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Azamgarh News: लाखों रुपये के गबन के आरोप में ग्राम पंचायत अधिकारी सस्पेंड, मचा हड़कंप
Azamgarh News: कोर्ट के आदेश पर पंचायती राज विभाग द्वारा 25 नवंबर को धीरेंद्र जैसल तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम पंचायत सद्दोपट्टी विकास खंड ठेकमा को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन जवाब नहीं दिया गया।
Azamgarh News: 28 दिसम्बर आजमगढ़ जनपद के ठेकमा ब्लॉक के सद्दोपट्टी गांव में जिला पंचायत अधिकारी ने जांच किया तो विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान गलत तरीके से किया गया है। पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। ऐसे में पंचायत सचिव धीरेंद्र जैसल को निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक ठेकमा बाजार निवासी आनंद यादव उप्र इंजीनियर कंपनी फर्म ने सद्दोपट्टी विकास खंड ठेकमा में वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य वित्त व 14वें वित्त और 15वें वित्त से संबंधित कार्य परियोजना के अंतर्गत कराए गए कार्य के लंबित भुगतान के संबंध में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट याचिका दायर की गई थी। कोर्ट के आदेश पर पंचायती राज विभाग द्वारा 25 नवंबर को धीरेंद्र जैसल तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी ग्राम पंचायत सद्दोपट्टी विकास खंड ठेकमा को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उनके द्वारा जवाब नहीं दिया गया।
जांच समिति गठित
इसके बाद दो दिसंबर को प्रकरण के निस्तारण के लिए जांच समिति गठित की गई। समिति ने जांच की तो पता चला कि तत्कालीन प्रधान लल्लन यादव ने अपने दोनों पुत्रों की फर्मों से ग्राम पंचायत में कार्य कराए जो कि स्वयं में इनकी संदिग्ध कार्यप्रणाली को प्रदर्शित करता है। इन्हीं फर्मों में से एक फर्म द्वारा आरोपी ने अवशेष धनराशि की मांग की, जबकि ई. ग्राम स्वराज पोर्टल पर उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर स्थिति भिन्न पाई गई है। तत्कालीन प्रधान लल्लन यादव और सचिव धीरेंद्र जैसल द्वारा फर्म के चयन में भी अनियमितता की गई है। हैंडपंप लगवाने और चबूतरे बनवाने में भी गड़बड़ी सामने आई है। क्योंकि ये सभी कार्य मौके पर लाभार्थियों ने खुद कराए हैं।
ग्रामवासियों व वर्तमान प्रधान के बयान के अनुसार तत्कालीन प्रधान ने कुछ हैंडपंप निजी जमीनों पर लगाए हैं। इसके अलावा भी गांव के परिषदीय विद्यालय के कोष से भी धन इधर-उधर किए गए हैं। इन सभी मामलों में तत्कालीन ग्राम प्रधान लल्लन यादव, सचिव धीरेंद्र जैसल और अवर अभियंता आरईडी विनय कुमार सिंह उत्तरदायी हैं। इस मामले में तत्कालीन सचिव धीरेंद्र जैसल को पूर्णतया दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और विकास खंड लालगंज से संबद्ध किया गया है।