Azamgarh News: प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर महापंडित राहुल सांकृत्यायन की मनाई गई जयंती

Azamgarh News: महापंडित राहुल सांकृत्यायन की जयंती पर उनके जन्मस्थान पंदहा रानी की सराय में उनके अनुयायियों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की ।

Shravan Kumar
Published on: 9 April 2024 3:15 PM GMT
Mahapandit Rahul Sankrityayans birth anniversary was celebrated by offering floral tributes on the statue
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प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर महापंडित राहुल सांकृत्यायन की मनाई गई जयंती: Photo- Newstrack

Azamgarh News: आजमगढ़ में मंगलवार को महा पंडित राहुल सांकृत्यायन की जयंती पर उनके जन्मस्थान पंदहा रानी की सराय में उनके अनुयायियों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और "राहुल के अरमानों को हम मंजिल तक पहुचायेंगे, जब तक सूरज चांद रहेगा-राहुल जी का नाम रहेगा" नारे लगाये। उसके बाद 'राहुल जन पुस्तकालय पर राधेश्याम पाठक की अध्यक्षता में वर्तमान समय में राहुल की प्रासंगिकता विषय पर गोष्ठी हुई, जिसका संचालन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, आज़मगढ़ के जिला सचिव जितेंद्र हरि पांडेय ने किया।

इस अवसर पर वरिष्ट कम्युनिस्ट एवं शिक्षक नेता कामरेड हरिमंदिर पांडेय ने राहुल सांकृत्यायन द्वारा लिखित चर्चित संस्मरण कनैला की कथा के हवाले से बताया कि 'राहुल के नाना की वंशावली में बलकू पाठक को अंग्रेजी सरकार ने 1857 में पेड़ पर लटकाकर फांसी की सजा दे दी थी। जब वह आज़मगढ़ से मालगुजारी की रशीद जमा करके घर वापस हो रहे थे। ऐसे परिवार में राहुल जी का जन्म और शिक्षा दीक्षा होने की वजह से ही राहुल जी महान यायावर दार्शनिक और चालीस भाषाओं के ज्ञाता की ख्याति प्राप्त की।


राहुल सांकृत्यायन की कृतियां

हरिगेन राम ने कहा कि 'राहुल सांकृत्यायन ज्ञान के पराकाष्ठा थे। उन्होंने तुम्हारी क्षय हो, भागो नहीं दुनियां को बदलो, साम्यवाद ही क्यों, बाईसवीं सदी ,दर्शन-दिग्दर्शन जैसी पुस्तकों को लिखकर समाज को ज्ञान का आईना दिखाया। अन्य वक्ताओं ने भी राहुल की महानता और ज्ञान के बखान के साथ ही राहुल के जन्मस्थान को आज तक उपेक्षित रखे जाने का आरोप यहां के जन प्रतिनिधियों पर लगाया।

रानी की सराय से लगभग दो किमी. दूर निजामाबाद रोड पर नहर से मात्र 500 मीटर दूर राहुल जन्मस्थान तक आज भी पक्की सड़क नहीं बनी। राहुल जन्म शताब्दी वर्ष पर तत्कालीन मुलायम की सरकार में अनेकों घोषणाएं हुई थी जो आज तक पंदहा के विकास की बाट जोह रही हैं।

मौजूद रहे

इस अवसर पर बेचू पाठक पाठक, विजय नारायण, पूर्व प्रधान अजय गुप्ता, आशा पाठक, खुशबू, ठाकुर प्रसाद, त्रिभुवन, सतीश पाठक, अमित यादव, सुनील प्रजापति, प्रशांत पांडेय, समीर, अमन, शीतला प्रसाद, राघवेंद्र, सूर्यनाथ, ठाकुर प्रसाद आदि लोग मौजूद रहे।

Shashi kant gautam

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