं का डेलिगेशन
Azam Khan Case Update: समाजवादी पार्टी ने रामपुर के तत्कालीन डीएम आंजनेय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सिंह फिलहाल मुरादाबाद के कमिश्नर हैं। आज यानी शनिवार 27 मई को 21 नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मुलाकात करने मुरादाबाद जाएगा।
Azam Khan Case Update: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव आजम खान को लेकर एकबार फिर सियासत गरमा गई है। 26 मई को रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच के उस मामले में खान को बरी कर दिया, जिसमें उन्हें तीन साल की सजा मिली थी। जिसके कारण उनकी विधायकी भी चली गई और उपचुनाव हुए तो पहली बार रामपुर में कमल खिल गया। ऐसे में अदालत के ताजा फैसले से मुरझाए सपा में जान आ गई है।
कोर्ट ने आजम खान को बरी करते हुए तत्कालीन जिला निर्वाचन पदाधिकारी (जिलाधिकारी) पर सख्त टिप्पणी भी की है, जिनके आजम परिवार से असहज संबंध थे। ऐसे में समाजवादी पार्टी ने रामपुर के तत्कालीन डीएम आंजनेय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सिंह फिलहाल मुरादाबाद के कमिश्नर हैं। आज यानी शनिवार 27 मई को 21 नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मुलाकात करने मुरादाबाद जाएगा। जिनमें तीन सांसद (दो लोकसभा और एक राज्यसभा) और 11 विधायक भी होंगे।
शिकायतकर्ता के बयान ने मामले को पलट दिया
दरअसल, जिस अधिकारी अनिल कुमार चौहान ने हेट स्पीच के मामले को लेकर वरिष्ठ सपा नेता आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, कोर्ट में ऐसा बयान दिया कि सारा मामला ही पलट गया। चौहान ने अदालत में कहा कि, जो मैंने तहरीर लिखवाई थी, वो जिला निर्वाचन पदाधिकारी के दवाब में लिखवाई थी। इस पर MP-MLA कोर्ट के सेशन जज अमित वीर सिंह ने अपने ऑर्डर में कहा कि अगर जिलाधिकारी के विरूद्ध अभद्र टिप्पणी की गई थी तो वे खुद उचित कार्रवाई कर सकते थे। उन्होंने खुद ऐसा न करके अनिल चौहान पर दबाव डालकर ये मुकदमा दर्ज करवाया। इसी के साथ कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2022 को रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) द्वारा सुनाए गए फैसले को पलट दिया।
क्या था मामला ?
साल 2019 में वरिष्ठ नेता आजम खान रामपुर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे। इस दौरान उनके खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन करने और हेट स्पीच देने के कई मामले दर्ज हुए थे। ऐसे ही एक मामले में रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी। खान ने 2019 में रामपुर से लोकसभा का चुनाव जीत लिया था। लेकिन 2022 में उन्होंने सीतापुर जेल में कैद रहते हुए रामपुर से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा और जीते। इसके बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
रामपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने यह सीट सपा से छीन ली थी। इसके बाद 27 अक्टूबर 2022 को कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में आजम खान को तीन साल की सजा सुना दी। जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई। इसके बाद यहां हुए उपचुनाव में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने जीत दर्ज की। इसी तरह उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद विधायकी गंवा बैठे। पिछले दिनों स्वार सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की सहयोगी अपना दल ने जीत हासिल की थी। इस तरह लोकसभा और विधानसभा से आजम खान का परिवार साफ हो गया।