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महापंडित सांकृत्यायन पर मेहरबान हुआ आजमगढ़ जिला प्रशासन

raghvendra
Published on: 19 Jan 2018 2:18 PM IST
महापंडित सांकृत्यायन पर मेहरबान हुआ आजमगढ़ जिला प्रशासन
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संदीप अस्थाना

आजमगढ़। आजमगढ़ का जिला प्रशासन महापंडित राहुल सांकृत्यायन व समाजवादी नेता बाबू विश्राम राय पर काफी मेहरबान दिख रहा है। इसके अलावा अन्य महापुरुष व साहित्यकार यहां के जिला प्रशासन को नहीं दिख रहे हैं। प्रशासन के इस फैसले में यहां के लोगों को राजनीतिक बू नजर आ रही है।

वैसे यहां के लोगों के लिए खुशखबरी बस यह है कि अपने शहर की सूरत बदलने वाली है। गांव से दिखने वाले आजमगढ़ शहर में जल्दी ही लाइटें जगमगाएंगी और साफ-सफाई की दिशा में अपेक्षित सुधार होगा। साथ ही जगह-जगह सार्वजनिक शौचालय भी नजर आएंगे।

आजमगढ़ विकास प्राधिकरण की ओर से शहर की सूरत बदलने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। विभाग की ओर से तीन करोड़ की लागत से विभिन्न काम कराए जाएंगे। समाजवादी नेता बाबू विश्राम राय व महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन की प्रतिमा विकास प्राधिकरण के पीछे स्थित पार्क में लगाई जाएगी। नेहरू हाल से रैदोपुर तिराहा होते हुए सिविल लाइंस तक नाली, सडक़ और फुटपाथ बनेगा।

पांच सार्वजनिक शौचालय शहर के प्रमुख स्थानों पर बनाए जाएंगे। इसके अलावा छह हाईमास्ट लाइट और कई सडक़ों के विकास का प्रस्ताव तैयार किया गया है। सडक़ों के प्रस्ताव में अभी थोड़ा कार्य बाकी रह गया है। इसके बाद जिलाधिकारी और कमिश्नर को इसे अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। अनुमोदन के बाद इस पर कार्य शुरू कराया जाएगा।

विकास प्राधिकरण की ओर से कलेक्ट्रेट चौराहा स्थित बाबू विश्राम राय की प्रतिमा के सौन्दर्यीकरण पर 2.45 लाख खर्च होंगे। इसी तरह नेहरू हाल के सामने स्थित राहुल सांकृत्यायन प्रतिमा की हालत छह लाख से सुधारी जाएगी। इसमें रेलिंग, लाइटिंग, फर्श और अन्य कार्य होंगे। 16.84 लाख से प्राधिकरण कार्यालय के पीछे स्थित पार्क की हालत सुधारी जाएगी और मार्ग का निर्माण कराया जाएगा।

प्राधिकरण की ओर से नेहरू हाल से तहसील होते हुए रैदोपुर तिराहे तक व कलेक्ट्रेट से सिविल लाइंस तक सडक़, नाली और फुटपाथ के विकास की भी योजना बनायी गयी है। इसमें कलेक्ट्रेट से रैदोपुर तिराहे जाने वाली सडक़ की हालत काफी खराब है। नालियां और फुटपाथ बनने से पानी की निकासी बेेहतर होगी और पैदल राहगीरों को काफी सुविधा मिलेगी।

सब मिलाकर शहर की हालत सुधरने वाली है। बस यहां के लोगों को जो बात सबसे ज्यादा खटक रही है, वह यह कि यहां का प्रशासन बस समाजवादी नेता बाबू विश्राम व महापंडित राहुल सांकृत्यायन पर मेहरबान है। महापंडित भी समाजवादी राह पर ही चलते रहे हैं। लोगों को लग रहा कि ऐसा करके यहां का प्रशासन समाजवादी वोटों में सेेंधमारी का प्रयास सरकार के लिए कर रहा है।

यही वजह है कि जहां बाबू विश्राम राय व महापंडित राहुल सांकृत्यायन की नई प्रतिमाएं स्थापित हो रही हैं, वहीं इन दोनों की प्रतिमाओं व पार्क पर भी काफी खर्च किया जा रहा है। जबकि कई प्रमुख लोग पूरी तरह से उपेक्षित किए गए हैं। उपेक्षित किए गए इन महापुरुषों में अयोध्या प्रसाद उपाध्याय हरिऔध, पं लक्ष्मी नारायण मिश्र, कैफी आजमी, अल्लामा शिब्ली नोमानी सरीखे लोग हैं। इन महापुरुषों के नाम पर प्रशासन एक कौड़ी भी नहीं खर्च कर रहा है।

छह चौराहों पर लगेगी लाइट

आजमगढ़ शहर के छह प्रमुख चौराहों को हाईमास्ट लाइटों से जगमगाने की योजना बनायी गयी है। करीब 55 लाख से होने वाले इस कार्य में जुनैदगंज चौराहा, नरौली चौराहा, शारदा चौराहा, हाफिजपुर, छतवारा मोंड़ और सिविल लाइंस चौराहे पर लाइटें लगाई जाएंगी।

दस करोड़ से गलियां और नालियां बनेंगी

डूडा की ओर से लगभग 10 करोड़ की लागत से मलिन बस्तियों के साथ ही शहर के अन्य क्षेत्रों में गलियां और नालियां विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस बाबत पूछे जाने पर पीओ डूडा ने बताया कि एक सप्ताह के अन्दर प्रस्ताव बन जाएगा।

84 लाख से बनेंगे पांच जगहों पर शौचालय

प्राधिकरण की ओर से शहर के पांच प्रमुख स्थानों पर सार्वजनिक शौचालय बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। 84 लाख रुपये से इन शौचालयों का निर्माण रैदोपुर सलारपुर मुसहर बस्ती और जजी मैदान में किया जाएगा। जजी मैदान में निर्माण के लिए जिला जज में अनुमति के लिए पत्र भी भेजा गया है। इसके अलावा जिन अन्य प्रमुख स्थानों पर शौचालय बनेगा उसके लिए स्थान चिन्हित किए जा रहे हैं।

जिलाधिकारी के निर्देश पर अवस्थापना निधि से पार्कों व सडक़ों के विकास, टायलेट बनाने और हाईमास्ट लाइट लगाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सडक़ों के प्रस्ताव में थोड़ा कार्य बाकी है। जिलाधिकारी और मंडलायुक्त के अनुमोदन के बाद कार्य किया जाएगा।

बाबू सिंह

एडीए सचिव



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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