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Azamgarh News: हिंसाग्रस्त किर्गिस्तान में फंसे आधा दर्जन छात्र, परिजनों को सताने लगी चिंता
Azamgarh News: परिजनों के अनुसार निजामाबाद के सुराई निवासी मो. आतिफ, अबु होरैरा व चकिया हुसैनाबाद निवासी युसूफ के वापसी का टिकट हो गया है। 29 मई को तीनों लौट रहे हैं।
Azamgarh News: एमबीबीएस की पढ़ाई करने किर्गिस्तान गए भारत के कई छात्र वहां फंसे हैं। इन दिनों वहां हिंसा फैली हुई है। स्थानीय लोग बाहरियों पर हमला कर रहे हैं। हिंसा फैलने की जानकारी होने पर यहां से गए छात्रों के परिजनों को उनकी चिंता सताने लगी है। जिले के आधा दर्जन छात्र वहां पढ़ाई के लिए गए हैं। सभी अपने बच्चों के सलामती की दुआ करने के साथ ही जल्द से जल्द घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
आजमगढ़ जिले से भी आधा दर्जन छात्र किर्गिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें निजामाबाद थाना क्षेत्र के सुराई गांव के दो, चकिया हुसैनाबाद का एक, सरायमीर खरेवां मोड़ का एक व बिलरियागंज क्षेत्र के दो छात्र हैं। इनमें तीन छात्रों के वापसी का टिकट हो गया है। परिजनों के अनुसार निजामाबाद के सुराई निवासी मो. आतिफ, अबु होरैरा व चकिया हुसैनाबाद निवासी युसूफ के वापसी का टिकट हो गया है। 29 मई को तीनों लौट रहे हैं। अन्य परिजन भी अपने बच्चों को हिंसाग्रस्त किर्गिस्तान से वापस बुलाने की तैयारी में हैं। वाट्सएप कॉल पर सुराई निवासी आतिफ ने बताया कि 13 मई से यहां के हालात खराब हैं।
हर विदेशी छात्रों पर हमला
पहले तो सिर्फ पाकिस्तानी छात्रों पर हमला हो रहा था, लेकिन अब हर विदेशी छात्रों पर हमला किया जा रहा है। हम सभी हास्टल में हैं। बाहर एकदम नहीं निकलने दिया जा रहा है। फिलहाल हम सुरक्षित हैं। उसने बताया कि जिले से कितने छात्र यहां होंगे यह बता पाना संभव नहीं है। लेकिन फिलहाल मैं, अबु होरैरा व युसूफ एक साथ 15 फरवरी 2023 को यहां पढ़ाई करने आए थे और अब यहां के हालात को देखते हुए 29 मई को घर वापसी कर रहे हैं। हमारे टिकट भी हो चुके हैं। सुराई गांव निवासी डॉ. इरफान ने बताया कि बच्चों से लगातार बातचीत हो रही है। छात्र पूरी तरह से सुरक्षित हैं। अभी खाने पीने की भी कोई दिक्कत नहीं है लेकिन सभी हास्टल में कैद हैं। आगामी 29 मई को छात्रों की घर वापसी की फ्लाइट है। अब बच्चे घर लौट आएं फिर जैसे वहां के हालात होंगे वैसा आगे उन्हें भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले के छह बच्चों के किर्गिस्तान में फंसे होने की जानकारी है। जिसमें दो तो मेरे परिवार के मो. आतिफ व अबु होरैरा हैं। इसके अलावा एक चकिया हुसैनाबाद का युसूफ, दो बिलरियागंज व एक खरेवां मोड़ सरायमीर का है।