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Azamgarh News: करियर काउंसलर ने एसकेडी विद्या मंदिर के विद्यार्थियों का किया मार्गदर्शन, बोर्ड परीक्षा में सफलता का दिया मंत्र
Azamgarh News: बोर्ड परीक्षा में सफलता का मंत्र देते हुए उन्होनें कहा कि विद्यार्थियों को सबसे पहले बोर्ड परीक्षा के डर को अपने मन से निकाल देना चाहिए तत्पश्चात यह निश्चित कर लेना चाहिए कौन सी विषय में उनकी पकड़ कम है उस पर अधिक से अधिक फोकस करना चाहिए।
Azamgarh News: आजमगढ़ जनपद के जहानागंज क्षेत्र के एसकेडी विद्या मन्दिर धनहुंआ में विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए करियर गाइडेंस व काउंसलिंग कायक्रम का आयोजन किया गया।जिसमें एसकेडी इण्टर कालेज एवं एसकेडी विद्या मन्दिर के विद्यार्थियों ने भाग लेकर करियर काउंसलर से आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन लिया।
कार्यक्रम की शुरूआत विद्यालय की प्रधानाचार्या प्रीती यादव एवं करियर काउंसलर कल्पना चौहान द्वारा संयुक्त रूप से वाग्देवी मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण से हुई। अपने उद्बोधन में देश की जानी मानी करियर काउंसलर कल्पना चौहान ने कहा कि बहुत से छात्रों को यह तो पता होता है कि उन्हे क्या बनना है लेकिन यह पता नहीं होता है कि कैसे बनना है। यह सदी बेहद प्रतिस्पर्धात्मक सदी है। इसमें सफल होने के लिए संप्रेषण, अलग हठ कर सोचने की क्षमता, रचनात्मकता, और टीम भावना बेहद जरूरी है। आज करियर चुनने के लिए अनेक क्षेत्र हैं। पेशा कोई भी चुना जा सकता है लेकिन उस पेशे में पूर्ण सफल होने के लिए यह जानना ही होगा कि मुख्य जरूरत क्या है।
बोर्ड परीक्षा में सफलता का मंत्र देते हुए उन्होनें कहा कि विद्यार्थियों को सबसे पहले बोर्ड परीक्षा के डर को अपने मन से निकाल देना चाहिए तत्पश्चात यह निश्चित कर लेना चाहिए कौन सी विषय में उनकी पकड़ कम है उस पर अधिक से अधिक फोकस करना चाहिए। गणित आदि कई विषय ऐसी होती हैं जिसका डर हमारे मन में बना रहता है उससे हम उन पर ध्यान नहीं दे पाते हैं लेकिन डर छोड़कर जब हम इनमें डूबें तो पायेगें कि कठिनाई नाम की कोई चीज ही नहीं है।
विद्यालय के छात्र/छात्राओं द्वारा करियर से संबन्धित विभिन्न प्रश्न किये गये जिसका काउंसलर द्वारा सम्यक हल बताया गया। कार्यक्रम का समापन करते हुए एसकेडी इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य केके सरन ने विद्यार्थियों को कार्यक्रम में बताये गये बिन्दुओं को अपनाकर जीवन में सफलता की राह पर अग्रसित होने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संतोष, राकेश, कृष्ना, राजेश, रंजना, रूबी आदि का योगदान अहम रहा।