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आजम के क़रीबी सपा MLA समेत चार के खिलाफ़ SC-ST एक्ट में हुई FIR
अक्सर विवादों के कारण चर्चा में रहने वाले इसौली के सपा विधायक अबरार अहमद का नाम एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। एससी-एसटी कोर्ट के सख़्त आदेश के बाद विधायक समेत चार लोगों के खिलाफ़ हत्या का प्रयास आदि धाराओं में कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज हुआ है।
सुलतानपुर: अक्सर विवादों के कारण चर्चा में रहने वाले इसौली के सपा विधायक अबरार अहमद का नाम एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। एससी-एसटी कोर्ट के सख़्त आदेश के बाद विधायक समेत चार लोगों के खिलाफ़ हत्या का प्रयास आदि धाराओं में कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज हुआ है। यहां बतातें चलें कि विधायक का शुमार अखिलेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान के बेहद करीबियों में होता है।
2016 के केस में कोर्ट का आदेश
जानकारी मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के नवजीवन हास्पिटल के पास का है। जहां पर हुई घटना का जिक्र करते हुए पीपरपुर थाना क्षेत्र के देहली मुबारकपुर निवासी दलित रामसुख ने आरोप लगाया है कि वह 2 नवम्बर 2016 की सुबह करीब साढ़े नौ बजे कुतुबपुर निवासी रंजीत यादव के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर एसडीएम सदर के यहां मुकदमे की पैरवी में आ रहा था।
इसी दौरान जैसे ही वह दोनों नवजीवन हास्पिटल के निकट ओवर ब्रिज पर पहुंचे कि उनके गांव के आरोपीगण यार मोहम्मद, अबु सहमा उर्फ तक्कू खां एवं एक अज्ञात युवक मोटर साइकिल से आए और रामसुख पर तमंचे से फायर झोंक दिया। गोली अभियोगी के सिर में लगी, जिससे वह गम्भीर रूप से घायल होकर गिर पड़ा। इस दौरान आरोपियों के जरिए अभियोगी पर जातिसूचक टिप्पणी करने का भी आरोप है।
अभियोगी के मुताबिक फायरिंग की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे राहगीरों ने अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचायी। हमले के पीछे वर्ष 2013 में हुई एक हत्या के मामले में सुलह न करने की रंजिश बताई गई।
पीड़ित की नहीं हुई थी सुनवाई
इस घटना के सम्बंध में रामसुख ने कोतवाली में तहरीर दी एवं पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी को भी सूचना दी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करना मुनासिब ही नहीं समझा। एफआईआर न दर्ज होने देने के पीछे सपा विधायक अबरार अहमद की भूमिका बतायी गयी।
आरोप के मुताबिक विधायक आरोपियों के रिश्तेदार है, जिन्होंने शासन-सत्ता व व्यक्तिगत प्रभाव के बल पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज ही नहीं होने दिया। इस घटना के पीछे विधायक को भी साजिश में शामिल होना बताया गया। मामले में पुलिस के जरिए कार्यवाही न होने पर रामसुख ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
CO सिटी करेंगे केस की विवेचना
पीड़ित की अर्जी पर सुनवाई के पश्चात स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट उत्कर्ष चतुर्वेदी की अदालत ने बीते 23 अगस्त को आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश का आदेश दिया। बावजूद इसके सपा विधायक के दबाव में पुलिस ने कोर्ट के आदेश को भी दर-किनार कर दिया।
नतीजतन करीब सात माह तक मुकदमा ही नहीं दर्ज हुआ। पुलिसिया कार्यशैली से परेशान रामसुख ने स्पेशल जज की अदालत में अर्जी देकर आदेश का अनुपालन कराने की मांग की। जिस पर अदालत ने कड़ा रूख अपनाते हुए रिपोर्ट तलब की तो हरकत में आयी नगर पुलिस ने सपा विधायक अबरार अहमद, यार मोहम्मद, अबु सहमा उर्फ तक्कू व एक अज्ञात के विरूद्ध भादवि की धारा 307, 504, 506 एवं 3 (2) (5) एससी-एसटी एक्ट के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया है। जिसकी तफ्तीश क्षेत्राधिकारी नगर को मिली है।