Azamgarh News: अस्पताल में डिलवरी के दौरान महिला की मौत, परिजनों ने लगाया डॉक्टर पर लापरवाही करने का आरोप

Azamgarh News: इलाज के कुछ ही देर बाद जब नीतू की मौत हो गई। तो जब हम लोगों ने डॉक्टर के द्वारा लापरवाही से हुई मौत के लिए हंगामा किया तो वहां के स्वास्थ कर्मी जबरदस्ती एबुंलेस से उसके शव को घर छोड़ फरार हो गए।

Shravan Kumar
Published on: 30 July 2024 3:21 PM GMT
Doctors Due to negligence, a woman died during delivery in the hospital
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डॉक्टरों की लापरवाही से अस्पताल में डिलवरी के दौरान महिला की मौत: Photo- Newstrack

Azamgarh News: आजमगढ़ जनपद के देवगांव कोतवाली क्षेत्र के पल्हना मुख्य मार्ग स्थित लालगंज मसीरपुर बाजार में सोमवार की दोपहर को विश्वकर्मा अस्पताल में प्रसव के दौरान महिला की हालत बिगड़ने लगी और डिलवरी के बाद प्रसुता की मौत हो गई।

परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल किया। जिसके बाद अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने जबरदस्ती प्रसूता के शव को अपने एबुंलेस से उसके घर पहुंचाकर फरार हो गए। परिजनों ने पुलिस को फोन कर घटना से अवगत कराया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मेंहनगर के मनियरा गांव निवासी 28 वर्षीय नीतू नौ माह की गर्भवती थी। सुबह प्रसव पीड़ा होने पर परिजन देवगांव कोतवाली क्षेत्र के पल्हना मुख्य मार्ग स्थित लालगंज मसीरपुर बाजार के पास विश्वकर्मा हास्पिटल में भर्ती कराया जहां दोपहर को चिकित्सक डॉक्टर बीएल विश्वकर्मा द्वारा आपरेशन से नीतू को बच्ची पैदा हुई। कुछ ही देर बाद उसकी हालत बिगडने लगी तो परिजन उसे रेफर करवाने के लिए डॉक्टर से कह रहे थे लेकिन डॉक्टर मामले को सही होने का हवाला देते रहे।

पति विजय कुमार ने चिकित्सक पर इलााज में लापरवाही का आरोप लगया कि हालत बिगड़ने के बाद रेफर करने के लिए डॉक्टर से विनती करता रहा लेकिन डॉक्टर सब कुछ सही होने का हवाला देते रहे। इलाज के कुछ ही देर बाद जब नीतू की मौत हो गई। तो जब हम लोगों ने डॉक्टर के द्वारा लापरवाही से हुई मौत के लिए हंगामा किया तो वहां के स्वास्थ कर्मी जबरदस्ती एबुंलेस से उसके शव को घर छोड़ फरार हो गए। मौत की खबर से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतिका एक बच्ची की मां थी।

सोमवार को कमिश्नर की जांच में अस्पताल की खुली पोल

कमिश्नर मनीष चौहान ने मंडलीय अस्पताल पर सोमवार को आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान 22 डॉक्टर व कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।जिस पर उन्होंने सभी का एक दिन का वेतन काटने और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। जनपद आजमगढ़ में तमाम प्राइवेट हॉस्पिटल खुले हैं। किसी का रजिस्ट्रेशन है किसी का रजिस्ट्रेशन नहीं है। स्वास्थ्य विभाग भी अनदेखी करता है। क्षेत्र में तमाम झोलाछाप डॉक्टर ऐसे हैं जिनके पास कोई डिग्री नही है। ना कोई अनुभव है। बोर्ड लगाकर मरीज का जमकर शोषण करते हैं। जिला प्रशासन का कोई लगाम नहीं है। सरकारी अस्पताल में मरीज के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। जब मरीज डॉक्टर के पास अपनी बीमारी बताते हैं तो डॉक्टर अस्पताल के अंदर से ज्यादा कमीशन की दवा लिखते हैं। इसके अलावा पूरे जनपद में कई ऐसे पैथोलॉजी खुले हैं, जो जांच के नाम पर मरीजों का शोषण करते हैं। उनके पास कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है, न कोई डिग्री है।

Shashi kant gautam

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