×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

आजमगढ़ : सत्ता के खिलाफ ही देता रहा जनादेश, समाजवादी सोच वाला जिला

raghvendra
Published on: 24 Nov 2017 4:43 PM IST
आजमगढ़ : सत्ता के खिलाफ ही देता रहा जनादेश, समाजवादी सोच वाला जिला
X

संदीप अस्थाना

आजमगढ़ : जनपद हमेशा सत्ता के खिलाफ खड़ा मिला है। यहां के लोगों ने उसी को जनादेश दिया है जिस दल की देश व प्रदेश में सरकार नहीं रही है। बस कुछ ही मौके ऐसे आये हैं, जब यहां के लोग ऐसे लोगों को जिताये, जिनकी सरकार बनी। इस जिले के पिछड़ेपन का यह एक बड़ा कारण रहा है। वैसे इस जिले की सोच हमेशा से समाजवादी रही है और समाजवादी सरकारों में इस जिले का विकास भी हुआ है। यह अलग बात है कि आबादी व क्षेत्रफल दोनों ही अधिक होने के कारण केवल समाजवादी सरकार में हुआ विकास कार्य नाकाफी ही साबित हुआ है।

ये भी पढ़ें .... कुशीनगर : गन्ना और गरीबी से ही जुड़ा हुआ है जिले का इतिहास

4054 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले आजमगढ़ जिले की आबादी 4613993 है। इसमें शहरी आबादी महज 8.53 फीसदी ही है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आज भी आजमगढ़ गांव से नहीं उबर पाया है। बावजूद इसके यहां की साक्षरता कम नहीं है। इस जिले के 70.93 फीसदी लोग साक्षर हैं।

साक्षरता होने के बावजूद इस जिले का विकास न हो पाने की एक बड़ी वजह यहां पर कोई उद्योग न लग पाना है। उद्योग लगता भी कैसे, यहां के लोगों ने तो हमेशा सत्ता के विरोध में अपना जनादेश दिया है। यही वजह रही कि जिसकी भी सरकार बनी उसने कभी आजमगढ़ के विकास के बारे में नहीं सोचा। यहां तक कि इस जिले की एकमात्र सठियांव चीनी मिल भी बन्द हो गयी थी।

पिछली अखिलेश सरकार में इस चीनी मिल को बृहद रूप में चालू कर दिया गया। इसके साथ ही यहां के लोगों की समाजवादी सोच होने के कारण सूबे में जब भी समाजवादियों की सरकार बनी तब इस जिले का विकास हुआ है। सडक़ व पुल पुलिया की कोई कमी नहीं है। यहां के लोग भी इस जिले के अति पिछड़ेपन के लिए कम जिम्मेदार नहीं हैं। वजह यह कि चुनाव के समय में यहां के लोग कभी मुद्दों की बात ही नहीं किये। यहां के लोगों ने कभी अपने जनप्रतिनिधियों से विकास का वादा भी नहीं किया।

इस जिले के लोग जाति-विरादरी के नाम पर हमेशा वोट देते रहे हैं। इसके साथ ही अपराधियों व बाहुबलियों को हमेशा तरजीह दिया गया। प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बाहुबली दुर्गा प्रसाद यादव आजमगढ़ सदर सीट से आठवीं बार विधायक हैं। वह पहला चुनाव जेल में रहते हुए जीते थे। इसी तरह से बाहुबली रमाकान्त यादव पांच बार विधायक व तीन बार सांसद रह चुके हैं। रमाकान्त का बेटा अरूणकान्त यादव अपने पिता के बाहुबल के बूते पर दूसरी बार विधायक है।

अकबर अहमद डम्पी यह कहकर चुनाव जीत गये थे कि देश में तो केवल दो ही गुण्डे थे, एक संजय गांधी व दूसरा मैं, तीसरा रमाकान्त कहां से गुण्डा हो जायेगा। इसके अलावा और भी छोटे-बड़े गुण्डा बदमाश यहां से प्रतिनिधित्व का मौका पाते रहे हैं। यहां के जनप्रतिनिधि जीतने के बाद कभी कुछ नहीं किये। वह तो बस कमीशन लेकर स्कूल-कालेजों को अपनी निधि बांटते रहे हैं। इसका परिणाम यह रहा कि यहां के सांसद-विधायक तो विकास किये मगर जिले के विकास को कोई तवज्जो नहीं दिये।

ये भी पढ़ें .... गोंडा देश में सबसे गंदा, सीवर लाइन स्वच्छता और सडक़ें मुद्दा

इसके विपरीत एक सच यह भी है कि इस जिले में सरकारों ने भले ही विकास कार्य न किया हो और भले ही यहां पर कोई औद्योगिक इकाई न हो मगर यहां के लोग गरीब नहीं हैं। उसकी वजह यह कि यहां के लोग पीढिय़ों से परदेश कमाते रहे हैं। खाड़ी देशों में रहने वालों की बड़ी जमात है। जो लोग खूब धन कमा लिये हैं उनके भी बच्चे परदेश कमाने की परम्परा बना लिये हैं। साथ ही सच यह भी है कि परदेश कमाने वाले इस जिले के लोग परदेश में बसते नहीं। वह अपने घर-गांव में ही आकर कोठी बनवाते हैं और बड़ी-बड़ी गाडिय़ां खरीदते हैं।

खर्च करना यहां के लोगों की फितरत में शामिल है। ऐसे में जो लोग बाहर नहीं जाते वह लोग इस खर्चीले प्रवृत्ति के जिले में रोजी-रोजगार करके सम्पन्न हो जाते हैं। पिछड़ेपन की सूची में इस जिले को शामिल किये जाने का यहां के लोगों को कोई मलाल नहीं है। वह कहते हैं कि यह तो देश व प्रदेश के सरकार की कमी मानी जायेगी। सरकारों को ऐसे अति पिछड़े जिलों के लिए विशेष पैकेज देना चाहिए।

इस जिले के प्रमुख राजनेताओं के नाम पर गौर किया जाय तो यहां पर बाबू शिवराम राय, बाबू विश्राम राय, सीताराम लाल अस्थाना, पद्माकर लाल, चन्द्रजीत यादव, रामनरेश यादव, मोहसिना किदवई, अमर सिंह, शबाना आजमी, मुलायम सिंह यादव, अबू आसिम आजमी, अकबर अहमद डम्पी सरीखे चोटी के नेता इस जिले से प्रतिनिधित्व का मौका पाये हैं। इनमें मुलायम सिंह यादव तो मौजूदा समय में यहां के सांसद हैं तथा अमर सिंह जहां देश स्तर पर इस जिले को गौरवान्वित कर रहे हैं वहीं अबू आसिम आजमी महाराष्ट्र के सपा के अध्यक्ष हैं।



\
raghvendra

raghvendra

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

Next Story