×

Azamgarh News : जिंदगी और मौत से जूझ रही गैंगरेप पीड़िता ने आखिरकार अस्पताल मे तोड़ा दम

Azamgarh News : आजमगढ़ के अहरौला क्षेत्र की एक गैगरेप पीड़िता को न जाने किस कसूर की सजा मिली है। जिंदगी और मौत से जूझ रही है पीड़िता ने अस्पताल मे आखिरकार दम तोड़ दिया है।

Shravan Kumar
Published on: 17 Dec 2024 10:15 PM IST
Azamgarh News : जिंदगी और मौत से जूझ रही गैंगरेप पीड़िता ने आखिरकार अस्पताल मे तोड़ा दम
X

Azamgarh News : आजमगढ़ के अहरौला क्षेत्र की एक गैगरेप पीड़िता को न जाने किस कसूर की सजा मिली है। जिंदगी और मौत से जूझ रही है पीड़िता ने अस्पताल मे आखिरकार दम तोड़ दिया है। पुलिस ने सराहनीय कार्य करते हुए एक सामूहिक दुष्कर्म की शिकार गर्भवती विधवा महिला की हालत गंभीर होने पर खून कमी होने पर पुलिस ने तीन यूनिट खून दिया था। हालत गंभीर होने पर डाक्टरों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजनों की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर पुलिस के सहयोग से आजमगढ़ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुलिस सूत्रों की मानें तो वहां का बिल भी अहरौला पुलिस के द्वारा वहन किया गया है, जहां पीड़िता की इलाज के दौरान मौत हो गई। पीड़िता के पास एक बीस साल का पुत्र है। दस साल पहले मृतका के पति की मौत हो गई थी। वहीं, परिवार के करीबियों का कहना है कि पुलिस ने मुकदमा लिखने की देरी की। पीड़िता की हालत गंभीर होने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। अहरौला थाना क्षेत्र की एक मंदबुद्धि विधवा महिला के साथ पांच माह पूर्व चार से छह लोगों द्वारा गैंग बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और वह गर्भवती हो गई थी। जब उक्त महिला की हालत खराब होने लगी तो परिजनों को इसकी जानकारी हुई, उसके बाद परिजनों ने थाने पर पहुंच कर पुलिस को घटना के बावत शिकायती पत्र दिया।

पुलिस ने गैंगरेप का केस दर्ज कर लिया, जब युवती चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जिला अस्पताल में गई तो उसकी हालत बिगड़ने लगी और जांच में यह पता चला कि वह पांच माह से गर्भवती है और उसके शरीर में नाम मात्र का खून बचा है। उसके बाद चिकित्सकों ने उसके परिजनों से खून की व्यवस्था करने को कहा। जब खून उपलब्ध नहीं हो सका तो परिजनों ने इसकी जानकारी थानाध्यक्ष अहरौला मनीष पाल को दिया।

थानाध्यक्ष ने तत्परता दिखाते हुए थाने पर तैनात हेड कांस्टेबल आशुतोष त्रिपाठी और पुलिस लाइन में तैनात कांस्टेबल नीरज गौड़ के साथ अस्पताल पहुंच कर तीन यूनिट रक्त दान भी किया था। मामले में पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ 13 दिसंबर को मुकदमा पंजीकृत किया था, जिसमें सन्नी, अनूप, रामभुवन, राम अशीष, उर्मिला शामिल हैं। सोमवार की भोर में ही मायके वाले पीड़िता का शव कप्तानगंज थाने में स्थित मायके लेकर चलें आये। सूचना पर मंगलवार को सीओ बूढ़नपुर किरण पाल सिंह व अहरौला थाने के उपनिरीक्षक श्यामप्रीत दूबे, विश्राम गुप्ता, विजय कुमार आदि ने पहुंच कर लिखा पढ़ीं कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम में भेज दिया।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

Next Story