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Azamgarh by-election: सपा के गढ़ में 'गुड्डू' के वोट से तय होगा अगला 'शहंशाह', त्रिकोणीय हुई लड़ाई

Azamgarh by-election: बीजेपी प्रत्त्याशी निरहुआ का प्रचार करने के लिए मनोज तिवारी (Manoj Tiwari), रविकिशन (Ravi Kishan), पवन सिंह जैसे भोजपुरी स्टार आजमगढ़ पहुंच रहे हैं।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 18 Jun 2022 9:41 AM GMT
A triangular fight between Dinesh Lal Nirhua, Guddu Jamali and Dharmendra Yadav in the by-election in Azamgarh Lok Sabha seat
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आजमगढ़ लोक सभा उपचुनाव: दिनेश लाल निरहुआ, शाहआलम उर्फ़ गुड्डू जमाली, धर्मेंद्र यादव: Photo - Social Media

Azamgarh by-election: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में दो लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव (Lok Sabha by-election) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) सीधे लड़ाई भले दिखाई दे रही हो लेकिन बसपा (BSP) ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है। आजमगढ़ के मुबारकपुर सीट (Mubarakpur) से पूर्व विधायक रह चुके शाहआलम उर्फ़ गुड्डू जमाली (Shah Alam aka Guddu Jamali) उपचुनाव की लड़ाई काफी मजबूती के साथ लड़ रहे हैं।

यही वजह है कि सैफाई परिवार धर्मेंद्र यादव (Dharmendra Yadav) को जिताने के लिए आजमगढ़ (Azamgarh) में डेरा डाले हुए हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव से लेकर अक्षय यादव और अंसुल यादव ने चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है। रामगोपाल यादव जहां सुबह से शाम तक फीडबैक ले रहे हैं तो वहीं उनके परिवार के दूसरे लोग अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर वोट मांग रहे हैं वह लोगों से पुराने रिश्ते की दुहाई भी दे रहे हैं।

2014 के लोकसभा चुनाव में गुड्डू जमाली और मुलायम सिंह यादव थे आमने सामने

सैफई परिवार आजमगढ़ में यह जताने में लगा है कि उनका रिश्ता आजमगढ़ से भी खास है। सपा के नेता मंदिर से मजार तक दिखाई दे रहे हैं हर किसी से मुलाकात कर रहे हैं। वहीं गुड्डू जमाली 'अपना भाई बनाम बाहरी का नारा' देकर एक बार फिर से आजमगढ़ में बसपा की जीत के लिए रास्ता प्रशस्त कर रहे हैं। जमाली इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ यहां से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें 2 लाख 68000 वोट मिले थे। मुलायम सिंह यादव महज 63 हजार वोट से जीते थे। जमाली इस बार भी दलित, मुस्लिम वोट बैंक के जरिए आजमगढ़ में हाथी को दौड़ाकर मायावती के भरोसे पर खरा उतरना चाहते हैं।

बात दिनेश लाल निरहुआ (Dinesh Lal Nirhua) की करें तो 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़े थे। उन्हें 3.61 लाख से ज्यादा वोट मिला था। एक बार फिर से वह उपचुनाव में यहां से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। आजमगढ़ में निरहुआ तीन समीकरण को साध कर जीत का स्वाद चखने में लगे हैं। एक तरफ जहां बीजेपी का सवर्ण वोट बैंक है तो वहीं दूसरी ओर वह खुद यादव बिरादरी से हैं, तीसरा भोजपुरी स्टार का भी उन्हें फायदा मिलने की उम्मीद है।

निरहुआ का प्रचार करने के लिए मनोज तिवारी (Manoj Tiwari), रविकिशन (Ravi Kishan), पवन सिंह (Pawan Singh) जैसे भोजपुरी स्टार आजमगढ़ पहुंच रहे हैं। बीजेपी नेताओं की फौज भी उन्हें जिताने में लगी है। जगह-जगह बीजेपी की नेता टुकड़ियां बनाकर निरहुआ के लिए वोट मांगकर सपा के किले में 2024 के चुनाव से पहले बड़ी सेंधमारी कर विपक्ष के उम्मीदों पर पानी फेरना चाहते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आजमगढ़ वोट मांगने पहुंचेंगे।

आजमगढ़ लोकसभा सीट का इतिहास (History of Azamgarh Lok Sabha seat)

आजमगढ़ में अब तक हुए 19 लोकसभा के चुनाव में 13 बार यादव बिरादरी का उम्मीदवार जीता है। 1978 और 2009 के उपचुनाव में यहां से मुस्लिम प्रत्याशी को जीत मिली थी। आजमगढ़ में इस वक्त 18,38,593 मतदाता हैं। साढ़े 18 लाख के करीब वोट वाली लोकसभा सीट पर सपा के यादव वोट बैंक का 26 फीसदी और मुस्लिम वोटरों का 24 फीसदी है। जो 50 फीसदी वोटरों के सहारे उनकी पकड़ को मजबूत करता है। लेकिन गुड्डू जमाली का 'अपना भाई बनाम बाहरी का नारा' और मुस्लिमों में उनकी अच्छी पकड़ कहीं ना कहीं सपा के चुनौती पेश कर रही है।

Shashi kant gautam

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