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Azamgarh News:आजमगढ़ में 25वें पुस्तक मेले का भव्य आयोजन, DM बोले– "युवाओं में पढ़ाई की आदत डालने से बनेगा श्रेष्ठ भारत
Azamgarh News: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के सहयोग से, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश जिला प्रशासन आजमगढ़ एवं शुरूआत समिति की संयुक्त पहल पर आजमगढ़ के साहित्य प्रेमियों के लिए 25वें आजमगढ़ पुस्तक मेले का भव्य आयोजन किया गया।
25th book fair 2025 DM said inculcating habit of youth reading (Photo: Social Media)
Azamgarh News: मार्च नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयोग से पर्यटन एवं संस्कृति विभाग उ. प्र. जिला प्रशासन आजमगढ़ और शुरुआत समिति की संयुक्त पहल से आजमगढ़ के साहित्य प्रेमियों के लिए 25वें आजमगढ़ पुस्तक मेले का भव्य आयोजन हरिऔध कला केंद्र आजमगढ़ में किया गया।मेले का आयोजन श्री मुकेश कुमार मेश्राम की प्रेरणा से एवं मेले कर उद्घाटन श्री नवनीत चहल के कर-कमलों द्वारा संपन्न हुआ। इस वर्ष का पुस्तक मेला शिक्षा, साहित्य, कला और इतिहास के प्रति जनमानस को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों से भरपूर रहा।मेले का संयोजन मुख्य विकास अधिकारी आजमगढ श्री परीक्षित खटाना ने किया।
युवा जब साहित्य से जुड़ेंगे, तभी श्रेष्ठ भारत के निर्माण की कल्पना साकार होगी
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री नवनीत चहल ने कहा कि युवा जब साहित्य से जुड़ेंगे, तभी श्रेष्ठ भारत के निर्माण की कल्पना साकार होगी। पुस्तकें हमें नई दिशाओं की ओर ले जाने के साथ-साथ हमारी संस्कृति और परंपराओं से रूबरू कराता है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से पर्यटन एवं संस्कृति परिषद आजमगढ़ पुस्तक मेला लगायेगा और इसे हर वर्ष जारी रखा जायेगा।
पुस्तक मेले का उद्देश्य युवाओं में पढ़ने की आदत विकसित करना
मेले के उद्घाटन अवसर पर जिलधिकारी आजमगढ ने कहा कि पुस्तक मेले का उद्देश्य युवाओं में पढ़ने की आदत विकसित करना है, ताकि वे ज्ञान और बौद्धिकता के मार्ग पर आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला केवल किताबों का आदान-प्रदान करने का मंच, बल्कि यह विचारों, संस्कृतियों और ज्ञान संगम है। आजमगढ़ के लोग साहित्य के प्रति हमेशा जागरूक रहे हैं और यह मेला उनकी बौद्धिक संपन्नता को और समृद्ध करने का कार्य कर रहा है।
ये रहें मौजूद
इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में प्रसिद्ध लेखिका श्रीमती नीरजा माधव ने साहित्य के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि पुस्तकें केवल ज्ञान का स्रोत नहीं होतीं, बल्कि वे हमारी सोच को दिशा देने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम भी होती हैं। जब युवा पुस्तकें पढ़ते हैं, तो वे अपने, विचारों को स्पष्टता और गहराई से विकसित कर सकते हैं।उद्घाटन समारोह में भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री घनश्याम पटेल, इतिहास विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर श्री अल्लाउदीन, रवींद्रनाथ राय, प्रभात बरनवाल, जयपुरिया र्यि आलोक जयसवाल, सेंटल स्कूल के मैनेजर श्री अयाज अहमद खान, श्री सुधांशु मिश्रा, अनिल राय आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस वर्ष पुस्तक मेले में विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया और बाल मंडप कार्यशाला में अपनी चित्रकला प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस कार्यशाला में बच्चों ने अपनी कल्पनाओं को रंगों के माध्यम से व्यक्त किया, जिससे उनकी सृजनशीलता और कला के प्रति रुचि को बढ़ावा मिला। बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक मुद्दों और ऐतिहासिक विषयों पर अपनी कला को प्रस्तुत किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा देना और उन्हें आत्म-अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित करना था।
अन्य भाषाओं की लाखों पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई
सेंट्रल पब्लिक स्कूल, जे डॉन वास्को स्कूल के विद्यार्थियों ने चित्रकला कार्यशाला में भाग लिया और संगीत, लोक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं।मेले में देशभर के विभिन्न प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेता हिस्सा ले रहे हैं जिसमे नेशनल बुक ट्रस्ट, साहित्य अकादेमी, राजकमल प्रकाशन, किताबघर, रेख़्ता, नयी किताब, सामायिक प्रकाशन, जनचेतना, अनबाउंड स्क्रिप्ट आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं । हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, संस्कृत और अन्य भाषाओं की लाखों पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई जा रही है।