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Azamgarh News: 'वी द पीपल ऑफ़ इंडिया' अभियान के सहयोग से "संविधान से समाधान" विषय पर चला तीन दिवसीय प्रशिक्षण

Azamgarh News: 'वी द पीपल ऑफ़ इंडिया' अभियान के सहयोग से दिशा ग्लोबल फाउंडेशन संजरपुर में "संविधान से समाधान" विषय पर तीन दिवसीय सत्र का आयोजन सकुशल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

Shravan Kumar
Published on: 31 Jan 2025 8:29 PM IST (Updated on: 31 Jan 2025 8:36 PM IST)
Azamgarh News
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 'वी द पीपल ऑफ़ इंडिया' अभियान के सहयोग से "संविधान से समाधान" (Photo- Social Media)

Azamgarh News: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद में 'वी द पीपल ऑफ़ इंडिया' अभियान के सहयोग से दिशा ग्लोबल फाउंडेशन संजरपुर में "संविधान से समाधान" विषय पर तीन दिवसीय सत्र का आयोजन सकुशल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य संविधान के मौलिक अधिकारों, इसके मूल्यों, प्रस्तावना, अधिकारों और जिम्मेदारियों को आम जनता तक सरल और प्रभावी तरीके से पहुंचाना था।

संविधान के मौलिक अधिकारों पर हुई विस्तार से चर्चा

कार्यक्रम के दौरान संविधान के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें यह बताया गया कि संविधान हमारे जीवन को किस प्रकार गरिमामयी बनाता है और हमें इसे अपने व्यक्तिगत जीवन, परिवार, और समाज में किस प्रकार लागू करना चाहिए। विशेष रूप से, संविधान के मौलिक अधिकारों—स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व—को समझाने पर विशेष ध्यान दिया गया।

इसके साथ ही, यह भी बताया गया कि संविधान में हमारे कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को लेकर क्या प्रावधान हैं। हमें जिम्मेदारी से निभाना चाहिए। इस सत्र में 35 प्रतिभागियों ने भाग लिया और उन्हें संस्था के द्वारा चैम्पियन सर्टिफिकेट्स वितरित किए गए। समाजसेवी मिर्जा फजल रब अल फारुक पब्लिक स्कूल के प्रबंधक डॉ. मोहम्मद जीशान भी उपस्थित हुए।

सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला से मिली जानकारी को अपने ऊपर,परिवार और समाज में लागू करने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य सहजकर्ता के रूप में शोभना स्मृति और धनंजय राय ने संविधान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। इसके अलावा, दिशा ग्लोबल फाउंडेशन के मोहम्मद अकरम और तारिक शफीक ने इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया।

संविधान के प्रति जागरूकता

और भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन के महत्व को बताया। संविधान के विभिन्न आर्टिकल्स और उनके महत्व पर गहरी चर्चा करते हुए यह सत्र न केवल संविधान के अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास था। बल्कि यह समाज में संविधान के मूल्यों और विचारों को प्रगति की दिशा में स्थापित करने की ओर एक अहम कदम था।

आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रमों को आयोजित करने का संकल्प लिया गया, ताकि समाज में संविधान के प्रति जागरूकता व एक बेहतर लोकतांत्रिक समाज की ओर अग्रसर हो सकें।



Shashi kant gautam

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