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Azamgarh News: कमिश्नर, DIG ने दफ्तरों का किया औचक निरीक्षण, कर्मचारियों से अनुपस्थिति पर मांगा स्पष्टीकरण, अधिकारियों को दी सख्त चेतावनी
Azamgarh News: 21 जनवरी को मण्डलायुक्त विवेक और डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने रानी की सराय स्थित विभिन्न सरकारी कार्यालयों, जिनमें विकास खंड कार्यालय, पीएचसी और स्थानीय थाना शामिल थे, का औचक निरीक्षण किया।
Azamgarh News: 21 जनवरी को मण्डलायुक्त विवेक और डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने रानी की सराय स्थित विभिन्न सरकारी कार्यालयों, जिनमें विकास खंड कार्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और स्थानीय थाना शामिल थे, का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विकास खंड कार्यालय में दो कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।
मण्डलायुक्त ने अनुपस्थित कर्मचारियों को तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। थाना निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कई पुराने अपराधों को अद्यतन नहीं किया गया था, जिसके कारण संबंधित सिपाही को अंतिम चेतावनी दी गई। इसके अतिरिक्त, विवेचक से अपूर्ण जांच के लिए स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया। महिला हेल्पडेस्क को सुविधाजनक स्थान पर न बनाए जाने और अन्य समस्याओं जैसे फाइलों का अव्यवस्थित रख-रखाव तथा परिसर की साफ-सफाई न होने के कारण थाना प्रभारी को भी स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया।
निरीक्षण की शुरुआत रानी की सराय के विकास खंड कार्यालय से हुई, जहां तकनीकी सहायक रोहित कुमार उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करने के बावजूद अनुपस्थित पाए गए, जबकि ग्राम पंचायत अधिकारी अनीता यादव बिना अनुमति के अनुपस्थित थीं। दोनों कर्मचारियों को तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं की समीक्षा के दौरान यह जानकारी दी गई कि मुख्य रूप से चक बाहा निर्माण, बाहा की सफाई और पशुशेड निर्माण कार्य चल रहे हैं। इसके अलावा, एनआरएलएम के तहत 100 दिनों के रोजगार का कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लखपति बनाने का लक्ष्य लगभग पूरा हो चुका है। मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी अधिकारी और कर्मचारी समय से कार्यालय में उपस्थित रहें और पूरी समय अवधि तक कार्यालय में मौजूद रहें। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को जन समस्याओं का गुणात्मक समाधान करना चाहिए और कोई भी शिकायत नहीं मिलनी चाहिए, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पीएचसी के निरीक्षण के दौरान एमओआईसी डॉ. मनीष तिवारी और अन्य चिकित्सक मौके पर उपस्थित थे। एमओआईसी ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में छह बिस्तरों की व्यवस्था है और स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती एक मरीज के परिजनों से पूछताछ करने पर उन्होंने किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं की और व्यवस्था को सही बताया।
मण्डलायुक्त और डीआईजी ने थाना रानी की सराय का भी विस्तृत निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने सबसे पहले सीसीटीएनएस विभाग की जांच की और ऑनलाइन एफआईआर के बारे में संबंधित सिपाही से पूछताछ की। महिला हेल्पडेस्क को थाने के अंदर एक कठिन स्थान पर पाया गया, जबकि इसे एक सुविधाजनक स्थान पर होना चाहिए था, ताकि पीड़ित महिलाएं आसानी से पहुंच सकें। इसके अलावा, थाना परिसर में फाइलों का रख-रखाव ठीक नहीं था और कक्षों तथा परिसर में साफ-सफाई का अभाव था, जिस पर थाना प्रभारी को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
निरीक्षण में यह भी पाया गया कि विवेचक धीरज पटेल द्वारा मामलों की विवेचना समय पर पूरी नहीं की गई थी, जिसके लिए उन्हें स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। अपराध रजिस्टर और ड्यूटी रजिस्टर के अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ कि सिपाही प्रमोद ने पुराने मामलों को अद्यतन नहीं किया था, जिस पर अधिकारियों ने असंतोष व्यक्त किया और प्रमोद को अंतिम चेतावनी दी गई।
अंत में, मण्डलायुक्त और डीआईजी ने थाना परिसर में चल रहे निर्माण कार्य और नवनिर्मित बैरक का भी निरीक्षण किया। मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया कि बैरक से संबंधित सभी जानकारी साइन बोर्ड पर अंकित की जाए। इस निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कार्यालयों और थाना परिसर में सुधार की आवश्यकता को स्पष्ट किया और जनता की समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता दी। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी शिकायत या लापरवाही की स्थिति में सख्त कार्रवाई की जाएगी।