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अंबेडकर नगर: पुलिस हिरासत में आजमगढ़ के युवक की मौत

अम्बेडकरनग की स्वाट टीम की कस्टडी में रहे आजमगढ़ के पवई थाने के एक युवक की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

Ashiki
Published on: 26 March 2021 6:06 PM IST
Ambedkar Nagar police
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जलालपुर विधायक सुभाष राय (फाइल फोटो )

अम्बेडकरनगर: अम्बेडकरनग की चर्चित स्वाट टीम की कस्टडी में रहे आजमगढ़ के पवई थाने के एक युवक की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक की मौत से पुलिस के हाथ-पांव फूल गये तथा रात में ही पवई थाने के माध्यम से पुलिस ने परिजनों को उसके गम्भीर हालत में होने की सूचना भेजवाई।

परिजनों ने पुलिस को ठहराया जिम्मेदार

सूचना मिलने के बाद भी परिजनों को जिले की पुलिस घंटो छकाती रही। आखिरकार जलालपुर के विधायक सुभाष राय द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद असलियत सामने आ सकी। इसके बाद परिजन जिला अस्पताल पंहुचे जहां उन्होंने जियाउद्दीन की मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई से जियाउद्दीन की मौत हुई है। मृतक के परिजनों की मांग पर चिकित्सकों के पैनल द्वारा वीडियो ग्राफी के साथ पोस्ट मार्टम कराने का निर्णय लिया गया।

पुलिस अधीक्षक ने दिए जांच के आदेश

उधर मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने पूरी स्वाट टीम को लाइन हाजिर करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक को जांच सौंपी है। उन्होंने यह भी बताया कि पूरे प्रकरण की मजिस्ट्रेट स्तर की जांच की संस्तुति की गई है। उल्लेखनीय है कि आजमगढ़ जिले के पवई थाना अन्तर्गत हाजीपुर कुुदरत गांव निवासी 36 वर्षीय जियाउद्दीन को देवेन्द्र पाल सिंह के नेतृत्व वाली स्वाट टीम ने दो दिन पूर्व उस समय उठा लिया था जब वह घर से कहीं निमंत्रण खाने के लिए निकला था।

लकड़ी का व्यवसाय करने वाले जियाउद्दीन के घर न पंहुचने पर परिजन उनकी तलाश में परेशान थे। इसी बीच गुरूवार की रात लगभग तीन बजे मृतक की पत्नी व गांव के कुछ लोगों के नंबर पर पवई थाने से जियाउद्दीन के गम्भीर हालत में अम्बेेडकरनगर के जिला अस्पताल में भर्ती होने की सूचना दी गई। इस सूचना के बाद परिजन उसकी तलाश में जुट गये थे। उधर जियाउद्दीन की हालत बिगड़ने के बाद स्वाट टीम के सिपाही हरिकेश यादव ने उसे रात एक बजकर 22 मिनट पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया था जहां बीस मिनट बाद ही उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करने के लिए भी तहरीर दी है।

उनका कहना है कि जियाउद्दीन के विरूद्ध सामान्य मार-पीट के अलावा कोई भी मुकदमा नही है। दूसरी तरफ मृतक के भाई शहाबुद्दीन ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा तीन लाख रूपये की मांग की गई थी तथा उसके भाई ने भाभी को फोन करके कहा था कि जल्द पैसे की व्यवस्था कर दो नही तो मुझे मार डालेंगे। परिजनों के इस आरोप के बाद पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि परिजनों के हर आरोपों की जांच कराई जायेगी।

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